-पिछले 24 घंटे से चढे़ है पानी की टैंकी पर, प्रशासन नहीं कर रहा बातचीत
फोटो : बब्बल |
बठिंडा। जिला प्रशासन की मौजूदगी में अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन (एआईई) के दो अध्यापकों ने मौत का खेल खेल दिया। इसमें दोनों महिलाओं की हालत गंभीर बनी हुई है। अध्यापकों ने एक घंटा पहले ही सभी को सूचित किया कि वह पानी की टंकी में चढ़कर आत्मदाह करेगी या फिर स्वयं को साथ लगती पानी की डिग्गी में छलांग लगा देगी। इसके बावजूद प्रशासन ने किसी तरह की पुख्ता व्यवस्था नहीं की जिसमें देखते ही देखते दो अध्यापिकाओं ने पानी की टैंकी से छलांग लगा दी। यही नहीं पानी की टैंकी पर चढ़ी अध्यापक यूनियन की प्रधान स्वार्णारानी नींचे कूञ्दकर आत्महत्या करने की धमकी दी रही है। उसे लगभग सात लोगों ने टैंकी के ऊपर पकड़ कर रखा हुआ है। इससे पहले अध्यापकों की चेतावनी के बावजूद जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस दौरान थाना नहियावाला थाना प्रभारी ही मौके पर मौजूद थे जबकि सुबह के समय एसपी सीटी कुछ मिनट वहां रुके व पुलिस कर्मचारियों से बात कर वापिस लौट गए। इस दौरान न तो एबूलेस की व्वस्था थी और न ही किसी तरह का नेंट व अन्य राहत सामान वहां रखा गया। पानी की डिग्गी में डूबे दोनों अध्यापकों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन के पास किसी तरह की व्यवस्था नहीं थी जबकि नहियावाला थाना प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने पानी की डिग्गी में छलांग लगाई लेकिन वह एक अध्यापक को बाहर निकालने में सफल हो सके। इसके बाद आसपास के दूसरे लोगों ने दूसरी महिला को बाहर निकाला। दोनों महिलाओं को तैरना नहीं आता था। जानकारी अनुसार मंगलवार की सुबह एआईई अध्यापक पहले से ज्यादा आक्रोशित नजर आ रहे थे। इसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन को पहले ही चेतावनी दी कि अगर उन्होंने निरसता की नीति नहीं छोड़ी व उनकी मांगों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई तो वह आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे। इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया व मामले को हलके में लिया। इसके बाद छह के करीब अध्यापक यूनियन की प्रधान स्वर्णारानी व राजरानी के साथ पानी की टैंकी में चढ़ गए। इसमें मंजीत कौर वासी सरदूलगढ़ मानसा और विमला रानी वासी गुरहरसहाय फिरोजपुर ने पानी की टैंकी में छलांग लगा दी। दोनों की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से मौके पर किसी तरह की एबूलेंस की व्यवस्था न होने से जीप में डालकर दोनों अध्यापकों को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। घटना के बाद प्रशासन की नींद खुली और सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे व उन्होंने मामले में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया। फिलहाल दोनों अध्यापकों की हालत काफी गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन की निरसता से एआईई अध्यापकों का आ बढ़ा
-20 घंटे बाद प्रशासन की नींद खुली, सुरक्षा के लिहाज से इंतजाम किए
फोटो बब्बल |
बठिंडा। अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन (एआईई) का विरोध प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन 20 घंटे बाद हरकत में आया। इससे पहले जिला प्रशासन उनके प्रदर्शन को लगातार हलके में ले रहा था, जिसके चलते अध्यापकों की तरफ से दी जा रही चेतावनी को नजरअंदाज किया जा रहा था। मंगलवार को दोपहर एक बजे के बाद एआईई अध्यापकों का आक्रञेश चरम पर पहुंच गया व उन्होंने प्रशासन से आरपार की जंग लड़ने का ड्डैञ्सला ले लिया। इस दौरान चंडीगढ़ गई यूनियन की प्रधान स्वर्णा देवी भी मौके पर पहुंच गई। उनके आते ही सभी प्रदर्शनकारियों में नई जान ड्डूंञ्क गई। स्वर्णा देवी स्वयं टैंकी पर चढे़ अध्यापकों के पास पहुंच गई और उसने नीचे छलांग लगाने की कोशिश की। उनके इरादों को भांपते हुए दूसरे साथियों ने उसे पकड़ लिया। लगभग एक घंटे तक उसे सात के करीब अध्यापकों ने पकडे़ रखा इसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके तुरंत बाद ही पानी की टैंकी के नीचे प्रदर्शन कर रही अध्यापिकाओं ने साथ में बनी पानी की डिग्गियों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर मात्र 15 के करीब सुरक्षा कर्मचारी मौजूद थे जबकि थाना स्तर का अधिकारी उनसे बात कर रहा था। जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस दौरान उनसे मिलने व उनकी बात सुनने के लिए नहीं पहुंचा। प्रशासन की नजरअंदाज करने की नीति के चलते ही प्रदर्शनकारी आक्रञ्मक रुख अख्तियार करने को मजबूर हुए। प्रशासन ने इस दौरान मौके पर किसी तरह की एबूलेंस का इंतजाम नहीं किया वही पानी की टैंकी पर चढे़ प्रदर्शनकारियों को नीचे उतारने व आपात स्थिति में किसी तरह की सहायता देने का इंतजाम भी प्रशासन के पास नहीं था। इस तरह की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि जब दो अध्यापकों ने पानी की डिग्गी में छलांग लगाई तो 20 मिनट तक कोई भी व्यक्ति उन्हें बाहार निकालने के लिए मौजूद नहीं था जिससे दोनों की हालत खराब हुई। इस घटना के बाद प्रशासन थोड़ा हरकत में आया और उसने मौके पर प्राइवेट सामाजिक संस्थाओं की एबूलेंस मंगवाई वही आपात स्थिति के लिए जाल व तैराक मंगवाए गए। एआईई यूनियन की प्रदेश प्रधान स्वर्णा रानी का कहना है कि जिला प्रशासन उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रहा है, पिछले दो दिन से प्रशासन उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है। सो रही सरकार व प्रशासन को जगाने के लिए उन्हें इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं। डीसी गुरकृतकृपाल सिंह का कहना है कि अध्यापकों की मांगों को लेकर वह सरकार को अवगत करवा चुके हैं इसमें अधिसूचना सरकार ने जारी करनी है। जरूरत अनुसार घटनास्थल पर सुरक्षा के लिहाज से व्यवस्था पुलिस देख रही है।
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