मंगलवार, 19 जनवरी 2021

कोविड-19 के चलते अटारी-वाघा बॉर्डर पर नहीं होगी गणतंत्र दिवस की परेड और बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी, दर्शकों की एंट्री पर भी रहेगा बैन


अमृतसर। 
कोरोना महामारी का बड़ा साइड इफेक्ट साल के पहले ही जश्न पर देखने को मिल रहा है। दरअसल, अटारी-वाघा बॉर्डर पर हर साल 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड इस बार नहीं होगी। भारत और पाकिस्‍तान के जवानों की कोई संयुक्‍त परेड भी नहीं होगी।

रिट्रीट सेरेमनी भी नहीं होगी। परंपरा के अनुसार, सिर्फ राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराने और शाम को उतारने की रस्‍म अदा की जाएगी। दर्शकों और सैलानियों को भी बॉर्डर तक आने की अनुमति नहीं होगी। कोरोना महामारी फैलने के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा यह कदम उठाया गया है।

बता दें कि साल 2020 में कोरोना महामारी फैलने के कारण 7 मार्च से अटारी-वाघा बॉर्डर पर दर्शकों की एंट्री बैन है। बॉर्डर पर शाम को होने वाली रिट्रीट सेरेमनी भी रद्द है। भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव पूर्ण हालात के कारण पिछले कई अवसरों पर मिठाई देने की परंपरा भी नहीं निभाई जा रही है।

गौरतलब है कि अटारी-वाघा बॉर्डर पर रोज शाम को रिट्रीट सेरेमनी आयोजित की जाती है। 15 अगस्‍त को स्‍वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर विशेष परेड भी होती थी। इसमें काफी संख्‍या में दर्शक व सैलानी मौजूद रहते थे। लेकिन, इस बार गणतंत्र दिवस पर भी अटारी-वाघा बॉर्डर सूना रहेगा।

काम की खबर:पंजाब में 21 जनवरी से खुलेंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी; दिव्यांगों को मिलेगी विशेष छूट, नियम और शर्तें जारी

 


  • ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई करवाई जाएगी
  • दिव्यांग विद्यार्थियों को अपनी इच्छानुसार क्लास लगाने की छूट होगी
  • चंडीगढ़। पंजाब में 21 जनवरी से सभी सरकारी व निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय खुलने जा रहे हैं। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र भी जारी कर दिया है, जिसमें नियमों और शर्तों का उल्लेख है। साथ ही दिव्यांगों को विशेष छूट देने का ऐलान भी किया है। कोरोना नियमों का सख्त पालन करने को कहा गया है।

    सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई करवाई जाएगी। जो ऑनलाइन पढ़ना चाहे, वो ऑनलाइन पढ़े और जो कॉलेज आना चाहे वो कैंपस में आए। सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं ऑफलाइन माध्यम से होंगी। दिव्यांग विद्यार्थियों को अपनी इच्छानुसार क्लास लगाने की छूट होगी।

    कहा गया है कि दिव्यांगों पर कैंपस में आने का दबाव नहीं बनाया जाएगा। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए हॉस्टल खोले जाएंगे। हॉस्टल का कमरा प्रति विद्यार्थी या कमरे के आकार के अनुसार अपेक्षित दूरी को ध्यान में रखते हुए अलॉट किया जाएगा।

    हॉस्टल अलॉटमेंट में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। कैंटीन स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार खोली जाएगी। वहीं विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को केंद्र सरकार/पंजाब सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले निर्देशों का पालन करना भी सुनिश्चित करना होगा।

बठिंडा में कोर्ट रोड़ पर वाहन खड़ा करने को लेकर हुए विवाद में भीड़े दो गुट, आधा दर्जन लोग घायल


बठिंडा.
गत सोमवार देर रात्रि कोर्ट रोड़ पर वाहन खड़ा करने को लेकर आमने-सामने रहते दो गुटों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों के लोगों ने एक दूसरे पर लोहे की राडों, डंडों तथा सरियों से हमला करके एक दूसरे को गंभीर रूप से घायल घायल कर दिया। इस झगड़े में आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वालंटियर जनेश जैन, राकेश जिंदल, रवि बांसल एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे तथा घायल गगन कुमार पुत्र नोथैली राम, रूपेश कुमार पुत्र निरंजन कुमार, राजेश कुमार पुत्र सत्तो राम, सुभाष कुमार पुत्र सत्तो राम, नदीम पुत्र यातून तथा मोसीन पुत्र यजूदीन को को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। वहीं मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामले की जांच कर रही ही है। उधर, दूसरी तरफ गोनियाना रोड पर डेरा ब्यास के समीप सड़क हादसे में स्कूटरी सवार दो युवक गगनदीप सिंह पुत्र बलबीर सिंह निवासी माल रोड़, फिरोजपुर तथा अजय कुमार पुत्र जेम्स निवासी माल रोड फिरोजपुर गंभीर रूप से घायल हो गए। इन दोनों घायलों को भी नौजवान सोसायटी की हाईवे एंबुलेंस टीम ने सिविल अस्पताल पहुंचाया।

