चंडीगढ़ । पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल प्रोग्राम के दौरान पंजाब में 28 जगहों पर घेराव और बठिंडा समेत अन्य जगहों पर किसान संगठनों द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद पंजाब में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है। भाजपा ने कांग्रेस पर सीधा-सीधा आरोप जड़ा है कि इन सबके पीछे कांग्रेस का हाथ है। वहीं, इस बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कांग्रेस के विधायक गुरकीरत कोटली कह रहे हैंं कि मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रदर्शन को पूरा सपोर्ट किया है। पुलिस ने किसानों को टोल बैरियर या रिलायंंस के आउटलैट से हटाने की कोई कोशिश नहीं की।
भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा का कहना है, पहले कोटली के भाई व सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि मेरे ऊपर (अश्वनी शर्मा) जो हमला हुआ वह उन्होंने करवाया। अब कोटली कह रहे हैंं कि किसान संगठनों को कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन दे रही है। मुख्यमंत्री का पूरा समर्थन है। भाजपा शुरू से कह रही है कि कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है। ऐसे में अब कांग्रेस के चेेहरे से पर्दा उठ गया है।
खास बात यह है कि वीडियो में कोटली साफ कह रहे हैंं कि पार्टी किसानों को वाहनों व अन्य प्रकार की सुविधा मुहैया करवा रही है। भाजपा जहां इसे लेकर आक्रामक हो गई है, वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है, कांग्रेस पहले ही दिन से किसानों का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा, मैंने तो पहले ही पार्टी नेताओं से अपील की थी कि वह किसानों को हरसंभव मदद मुहैया करवाएंं।
दूसरी तरफ भाजपा के महासचिव सुभाष शर्मा का कहना है, भाजपा केवल पंजाब की शांति व्यवस्था को लेकर चुप है। भाजपा की शांति को कांग्रेस पार्टी कमजोरी समझने की भूल न करे। किसी को भी धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरे के कार्यक्रम में जाकर तोड़फोड़ करे या विघ्न पैदा करने की कोशिश करे।
सुभाष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अगर यह सोच रही है कि भाजपा डर जाएगी तो यह उनकी गलतफहमी है। सुभाष शर्मा ने कहा कि एक तरफ रवनीत बिट्टू कह रहे हैं कि वह लाशों के ढेर लगाएंगे और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैंं। बिट्टू इस तरह की बातें करके पंजाब का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैंं।
वहीं, कोटली के वीडियो को लेकर जाखड़ ने कहा, कांग्रेस पहले दिन से ही इन कानूनों के खिलाफ थी। हमने तो जब अध्यादेश ही आया था तब ही इसे वापस करने के लिए राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा था। भाजपा अब केवल इसे दूसरा रूप देने के कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने इस कानूून का विरोध किया है और करती रहेगी। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
बता दें कि इससे पहले ही यूथ कांग्रेस ने भाजपा के अमृतसर और लुधियाना दफ्तर पर हमला किया था। अमृतसर दफ्तर में तो ताला जड़ दिया गया था। लुधियाना में भाजपा के दफ्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुलता फूंकने की कोशिश की गई थी। कांग्रेस और भाजपा के बीच तल्ख होती राजनीति आने वाले समय में काफी हिंसक हो सकती है।
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