-समर्थकों ने भी सिंगला के पक्ष में इस्तिफा देने का सिलसिला किया शुरू, शहर से हटाए बैनर, सोशल मीडिया प्रोफाइल भी बदली
बठिंडा,16 मार्च (जोशी). विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की भारी मतों से जीत के बाद दूसरे दलों में राजनीतिक हलचल के साथ आरोप प्रतिरोप का सिलसिला तेज हो गया है। इसमें जहां गत मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन केके अग्रवाल ने कांग्रेस लीडरों को आड़े हाथ लेते ट्रस्ट चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था वही बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के बठिंडा शहरी क्षेत्र से उम्मीदवार व पूर्व विधायक सरूपचंद सिंगला ने अकाली दल पर आरोपो की झड़ी लगाने के बाद पद व मैंबरशीप से इस्तिफा दे दिया। इस बाबत आयोजित प्रेसवार्ता में सरुपचंद सिंगला ने आरोप लगाया कि विधनसभा चुनावों में उन्हें हराने के लिए पार्टी के अंदर ही साजिशे खेली गई व अकाली दल के ही वरिष्ठ लीड़रों ने बादल परिवार के साथ जुड़े मनप्रीत सिंह बादल को समर्थन दिया व उनके लिए वोट मांगे। शिरोमणि अकाली दल के कई वरिष्ठ नेता जहां डिंपी ढिल्लों व लंबी में प्रकाश सिंह बादल के लिए वोट मांग रहे थे वहीं बठिंडा में वह मनप्रीत सिंह बादल के लिए वोट मांग रहे थे। इसकी जानकारी व सबूत उनके ही अकाली वर्करों ने उन्हें दिए। इसके चलते शहर का अग्रवाल वोट व उनके समर्थक वोटर कन्फयूज हुआ व उसने आप को समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वह 16 साल पहले अकाली दल के साथ जुड़े थे लेकिन इस पार्टी में रहते उन्हें पिछले कुछ चुनावों से पराजित करने की साजिश की गई। इस बात का खुलासा चुनाव प्रचार के दौरान ही होने लगा था लेकिन अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह अकाली दल को सर्वपरि मानते हैं व कभी भी गद्दारी नहीं करेंगे लेकिन उनके बयान के बावजूद शहर में अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से मनप्रीत बादल को स्पोर्ट करने का सिलसिला नहीं थमा। इसी बात से नाराज उन्होंने अकाली दल का साथ छोड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि वह बठिंडा के लोगों की आवाज पहले की तरह उठाते रहेंगे व राजनीति में सक्रिय होकर काम करेंगे। वह किसी दूसरे दल में रहकर राजनीति करेंगे इस बात पर उन्होंने कहा कि उनके समर्थक व सहयोगियों से विचार करने के बाद वह अगला फैसला लेंगे। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में सरुप सिंगला की हार को लेकर दैनिक सवेरा ने पहले ही खुलासा किया था कि उन्हें पराजित करने का काम अकाली दल ने ही किया व अकाली दल परिवार के सदस्य मनप्रीत सिंह बादल को विजयी बनाने के लिए काम किया। सरुपचंद सिंगला की तरफ से अकाली दल को छोड़ने के बाद उनके सैकड़ों समर्थक भी अकाली दल छोड़ इस्तिफा दे रहे हैं। वही सरुपचंद सिंगला व समर्थकों ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से अकाली दल को हटा दिया है वही शहर में लगे अकाली दल के बैनर व पोस्टरों को भी हटाया जा रहा है।
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