नशा तस्करी के आरोप में तीन नामजद, दो गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने गत सोमवार को 10 किलो भुक्की चूरा पोस्त व 20 लीटर अवैध शराब व 30 लीटर लाहन बरामद कर तीन तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें दो आरोपितों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपित की गिरफ्तारी होनी बाकी है। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ नशा विरोधी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। सीआइए स्टाफ के एसआइ हरजीवन सिंह के मुताबिक गत सोमवार को वह संतपुरा रोड नजदीक नहर के पास गश्त कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने शक के आधार पर आरोपित जसवीर सिंह निवासी गली नंबर दो गांधी नगर श्री मुक्तसर साहिब को रोककर उसकी तलाशी ली, तो उसके पास से 10 किलो भुक्की चूरा पोस्त बरामद हुआ। पुलिस ने आरोपित को मौके पर गिरफ्तार कर उसके खिलाफ थाना कोतवाली में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। वहीं थाना सदर बठिंडा के एएसआइ जसविंदर सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर बीड़ तलाब के बस स्टैंड के पास छापेमारी कर आरोपित जीत सिंह निवासी बस्ती नंबर दो बीड़ तलाब को 20 लीटर अवैध देसी शराब बरामद की गई। इसके अलावा थाना फूल के एएसआइ इकबाल सिंह ने भी गुप्त सूचना के आधार पर गांव भाईरूपा के बस स्टैंड के पास छापेमारी कर 30 लीटर लाहन बरामद की गई, जबकि आराेपित सुखदेव सिंह निवासी अगडाड़ फूल का भाईरूपा पहले ही फरार हो चुका था। पुलिस ने फरार आरोपित के खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए है।


पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस खोलने को लेकर आज हो सकता है बड़ा फैसला, पंजाब सरकार के पत्र के बाद पीयू अधिकारी असमंजस में

 


चंडीगढ़ । पंजाब सरकार द्वारा पंजाब की सभी यूनिवर्सिटी के साथ ही चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी को भी 21 जनवरी से खोलने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा कैंपस खोलने पर अभी फैसला नहीं हुए है। पंजाब यूनिवर्सिटी अधिकारियों की कैंपस खोलने को लेकर आज फैसला लिया जा सकता है। सोमवार को पंजाब सरकार के पत्र के बाद से ही पीयू अधिकारी असमंजस की स्थिति में हैं। जिक्रयोग है कि पंजाब यूनिवर्सिटी का एकेडिमक सत्र केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत चलता है, जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी की फाइनेंशियल शर्तों को पंजाब रुल्स के हिसाब से फोलो किया जाता है। पंजाब यूनिवर्सिटी फिलहाल कैंपस को खोलने के मूड में नहीं है।

पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति को पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग(डायरेक्टर) की ओर से सोमवार को पत्र जारी हुआ है। जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी और सभी एफिलिएटेड कालेजों को 21 जनवरी 2021 से खोलने के निर्देश दिए हैं। पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में पंजाब की सभी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को भी कैंपस खोलने के आदेश दिए गए हैं। कोविड-19 के कारण बीते करीब आठ महीने से पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस बंद है। मामले में पीयू के ही कुछ अधिकारियों का कहना है कि पंजाब सरकार के एकेडमिक को लेकर नियम पंजाब यूनिवर्सिटी पर लागू नहीं होते।

पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 11 कालेज चंडीगढ़ में हैं, जबकि 185 से अधिक पीयू एफिलिएटेड कालेज पंजाब में हैं। अब पंजाब सरकार के आदेशों को लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी को ही फैसला लेना है। उधर चिट्ठी में यह भी साफ तौर पर लिखा गया है कि आगामी परीक्षाएं आफलाइन ही आयोजित करनी है। उधर पीयू डीयूआइ और अन्य अधिकारियों की हाल ही में हुई परीक्षा को लेकर बैठक में फरवरी में प्रस्तावित परीक्षाओं को आनलाइन ही कराने पर सहमति बनी थी। पंजाब सरकार के नए निर्देशों के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी के लिए समस्या पैदा हो सकती हैं। पंजाब उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी लेटर में यह भी कहा गया है कि स्टूडेंट्स को क्लास के लिए मजबूर नहीं किया जाए। पीयू और कालेजों की क्लास में आने वाले सभी स्टूडेंट्स कोविड-19 नियमों का पालन करेंगे।

