बठिंडा। नगर निगम सदन की आम बैठक में पार्षदों की सुनवाई न होने केञ् विरोध में कांग्रेसी व भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। पहले कांग्रेसी पार्षदों ने जनरल हाउस की मीटिंग का यह कहकर बायकाट कर दिया कि अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते हैं। कांग्रेसी वर्कञ्र निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हुए अपनी सीटों से उठकर कमिश्नर, मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर के समक्ष चटाई पर बैठ गए और फिर नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गए। इसके बाद दूसरी बार मीटिंग में माहौल उस समय फिर गर्म हो गया, जब भाजपा के पार्षद
कृष्ण कुमर ने कमिश्नर को कुञ्छ एतराज जनक शब्द कह डाले। पार्षद के ऐसे रवैया को देखते हुए कुञ्छ अन्य पार्षद गुस्से में लाल पीले हो गए, और मुख्य टेबल के पास पहुंच गए। मामला हाथोपाई तक पहुंच गया था। इसके अलावा मीटिंग हाल में लगाए हुए मायक भी दुरुस्त न होने के कारण पार्षदों ने हल्ला मचाया। इस बारे में पार्षदों का कहना था कि पिछले दो साल से इन मायकों को ठीक नहीं करवाया गया, जिसके कारण उनको बहुत दिक्कतें पेश आती हैं।
निगम बैठक में हड्डारोडी तबदील करने को मिली हरिझंडी
रिक्शा भाड़ा बढ़ाने को दी हरि झंडी
बठिंडा। नगर निगम जनरल हाऊस की बैठक में हंगामे केञ् बावजूद कुञ्छ महत्वपूर्ण फैसलों को स्वीकृति दी गई। इसमें डबवाली रोड पर बनी हड्डारोड़ी को रिहायशी इलाके से तबदील करने का सर्वसम्मति से फैसला लिया गया। हालांकि कुछ मामलों को खुली चर्चा करने के बाद पारित करने पर सहमति बनी। इस बैठक की अध्यक्षता नगर निगम मेयर बलजीत सिंह बीड़ बह्मिण, नगर निगम कमिश्नर रवि भगत व सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल ने की।
बैठक के दौरान बढ़ती महंगाई को देखते हुए रिक्शा किराये बढ़ाने, नगर निगम वाहनों के सरकारी इस्तेमाल का तेल व सर्विस खर्च वसूलने, डबवाली रोड़ स्थित हड्डा रोड़ी को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने जैसे अहम फैसलों को सर्वसम्मति के साथ पास किया गया। इसके अलावा सीएलयू चार्ज से जुडऩे, मॉडर्न म्यूनिसिपल बिल्डिंग बायलाज -२०१० अडॉप्ट करने संबंधी, सॉलिड वेस्ट के विकास के लिए धन एकत्र करने हेतु स्थानीय हाजी रतन रोड़ पर स्थित नगर निगम की जमीन को बेचने संबंधी मामलों को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है।
इस दौरान सीएलयू चार्ज के मामले ने काफी तूल पकड़ा। बैठक में उपस्थित पार्षदों ने कहा कि सीएलयू चार्ज का अधिकार स्थानीय स्तर पर होना चाहिए, न कि सरकार के पास क्योंकि ऐसे में नगर निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सीएलयू चार्ज के दायरे में करीब १५ फीस मार्ग आते हैं। इस दौरान कुछ पार्षदों ने कहा कि नियमों की धज्जियां उड़ाने वाली कुछ इमारतों को गिराने के हुकम देने का अधिकार नगर निगम के पास होना चाहिए। इसके अलावा इससे जुड़ा एक और मामला भी उठाया गया, जिसमें सरकार की कार्यवाई को काफी पेचींदा ठहराते हुए कहा कि अगर अंतिम फैसला नगर निगम की जनरल हाऊस मीटिंग में ही लिया जाना है तो इसको ऊपर सरकार के पास भेजने का क्या औचित्य है।
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