हरिदत्त जोशी
बठिंडा। दस साल से मंहगाई निरंतर बढ़ रही है, सरकार के साथ विपक्ष लंबे समय तक चुप्पी साधकर बैठा रहा लेकिन आज एकाएक भाजपा ने दूसरे दलों के साथ भारत बंद की घोषणा कर दी। इससे पहले भाजपा के साथ पूरे विपक्ष की चुप्पी यूपीए सरकार की मनमानी का समर्थन करते रहे जिसका नतीजा यह रहा है कि दाले बीस रुपये से एक सौ बीस रुपये तक पहुंच गई और रसोई गैस का सिलेंडर दो सौ से पौने चार सौ तक पहुंच गया। अगर समय पर यूपीए सरकार की मनमानी रोकी होती तो देश की जनता इतनी बेहाल नहीं होती। लोकतंत्र में संघर्ष और अपना विरोध जताने का सभी को अधिकार है लेकिन इस अधिकार की भी कुछ सीमाएं है जिसे लाघकर आप किसी का हित नहीं कर सकते हैं। हाल में आप और हमको महंगाई से बचाने के लिए जनता के हितैषी आज सडक़ों पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि अगर आज सारी दुकानें बंद रहें और गाड़ियां नहीं चलें तो महंगाई कम हो जाएगी। इसके लिए वे रेलवे स्टेशनों और सड़कों पर रुकावटें खड़ी कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि आज देश भर में कोई भी पहिया न चले। जो लोग इस बात को नहीं मानते कि बंद आयोजित करने से कोई फर्क पडता है, उनको ये सबक सिखाने के लिए तैयार खडे़ हैं। अब इन नौसखियों को कौन समझाएं कि लोगों को आंदोलन के लिए भड़काने वाले उनके दिग्गज सरकार के साथ मिले हुए है। सरकार की हर गतिविधि और निर्देशों में उनकी सहमती होती है अब आगे कुछ राज्यों में चुनाव हा और जनता को बेवकूञ्फ बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जो न तो देश के हित में है और न ही लोगों के हित में है। टेलीविजन खोलकर देखों तो खबरे आ रही है कि प्रदर्शनकारियों ने देश भर में हो हल्ला मचाया ,उन लोगों को थप्पड़ मारे जो ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। कहीं-कहीं वे बसों पर पथराव कर रहे हैं, कहीं-कहीं टायरों की हवा निकाल रहे हैं ताकि सडक़ों पर यातायात रुक जाए। पंजाब में तो बस सेवाएं ही बंद कर दी, इसमें लाखों लोग आवागमन नहीं कर पा रहे हैं। हजारों लोग ऐसे है जो अपना इलाज करवाने के लिए सीएमसी, डीएमसी या फिर पीजीआई में जाते हैं। अगर इन लोगों का शारीरिक नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी। क्या मंहगाई रोकने के इस ड्रामे से मंहगाई रूक जाएगी, कभी नहीं। न तो यूपीए सरकार गिरेगी और न ही मंहगाई रूपी दानव कम होगा। इन सभी दलों के नेता अभी घरों में सुस्ता रहे हैं और टीवी चैनलों पर ये तस्वीरें देखकर हर्षित हो रहे हैं। वाह, क्या कमाल कर दिया। सडक़ों पर गाडिय़ों की कतार लग गई है। लोग परेशान हैं कि आगे भी नहीं जा सकते, पीछे भी नहीं। लेकिन यह तो इनकी सजा है जो इन हितैषियों ने उनके लिए मुकर्रर की है। इन लोगों के डर से सभी लोग घरों में सिमट गए, स्कूल बंद हो गए। सड़कें जाम हो गईं और मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि इस बंद से न महंगाई डरेगी न सरकार। तो ऐसे कितने भी बंद करा लो, यह यूपीए सरकार तो रहेगी और साथ में महंगाई भी रहेगी। लेकिन क्या यह जरूरी है कि महंगाई से परेशान जनता इस बंद नाम के तमाशे के कारण और परेशान हो।
No comments:
Post a Comment