चंडीगढ़ के कालेजों में नहीं आ रहे स्टूडेंट्स

पंजाब सरकार ने सोमवार को सभी कालेजों को खोलने के निर्देश दिए हैं। लेकिन यूटी प्रशासन के हायर एजुकेशन विभाग ने महीने पहले ही सभी कालेजों में पढ़ाई शुरु करने के निर्देश जारी कर दिए थे। पहले चरण में फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को बुलाया गया था, लेकिन स्टूडेंट्स ने आफलाइन क्लास में कोई रुचि नहीं दिखाई। आखिर कालेजों को आनलाइन कक्षाओं को ही जारी रखना पड़ रहा है। पहले और दूसरे ईयर की कक्षाओं को भी बुलाने के निर्देश हो चुके हैं। लेकिन कालेज में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस पांच फीसद से भी कम है। हास्टल में भी स्टूडेंट्स नहीं आ रहे हैं।

जालंधर में मवेशियों के लिए चारा लेने गए बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या, खेत में पड़ा मिला शव


किशनगढ़ (जालंधर)।
 देहात क्षेत्र में हत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लोहियां के अलावलपुर में दिव्यांग मां-बेटी की हत्या के बाद गांव नौगजा में सोमवार रात एक बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसका शव खेत में पड़ा मिला है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

भगत सिंह ने बताया कि उसके पिता सेवा सिंह (72) मवेशियों के लिए चारा लेने के लिए खेतों की तरफ गए थे। जब वह देर रात तक घर लौटकर नहीं आया तो घरवाले उसकी तलाश करने निकले। काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिले। आसपास के लोगों और रिश्तेदारों के घर पर भी पता किया लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। थक-हार कर परिवार के कुछ लोग खेतों में उन्हें ढूढ़ने पहुंचे तो वहां का नजारा देख सभी दंग रह गए। खेत में सेवा सिंह का खून से लथपथ शव पड़ा था। इसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके परपार्टी ने मौके पर पहुंचकर शव पोस्टमार्टम के लिए जालंधर सिविल अस्पताल भेज दिया। पुलिस अलग-अलग एंगल से हत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। 

लोहियां में हुआ था दिव्यांग मां-बेटे का कत्ल

बता दें कि पिछले दिनों लोहियां के गांव अलावलपुर में दिव्यांग मां-बेटे की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में सनी नाम को युवक को गिरफ्तार करके मामला सुलझा दिया है। सनी ने पूछताछ में बताया था कि मां-बेटे के साथ किसी बात हुए विवाद के बाद भरी पंचायत मे उसे नग्न किया गया था। इसी बात को लेकर वह उनके गहरी रंजिश रखने लगा था। इसके बाद मौका पाकर उसने चिट्टे के नशे में दोनों की हत्या कर दी थी। 

पंजाब में घोटाला रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बदली स्कालरशिप योजना की शर्ते



  • विद्यार्थियों की कुल फीस का 60 फीसद हिस्सा केंद्र और 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार की ओर से खर्च करने का प्रविधान

चंडीगढ़। एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में फिर से कोई घोटाला न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने अपनी नई स्कालरशिप योजना में कई बदलाव किए हैं। इन बदलावों को पंजाब सरकार ने मंजूर भी कर लिया है और केंद्र सरकार से वर्ष 2021-22 के लिए 563 करोड़ रुपये की राशि की मांग भी कर दी है। नई योजना के अनुसार विद्यार्थियों की कुल फीस का 60 फीसद हिस्सा केंद्र और 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार की ओर से खर्च करने का प्रविधान किया गया है।

 पहले कालेजों को भेजी जाती थी स्कालरशिप की राशि, अब विद्यार्थियों के बैंक खाते में जाएगी

केंद्र सरकार ने नई योजना में कहा है कि स्कालरशिप की राशि अब सीधे कालेजों को देने की बजाए विद्यार्थियों के खाते में जमा करवाई जाएगी। केंद्र सरकार अपना हिस्सा तब तक विद्यार्थियों के खाते में नहीं डालेगी जब तक राज्य सरकार अपने हिस्से का 40 फीसद हिस्सा नहीं जमा करवाएगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों के आधार कार्ड से लिंक बैंक खातों को ही इस योजना के तहत लिया जाएगा। प्रदेश के समाज सशक्तिकरण विभाग की ओर से विद्यार्थियों को नई योजना के तहत स्कालरशिप के लिए दोबारा आवेदन करने के लिए कहा है।

कालेज फर्जी एडमिशन दिखाकर कर लेते थे घोटाला, इसलिए केंद्र सरकार ने किया शर्तो में बदलाव


दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इससे पहले 2012 से लेकर 2017 तक चली योजना में कालेजों ने फर्जी दाखिला दिखाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया। हाईकोर्ट के पूर्व जज व पूर्व विधायक निर्मल सिंह की अगुवाई में बनी विधानसभा की कमेटी ने इसे उजागर किया था। रिपोर्ट में कहा था कि कालेजों ने स्कालरशिप की राशि हासिल करने के लिए एक ही विद्यार्थी के तीन तीन कालेजों में दाखिले दिखाए हुए हैं। यह तथ्य भी सामने आए कि राज्य सरकारें अपने हिस्से की राशि अदा नहीं कर रही हैं। इसलिए नई योजना में केंद्र सरकार ने शर्तो में बदलाव कर दिया।

