लुधियाना। फौज में भर्ती के नाम फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। इसमें आर्मी से रिटायर्ड जवानों ने गैंग बनाकर रिटायर कैप्टन समेत 9 लोगों से 34 लाख की ठगी मार डाली। शातिर ठगों ने आर्मी के ही अधिकारियों की फर्जी मोहरें बनाकर जाॅइनिंग लेटर तक जारी कर दिए, लेकिन नौकरी की बजाय लोगों को मिला धोखा। थाना सदर रायकोट की पुलिस ने गांव बरमी निवासी सुखदीप सिंह, अवध बिहारी उपाध्याय और बनारस निवासी मनी भूषण पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी का पर्चा दर्ज किया है। फिलहाल आरोपियों की तलाश में रेड जारी है। पुलिस को दिए बयान में विसाखा सिंह ने बताया कि वो आर्मी से कैप्टन रिटायर हैं।
उनका एक बेटा है। गांव में एक चाय की दुकान पर आरोपी सुखदीप आया करता था, जोकि पास के ही गांव का है। उसने कहा कि वो बीएसएफ से रिटायर है, लेकिन उसकी वहां अच्छी-खासी पहचान है। अगर किसी को एमईएस (मिल्ट्री इंजीनियर सर्विस) में नौकरी पर लगाना हो तो उसके लिए मिनटों का खेल है। तभी वहीं होशियार सिंह आया जोकि उसी गांव का है।
उसने कहा कि सुखदीप ने उनके बेटा-बेटी को भी भर्ती करवाने का काम करवा दिया है। उसने जाॅइनिंग लेटर भी दिखा दिया। इससे विसाखा को यकीन हो गया। आरोपी ने कहा कि उसका एक साथी अवध बिहारी उपाध्याय है। इसके जरिए वो सारा काम करता है, वो भी बीएसएफ से रिटायर है। इतना बताने के बाद आरोपी ने सभी से 3.50 लाख रुपए कुछ-कुछ दिनों के गैप के बाद लेने लगा। कुछ कैश अवध और मनी भूषण के
अकाउंट में डलवाने लगा। इस तरह से करीब 9 लोगों को आरोपियों ने अपने झांसे में ले लिया। पैसे लेने के एक महीने बाद भी किसी को भी जाॅब नहीं मिली। थाना सदर रायकोट के जांच अधिकारी सईद शकील ने बताया कि आरोपियों के घरों पर रेड की थी, लेकिन वो सभी फरार हैं और उनके नंबर भी बंद आ रहे हैं, लेकिन उन्हें काबू कर लिया जाएगा।
एक-एक से लिए भर्ती के नाम पर 3.50 लाख, फिर 4 बार नासिक ले जाकर होटलों में भी कराया खर्च
आरोपी 2018 में 9 पीड़ितों के बच्चों के अलावा कुछ अन्य को भी ट्रेन से नासिक ले गया। इस दौरान ट्रेन की टिकट का खर्च उनसे लिया। फिर उन्हें होटल में ठहरा दिया, जहां उन्हें एक हफ्ते रखा और कहा कि अभी काम नहीं हो पाएगा। फिर उन्हें भेज दिया। इसी तरह से दो बार और आरोपी उन्हें नासिक ले गया, जहां एक फर्जी लिस्ट निकलवा दिखाई कि अभी लिस्ट में नाम नहीं आया। अगली बार जरूर होगा। अंत में चौथी बार कैप्टन विसाखा सिंह बच्चों के साथ खुद गया। जहां उसने कहा कि अधिकारी एक हफ्ते की छुट्टी पर हैं, लेकिन विसाखा को शक हुआ, वो वहां अधिकारियों के आॅफिस में पहुंच गए और उन्हें सारी बात बता जाॅइनिंग लेटर दिखाया। इसे देखने के बाद उक्त अधिकारी ने कहा कि ये फर्जी है। जिस अफसर की लेटर पर मोहरें लगी हैं, अफसर रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने गांव लौट पुलिस को शिकायत दी। फिर आरोपी सभी के पैसे लौटाने की बात कहने लगा और समझौता हो गया, लेकिन 2 साल तक न पैसे दिए और न ही जाॅब लगवाई।
लाखों की ठगी मामले के साथ लिंक कर रही पुलिस
लाखों की ठगी मामले के साथ लिंक कर रही पुलिस छह माह पहले लाडोवाल में भी आर्मी से निकाले हुए प्रदीप सिंह उर्फ स्वर्ण सिंह ने 100 से ज्यादा लोगों से भर्ती के नाम पर करोड़ों की ठगी मारी थी। फिलहाल रायकोट व लुधियाना दोनों की पुलिस आरोपी का लिंक भी चेक कर रही है कि कहीं उसका इन आरोपियों से कोई लिंक तो नहीं। फिलहाल आरोपी जेल में बंद है।