अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होगी 30 को बैठक
बठिंडा कुलवंत हैप्पी, निकटवर्ती मंडी मौड़ नगर पालिका या ट्रक यूनियन के अध्यक्षों के चुनाव के वक्त होने वाले विवाद व तनातनी को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहती है। मंडी में अब भी नगर पालिका अध्यक्ष विरुद्ध अविश्वास मत पारित करने को लेकर अंदरूनी तौर पर शीतयुद्ध जारी है। इतना हीं नहीं, मंडी में कमेटी की अध्यक्षता कायम रखना और हासिल करना दोनों गुटों के लिए प्रतिष्ठित का सवाल बन चुका है। ऐसे में अपनी अपनी प्रतिष्ठित बचाने के लिए दोनों गुट कोई भी पैंतरा अपनाने से गुरेज नहीं करेंगे।
गौर तलब है कि आगामी 30 जून को नगर पालिका अध्यक्ष कुलदीप सिंह सिद्धू के विरुद्ध अविश्वास पैदा करने के लिए एक बैठक बुलाई गई है। सूत्र बताते हैं कि इस बैठक के दौरान 15 में से 12 पार्षद मौजूदा अध्यक्ष के विरुद्ध अपना मत देकर कमेटी भंग करने की घोषणा करेंगे। उधर, इस पद को बचाने के लिए मौजूदा अध्यक्ष के साथ पूर्व अध्यक्ष अपना पूरा जोर लगा रहा है, लेकिन विरोधी खेमे के पास प्रर्याप्त 12 पार्षद मौजूद हैं, दस तो पहले से ही अध्यक्ष के विरोध में थे, लेकिन दो पार्षद और कुछ महीने पहले ही विरोधी खेमे में आ मिले, जिसके कारण मौजूदा अध्यक्ष को अपना पद बचाना मुश्किल हो सकता है।
इधर, मौजूदा प्रमुख के विरोधी खेमे को डर है कि कहीं मौजूदा अध्यक्ष अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाकर उनके पार्षदों को नजरबंद न करवा दे, ऐसे में अब विरोधी खेमे ने अपने पार्षदों को चौकस कर दिया है कि वो सावधानी के साथ शहर आए जाए, और अकेले तो बिल्कुल न निकले। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले यह बैठक अप्रैल में होने वाली थी, लेकिन अध्यक्ष ने किसी कारणवश इसको रद्द कर दिया, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया, जो अभी मामला विचार अधीन है।
साफ सफाई का बुरा हाल : मौड़ मंडी की कोई भी गली ऐसी नहीं, जो कचरे व गढ्डों से मुक्त हो। जहां मंडी की हर गली में पड़े बड़े बड़े गढ़्डे हादसों को दावत दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गलियों किनारे नालियों में और उसके आस पास फैली गंदी बीमारियों को न्यौता दे रही है। नगर पालिका की अनदेखी के कारण पूरी मंडी गंदी का कुंड बनकर रह गई है, कोई भी गली ऐसी नहीं जहां से कोई राहगीर नाक पर रुमाल रखे बगैर तीन चार बार गुजर जाए। शहर में साफ सफाई का बुरा हाल बताता है कि किस तरह नगर पालिका के उच्चाधिकारी अपने पद को बचाने के लिए लगे हुए हैं, और उनको मंडी की जरा भी फिकर नहीं। मानसून सिर पर आ चुका है, ऐसे में गलियों में पड़े गढ़्डे और फैली गंदगी हादसों व बीमारियों को जन्म देगी।
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