इस बारे में चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन की ओर से सभी विभागों के सचिवों से बैठक की गई तो तब भी यह मामला उठा। मुख्य सचिव ने कहा कि नई योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति दे दी गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने पिछले साल बीआर अंबेडकर स्कालरशिप योजना शुरू करने का एलान कर दिया था। इसके लिए ज्यादा आवेदन नहीं आए।


विभागीय सूत्रों का कहना है कि 4 जनवरी तक केवल 1.39 लाख आवेदन ही प्राप्त हुए हैं जबकि पंजाब के कालेजों में हर साल औसतन 3.15 लाख विद्यार्थी इस स्कालरशिप के लिए आवेदन करते हैं। जिसके बाद राज्य सरकार ने आवेदन लेने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 19 जनवरी तक कर दी थी। मुख्य सचिव ने भी संबंधित विभागों से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इस योजना का फायदा दिलवाने के लिए कहा है ताकि 20 फरवरी तक केंद्र को प्रस्ताव भेजा जा सके।

पंजाब में अब सख्त कार्रवाई: एससी छात्रों की डिग्री, सर्टिफिकेट रोके तो कॉलेज पर होगी कार्रवाई, मान्यता को भी खतरा


बठिंडा।
हायर एजुकेशन के 3 दिन के अल्टीमेटम पर प्रदेश के एडेड व प्राइवेट कॉलेजों ने खास गंभीरता नहीं दिखाई और अभी भी प्रदेश के 30 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति विद्यार्थियों की डीएमसी एवं अन्य सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए। स्कॉलरशिप राशि की अदायगी के लिए विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले कॉलेजों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, वहीं कॉलेजों की मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है। पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ओर से 15 जनवरी को प्रदेश के तमाम 20 सरकारी व प्राइवेट यूनिवर्सिटियों और तमाम एडेड व प्राइवेट कॉलेजों के अलावा तमाम मेडिकल कॉलेजों को पत्र जारी करके 3 दिन के अंतराल में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के रोकी गई डिग्री एवं सर्टिफिकेट तुरंत प्रभाव से जारी करने के कड़े निर्देश दिए थे।


2018 से जारी नहीं हुई स्कॉलरशिप, राशि रुकी तो एकमत होकर रोकी डिग्रियां

राज्य सरकार की ओर से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में गड़बड़ी की जांच का हवाला देते हुए सेशन 2018-19 से ही वजीफा राशि जारी नहीं की जा रही हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इस मद में ग्रांट प्रदेश सरकार को मिल चुकी है। राज्य सरकार की ओर से की गई जांच में अभी तक कॉलेजों की ओर से 329 करोड़ रुपए की गड़बड़ी पाई गई हालांकि 15 मार्च 2018 तक की यह जांच 47% बताई गई। माना जा रहा है कि यह गड़बड़ी 500 करोड़ तक की हो सकती है। ऑडिट में 2183 प्राइवेट और 2126 सरकारी संस्थाएं शामिल की गई जहां पर 5,82139 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी गई है। सेशन 2015-16 में 328.72 करोड़, सेशन 2016-17 में 719.52 करोड़ जबकि सेशन 2017-18 में 625 करोड़ की राशि जारी हुई। लगातार तीन सेशन से राज्य भर के कॉलेजों में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप जारी न होने पर एडेड व प्राइवेट कॉलेज विद्यार्थियों की डीएमसी व सर्टिफिकेट आदि रोकने को एकमत हो गए। वहीं कॉलेजों ने भी 2020-21 सेशन में एससी-एसटी विद्यार्थियों को दाखिला नहीं देने का फैसला किया। वहीं एससी-एसटी विद्यार्थियों से पूरी फीस भरवाकर उन्हें आशीर्वाद पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया जा रहा है ताकि स्कॉलरशिप सीधे विद्यार्थी के बैंक खाते में ही आए। विपरीत हालातों में जैसे-तैसे पढ़ाई पूरा करने वाले विद्यार्थियों की डीएमसी, डिग्री एवं सर्टिफिकेट रुकने से उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। डिग्री के अभाव न तो वे किसी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और न ही हायर स्टडीज कर सकते हैं। यही नहीं, मेडिकल कॉलेजों से पढ़े एससी विद्यार्थी तो आईएमए से रजिस्ट्रेशन, प्रेक्टिस के अलावा नौकरी हासिल करने से भी वंचित हो रहे हैं। खोज व मेडिकल शिक्षा पंजाब के डायरेक्टोरेट की ओर से 25 अप्रैल 2016 को भी विद्यार्थियों के असल सर्टिफिकेट, डिग्री एवं अन्य असल दस्तावेज न रोकने की हिदायत की जा चुकी है।

यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों को 21 जनवरी से फिर से पूर्ण तौर पर खोलने के निर्देश:सेमेस्टर व सालाना परीक्षा ऑफलाइन होंगी, विद्यार्थियों को क्लास लगाने की छूट



