पहले की स्थिति पर विशेष रिपोर्ट
सीएम से खफा तीन एआईई अध्यापकों ने लगाई आग
-साथी अध्यापकों ने बचाया, एक की हालत खराब
पिछले 24 घंटे से चढे़ है पानी की टैंकी पर, प्रशासन नहीं कर रहा बातचीत
-कई गांवों में अभी भी रुकी पड़ी है पानी की सप्लाई, लोग हुए परेशान
पिछले 24 घंटे से चढे़ है पानी की टैंकी पर, प्रशासन नहीं कर रहा बातचीत
-कई गांवों में अभी भी रुकी पड़ी है पानी की सप्लाई, लोग हुए परेशान
फोटो : बब्बल |
बठिंडा। मांगों को लेकर एक बार फिर संघर्ष कर रहे अध्यापक सोमवार सांय से पानी की टैंकी में चढ़े पडे़ हैं। इसमें सोमवार की रात को घटित एक घटनाक्रम में चार अध्यापकों ने स्वयं पर तेल छिड़क दिया जबकि तीन ने स्वयं को आग लगाने का प्रयास किया। इस दौरान टैंकी पर चढ़ी एक अध्यापिका राखी को पिछले 16 घंटे से कपड़ों में आग लगने के बावजूद पानी की टैंकी पर चढ़ी है। उसका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वह इसी तरह पानी की टैंकी पर चढ़ी रहेगी। दूसरी तरफ तीन अन्य अध्यापक रेखा रानी वासी अबोहर, कमल शर्मा वासी जीरा व सुखजीत सिंह वासी साहनेवाल ने भी स्वयं पर केरोसीन का तेल छिड़क लिया। इसमें रेखा पानी, कमल शर्मा ने भी स्वयं को आग लगाई जिसमें मौके पर खडे़ लोगों ने उनके कपड़ों में लगी आग को बुझा दिया जबकि सुखजीत सिंह को भी वहां से तत्काल उठाकर सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां कुञ्छ समय पर उक्त अध्यापकों को भर्ती करने के बाद वहां से अन्य स्थान में स्थान्तरित कर दिया गया। फिलहाल पानी की टैंकी पर चढ़ी राखी सोमवार को चार घंटे से अधिक समय तक पानी की टैंकी में बेहोशी की हालत में पड़ी रही इस दौरान उसे किसी तरह का प्राथमिक उपचार भी नहीं दिया जा सका जबकि मंगलवार की सुबह जब राखी को टैंकी से नीचे उतरकर उपचार करवाने के लिए कहा गया तो उसने तब तक टैंकी से नीचे नहीं उतरने की बात कही जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता व सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी नहीं की जाती है। गौरतलब है किञ् इस बार पिछले एक दिन से अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन (एआईई) से जुडी 12 महिला अध्यापक गोनियाना मंडी के नजदीक स्थित भौकड़ा पानी की टैंकी में चढ़े पडे़ हैं। उक्त लोग पहले की तरह इस बार भी कैरोसीन का तेल लेकर ऊपर चढे़ है व चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आत्मदाह करने का प्रयास जारी रखेंगे। फिलहाल जिला प्रशासन के अधिकारी पानी की टैंकी के नीचे इकट्ठा होकर उनसे वार्ता करने में जुट गए हैं। गौरतलब है कि अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन से जुडे़ अध्यापकों का पांच सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से चंडीगढ़ में मिला था। इस दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय से सूचित किया गया कि उनकी मांगों को लेकर अधिसूचना शिक्षा विभाग के डायरेक्टर की तरफ से जारी की जाएगी। जब इस बाबत अध्यापकों ने शिक्षा विभाग से बात की तो उन्होंने इस बाबत किसी तरह की अधिसूचना मिलने से इंकार कर दिया। इसके बाद अध्यापकों का आक्रञेश ड्डूञ्ट पड़ा व उन्होंने बठिंडा में टीचर होम में आयोजित रैली के बाद सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया। एआईई अध्यापक किसी तरह गोनियाना रोड स्थित पानी की टैंकी के पास पहुंच गए। इसमें 12 महिला अध्यापक पानी की टैंकी में चढ़ गए।
फोटो : बब्बल |
इसके बाद पानी की टैंकी में बने वाटर सप्लाई दफ्तर में काम कर रहे कर्मचारी वहां से फरार हो गए, जिससे आसपास के गांव में पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई। इससे आक्रञेशित गांव गिलपत्ती व भौकडा की पंचायत सौ के करीब लोगों को साथ लेकर पुलिस थाना गोनियाना पहुंचे व पानी की सप्लाई बहाल करने की मांग की। इसमें पुलिस ने किसी तरह की सहायता करने से इंकार कर दिया व कहा कि वह इस बाबत आक्रञेशित अध्यापकों से मिले। गांव वासी जब अध्यापकों से मिले तो उन्होंने कहा कि पानी की सप्लाई से उनका कोई लेना देना नहीं है, वह तो अपना आंदोलन कर रहे हैं व पानी की सप्लाई वाटर वर्क्स के कर्मी के भागने से बांधित हुई है। फिलहाल जिला प्रशासन जहां पानी की टैंकी पर चढे़ अध्यापकों से बातचीत शुरूञ् कर रहा है वही गर्मी के मौसम में आधा दर्जन के करीब गांव में रुकी पानी की सप्लाई को बहाल करवाने के प्रयास में जुटा है। इन गांवों में लगभग तीस हजार की आबादी रहती है। डीसी गुरकृतकृपाल सिंह का कहना है कि पानी की टैंकी पर चढ़े अध्यापकों की मांगों को बातचीत चल रही है। उक्त अध्यापक ईटीटी में बिना शर्त दाखिला देने की मांग कर रहे हैं इसमें अधिसूचना राज्य सरकार की तरफ से जारी की जानी है।
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