बठिंडा। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के तमाम यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों को 21 जनवरी से फिर से पूर्ण तौर पर खोलने के निर्देश दिए हैं। विशेष सचिव परमजीत सिंह की ओर से सोमवार को जारी पत्र में प्रदेश की तमाम 20 सरकारी व प्राइवेट यूनिवर्सिटियों को पत्र जारी करके सरकारी, एडेड व प्राइवेट कॉलेज खोलने के प्रति आगाह कर दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी हिदायतों के अनुसार शैक्षिक संस्थाओं की ओर से विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन व ऑनलाइन दोनों माध्यम के जरिए पढ़ाई करवाई जाए और सेमेस्टर, सालाना परीक्षा ऑफलाइन माध्यम से करवाई जाए।


विद्यार्थियों को अपनी मर्जी के अनुसार क्लास लगाने की छूट होगी तथा उन्हें क्लास लगाने संबंधी किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। इसके साथ ही यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों को कोविड 19 की हिदायतों का पालन करते हुए हॉस्टल खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं। हॉस्टल का कमरा प्रति विद्यार्थी अथवा कमरे के साइज के अनुसार जरूरी डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अलॉट किए जाएं तथा अलॉटमेंट के समय फाइनल


ईयर के विद्यार्थियों को तरजीह दी जाए। शैक्षिक संस्थाओं में मैस, कैंटीन आदि सेहत विभाग की हिदायतों के मद्देनजर मुकम्मल सुरक्षा बरतते हुए जरूरत के अनुसार पूर्ण रूप में खोले जाएं। विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों की ओर से केंद्र सरकार, पंजाब सरकार की ओर सेसमय-समय पर जारी हिदायतों व उच्च शिक्षा विभाग की कोविड 19 के चलते यूनिवर्सिटियों, कॉलेज पुन: खोलने संबंधी जारी हिदायतों का तुरंत प्रभाव से पालन करना होगा।

इस्तीफा:जिला प्लानिंग बोर्ड चेयरमैन जगरूप गिल ने नियुक्ति के 5 माह बाद दिया इस्तीफा


बठिंडा। 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व जिला प्लानिंग बोर्ड के सदस्य जगरूप गिल ने अपनी नियुक्त के पांच माह से अधिक दिन बाद ही चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। सोमवार को जिला प्लानिंग बोर्ड आफिस में एक प्रेस कांफ्रेंस में इस्तीफे का एलान करते हुए गिल ने कहा कि वह इस समय नगर निगम चुनाव में हिस्सा लेने जा रहे हैं तथा लोकहितों के काम को उन्होंने हमेशा अहमियत दी है। इसलिए पार्टी के नियमानुसार वह चेयरमैन पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। जगरूप सिंह गिल ने कहा कि बतौर चेयरमैन ज्वाइन करते समय उन्होंने शहर से तीन वादे किए थे। इसमें पहला लाइनपार एरिया में एक नया सरकारी प्राइमरी स्कूल बनाने के अलावा नहर किनारे सैरगाह तथा लाइनपार एरिया में आलम बस्ती मोटर सिस्टम में सुधार कर जलभराव करना शामिल है जिन्हें वह पूरा करने को प्रतिबद्ध हैं।

गिल ने कहा कि लाइनपार एरिया में सीवरेज की समस्या का हल नहीं होने का कारण विपक्ष का निगम पर काबिज होना व मुद्दे पर गंभीरता से हल नहीं करना है। जगरूप गिल ने कहा कि लाइनपार एरिया में बने प्राइमरी स्कूल में वर्तमान में 700 के करीब विद्यार्थी पढ़ रहे हैं जबकि नए करीब 300 बच्चों को एडमिशन देने से इंकार कर दिया गया जिसके बाद उक्त एरिया में हाईटेक स्कूल की कमी खली। इस बात की चर्चा वित्तमंत्री मनप्रीत बादल से करने के बाद उन्होंने स्कूल के लिए जमीन लेने को स्वीकृति दी तथा हाल ही में गुरुकुल रोड के नजदीक 2.20 एकड़ जमीन के लिए 2.34 करोड़ का फंड मनप्रीत बादल ने तीन दिन की

फाइल कार्रवाई करवा पूरा करवाया जिससे अब इस जगह पर 21 कमरों का हाईटेक स्कूल बन सकेगा। उन्होंने कहा कि उनका दूसरा वादा आलम बस्ती की छोटी मोटर की जगह 200 केवीए की बड़ी मोटर के लिए फाइल सेक्रेटरी के पास अनुमोदन के लिए जा चुकी है। वहीं तीसरा वादा नहर किनारे सैरगाह बनाने का है जिसमें डीएफओ से एनओसी मिलने के बाद उक्त फाइल केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है जिसमें अगले दो माह में मंजूरी की उम्मीद है। वहीं उन्होंने कहा कि गुरुकुल रोड को मलोट रोड से मिलाने की प्रपोजल भी उन्होंने भेजी है।

सोमवार, 18 जनवरी 2021

पटियाला में एक बाइक पर जा रहे चार युवक हुए हादसे का शिकार, तीन की मौत


समाना (पटियाला) ।
पंजाब के पटियाला के समाना के पास एक सड़क हादसे में तीन बाइक सवारों की मौत हो गई। एक ही बाइक पर चार युवक सवार होकर जा रहे थे। इसी दौरान बाइक की एक वाहन से टक्‍कर हो गई। इससे बाइक में आग भी लग गई। हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।

हादसा थाना सदर समाना इलाके में सोमवार शाम करीब छह बजे हुई। बाइक व महिंदरा पिकअप में टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई और एक जख्मी हुआ है। जानकारी के अनुसार चारों युवक एक ही बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में इनकी टक्कर हो गई। हादसे के बाद बाइक को आग भी लग गई। अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। इन तीनों युवकों के शव सिविल अस्पताल समाना में रखवाए गए हैं। पुलिस इनकी पहचान में जुट गई है।

देखे लूट की विडियो-बठिंडा में कमला नेहरु कालोनी में रात के समय हथियार की नोक पर छीनी स्कूटी


बठिंडा।
जिले में लुटेरों के हौसले आए दिन बुलंद हो रहे हैं। हालात यह है कि रात के समय आए दिन लूटपाट की वारदाते हो रही है व घटना के बाद पुलिस जाग रही है। गत शनिवार देर रात्रि बठिंडा-बरनाला रोड नेशनल हाइवे के ओवरब्रिज नजदीक कमला नेहरू कालोनी के पास दो अज्ञात युवकों ने हथियार की नोक पर सब्जी व्यापारी से स्कूटी छीनकर मौके से फरार हो गए। 


पूरी घटना के एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, लेकिन घटना के 60 घंटे बाद भी पुलिस को लुटेरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस को शिकायत देकर कमला नेहरू कालोनी निवासी विजय कुसला ने बताया कि वह सब्जी विक्रेता है। गत शनिवार रात को वह अपनी स्कूटी नंबर पीबी-10एफयू-9011 पर सवार होकर बाजार से अपने घर वापस आ रहा था। जब कमला नेहरू के पास ओवरब्रिज के पास पहुंचा, तो सड़क पर खड़े दो अज्ञात युवकों ने उसे पिस्तौल दिखाकर उसे रोक लिया और उसकी स्कूटी छीनकर मौके से फरार हो गए। विजय ने बताया कि उसने उक्त आरोपितों को विरोध भी किया, लेकिन आरोपितों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद उसने मामले की जानकारी पुलिस व अपने परिजनों को दी। मामले की जांच कर रहे थाना कैंट के प्रभारी एसआइ गुरमीत सिंह ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है, जबकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से आरोपितों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।


दूसरे दिन सिविल अस्पताल बठिंडा के 38 डाक्टरों ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, ग्रामीण सेंटर अभी भी पीछे


-मंगलवार से जिले में प्राइवेट अस्पतालों के सेहच कर्मियों को लगाई जाएगी तीन सेंटरों में वैक्सीन

-सरकार ने सेहत विभागके साथ अब दूसरे विभागों में तैनात फ्रंट कर्मियों की मांगी लिस्ट   

बठिंडा. रविवार को अवकाश होने के कारण सेशन सेंटर पर किसी को कोरोना का टीका नहीं लगाया गया। महाअभियान के तौर पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का सोमवार को जिले के तीनों सेशन सेंटरों पर दूसरा राउंड शुरू किया गया। इसमें बठिंडा सिविल अस्पताल के अधिकतर डाक्टरों ने वैक्सीनेशन करवाई। सिविल अस्पताल बठिंडा में जहां शनिवार को मात्र 16 डाक्टरों ने टीका लगवाया वही सोमवार को 38 डाक्टर आए आए लेकिन जिले के दो अन्य सेंटर जिसमें तलवंडी साबों व गोनियाना में मात्र तीन डाक्टर वैक्सीन लगाने के लिए पहुंचे। इसमें तलवंडी साबों सिविल अस्पताल में एक तो गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल में दो डाक्टर शामिल है। कोरोना वैक्सीन को लेकर आ रही पोजटिव रिपोर्ट के बाद लोगों में इस बाबत फैला डर तो निकल रहा है लेकिन अभी ग्रामीण इलाकों में तैनात सेहत कर्मी अभी भी भयभीत दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल राज्य सेहत विभाग ने वैकसीनेशन मुहिम में तेजी लाने के लिए अब दूसरे विभागों को फ्रंट लाइन कर्मियों की लिस्ट मांगी है। इसमें मंगलवार को जिले में प्राइवेट अस्पतालों में तैनात डाक्टरों, स्टाफ नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ को टीकाकरण मुहिम के साथ जोड़ा जा रहा है। इसके लिए दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट, आदेश अस्पताल और सिविल अस्पताल को सेंटर बनाया गया है।

दूसरी तरफ सेहत विभाग में काम कर रहे मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर व पैरामेडिकल स्टाफ ने सरकार की तरफ से उनकी मांगे नहीं मानने के विरोध में वैकसीनेशन मुहिम का बायकाट कर रखा है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानेगी वह इस मुहिम में हिस्सा नहीं लेंगे। यही कारण है कि विभाग की तरफ से तय लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत आ रही है। वही सेहत विभाग अब पहले मिले सकारात्मक परिणाम के बाद रहते कर्मचारियों को जागरुक भी कर रहा है लेकिन इसमें किसी को भी फोर्स नहीं किया जाएगा। सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो पहले ही कह चुके हैं कि यह मुहिम स्वइच्छा पर निर्भर है। अगर कोई वैक्सीन नहीं लगवाना चाहता है तो उसे जबरदस्ती नहीं की जाएगी। उनका मूल काम स्टाफ व लोगों को जागरुक करना है।     

रविवार को वैक्सीनेशन के लिए 100 लाभपात्रियों की सूची तैयार कर पिन कोड सभी मोबाइल फोन पर मैसेज कर दिए गए थे। इसमें वैक्सीनेशन प्रक्रिया सुबह 9 बजे शुरू की गई थी। उधर, शनिवार को जिले के तीन सेशन सेंटरों पर 36 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए थे उनको किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने बताया कि सेशन सेंटर में सिविल अस्पताल बठिंडा, सरकारी अस्पताल गोनियाना मंडी और सरकारी अस्पताल तलवंडी साबो शामिल किए थे वही अब दो प्राइवेट सेंटर आदेश व दिल्ली हार्ट मंगलवार से एक्टिव होंगे। यहां जिले भर के सभी प्राइवेट अस्पतालों के सेहत कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।

आने वाले दिनों में स्वास्थ्य कर्मियों के बाद पुलिस कर्मचारी और सरकारी अधिकारियों को टीके लगाए जाएंगे। पहले चरण में 12,156 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन प्रक्रिया में शामिल किया गया है। सेहत विभाग की तरफ से सेंटरों के मुताबिक कोविड पोर्टल में दर्ज लाग इन आईडी दे दी गई है। कोई लाभपात्री वैक्सीन लगवाने के मैसेज को दो बार इग्नोर करता है और सेंटर पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवाता तो उसकी पोर्टल से एंट्री रद हो जाएगी। वैक्सीन लगवाने से पहले घर से कुछ खाकर आएं। फोटो आईडी प्रूफ साथ लेकर आएं। मोबाइल फोन पर आया मैसेज डिलीट न करें। कोरोना का टीका लगने के बाद हर मरीज को 30 मिनट आब्जर्वेशन हाल में रहना रखा जाएगा। किसी तरह के साइड इफेक्ट का पता इतने समय में चल जाएगा। इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस भी रहेगी। फिलहाल जिन लोगों ने भी वैकसीन लगवाई सभी स्वस्थ हैं। हां एक दो लोगों को बाजू पर हल्का दर्द हुआ। लेकिन बाद में सब नॉर्मल हो गया।

किसान आंदोलन के नेता चढूनी पर पैसे लेने, कांग्रेस टिकट के बदले हरियाणा सरकार गिराने की डील का आरोप


चंडीगढ़। 
किसान आंदोलन के दौरान पहली बार संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों में फूट नजर आई। रविवार को मीटिंग में हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने, कांग्रेस समेत राज नेताओं को बुलाने व दिल्ली में सक्रिय हरियाणा के एक कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे।

आरोप था कि वह कांग्रेसी टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे हैं। चढू़नी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि बैठक में मोर्चा के सदस्य उन्हें तुरंत मोर्चे से निकालना चाहते थे। लेकिन आरोपों की जांच को 5 सदस्यों की कमेटी बनाई गई जो 20 जनवरी को रिपोर्ट देगी। उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

Q. क्या आप पर कोई दबाव था?
-नहीं। न तो विदेशी संगठनों या संस्थाओं का और न ही सत्ता पक्ष का दबाव था। न ही मुझे किसी से धमकी मिली है, जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
Q. कमेटी से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया?
-जब किसान कमेटी से बात नहीं करना चाहते, मैं इनकी आवाज रिपोर्ट में शामिल नहीं कर सकता तो सदस्य बने रहने का हक नहीं।
Q. फैसला लेने में कोई दिक्कत?
-मैंने 48 घंटे तक लगातार विचार किया कि क्या मैं किसानों की आवाज उठा पाऊंगा, तो अंतर्मन से आवाज आई यह संभव नहीं। मैंने चीफ जस्टिस से बात की और 15 मिनट में ही इस्तीफा दे दिया।
Q. किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
-निजी हितों के लिए किसान सड़कों पर नहीं उतरता। किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र को संजीदगी से मांगों का हल निकालना चाहिए। मैं कानूनों के पक्ष में नहीं हूं।
Q. किसानों की बड़ी दिक्कतें क्या?
-किसानों की आमदन पर टैक्स की मार है। मौसम की मार भी झेलते हैं। फसलों के दाम जैसी समस्याओं पर केंद्र को काम करने की जरूरत है। मौजूदा नीतियों में एेसा दिखता नहीं।

Q. क्या आप पर कोई दबाव था?
-नहीं। न तो विदेशी संगठनों या संस्थाओं का और न ही सत्ता पक्ष का दबाव था। न ही मुझे किसी से धमकी मिली है, जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
Q. कमेटी से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया?
-जब किसान कमेटी से बात नहीं करना चाहते, मैं इनकी आवाज रिपोर्ट में शामिल नहीं कर सकता तो सदस्य बने रहने का हक नहीं।
Q. फैसला लेने में कोई दिक्कत?
-मैंने 48 घंटे तक लगातार विचार किया कि क्या मैं किसानों की आवाज उठा पाऊंगा, तो अंतर्मन से आवाज आई यह संभव नहीं। मैंने चीफ जस्टिस से बात की और 15 मिनट में ही इस्तीफा दे दिया।
Q. किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
-निजी हितों के लिए किसान सड़कों पर नहीं उतरता। किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र को संजीदगी से मांगों का हल निकालना चाहिए। मैं कानूनों के पक्ष में नहीं हूं।
Q. किसानों की बड़ी दिक्कतें क्या?
-किसानों की आमदन पर टैक्स की मार है। मौसम की मार भी झेलते हैं। फसलों के दाम जैसी समस्याओं पर केंद्र को काम करने की जरूरत है। मौजूदा नीतियों में एेसा दिखता नहीं।

Q. क्या आप पर कोई दबाव था?
-नहीं। न तो विदेशी संगठनों या संस्थाओं का और न ही सत्ता पक्ष का दबाव था। न ही मुझे किसी से धमकी मिली है, जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
Q. कमेटी से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया?
-जब किसान कमेटी से बात नहीं करना चाहते, मैं इनकी आवाज रिपोर्ट में शामिल नहीं कर सकता तो सदस्य बने रहने का हक नहीं।
Q. फैसला लेने में कोई दिक्कत?
-मैंने 48 घंटे तक लगातार विचार किया कि क्या मैं किसानों की आवाज उठा पाऊंगा, तो अंतर्मन से आवाज आई यह संभव नहीं। मैंने चीफ जस्टिस से बात की और 15 मिनट में ही इस्तीफा दे दिया।
Q. किसान आंदोलन को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
-निजी हितों के लिए किसान सड़कों पर नहीं उतरता। किसानों की मांगें जायज हैं। केंद्र को संजीदगी से मांगों का हल निकालना चाहिए। मैं कानूनों के पक्ष में नहीं हूं।
Q. किसानों की बड़ी दिक्कतें क्या?
-किसानों की आमदन पर टैक्स की मार है। मौसम की मार भी झेलते हैं। फसलों के दाम जैसी समस्याओं पर केंद्र को काम करने की जरूरत है। मौजूदा नीतियों में एेसा दिखता नहीं।

जब मैं किसानों की बात ही नहीं रख सकता तो कमेटी में बने रहने का हक नहीं

सुखबीर सिंह बाजवा | चंडीगढ़. कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके भूपिंदर सिंह मान ने जिस तरह कमेटी छोड़ी, उनके इस्तीफे को लेकर धमकियां मिलने समेत कई कयास लगाए जाने लगें। दैनिक भास्कर ने इस्तीफे की वजहों व किसान आंदोलन को लेकर उनके विचारों को जाना

इधर, किसान संगठन बोले- आंदाेलन से जुड़े लाेग एनआईईए के सामने पेश नहीं हाेंगे

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा टेरर फंडिंग की जांच में आंदोलन समर्थकों को जारी समन से खफा किसान संगठनाें ने एलान किया कि उनसे जुड़ा काेई नेता या कार्यकर्ता एनआईए के सामने पेश नहीं हाेगा। मंगलवार काे केंद्र के बीच 11वें दाैर की बातचीत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मई-2024 तक आंदाेलन में डटे रहने का एलान किया तो वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी पुराना स्टैंड दोहराते हुए कहा, “कानून वापसी के अलावा क्या विकल्प हो सकते हैं।’ उधर किसानाें ने कहा ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग राेड पर ही निकाला जाएगा।

उधर, सुप्रीम कोर्ट किसान आंदाेलन पर साेमवार काे फिर सुनवाई करेगी। ट्रैक्टर मार्च रुकवाने के लिए भी केंद्र ने याचिका दायर की है। सीजेआई एसए बाेबडे इस पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने किसान संगठनाें सहित संबंधित पक्षाें काे नोटिस भी जारी किया है।

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