-दो दिनों में तीन लड़के के भ्रूण मारकर नालों में डाले गए
-अवैध संबंधों से जन्मे बच्चे की हत्या करने की प्रवृति
-पुलिस मामले की जांच में जुटी, आरोपी पकड़ से बाहर
बठिंडा। एक तरफ जहां कन्या हत्या को रोकने के लिए सरकार के साथ जिला प्रशासन ने विशेष मुहिम चलाई व इसमें काफी हद तक रोक भी लगी है लेकिन वर्तमान में पिछले कुछ दिनों से बठिंडा जिले में घटित हो रही लड़के भ्रूण की हत्या ने सबको चकित करके रख दिया है। इस तरह की घटनाओं ने एक ओर बात को बल दिया है कि जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के इलावा बाहरी बस्तियों में रहने वाले डाक्टर व दाईयां अवैध गर्भपात करने का धंधा जोर शोर से कर रही है। सेहत विभाग को इन घटनाओं से सबक लेकर इस तरह के असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने की जरूरत है । सेहत विभाग की नींद और जिला प्रशासन की लापरवाही का नतीजा ही है कि दो दिन में तीन लड़के के भ्रूण विभिन्न स्थानों से बरामद किए गए है। इसी कड़ी में शनिवार को रामा मंडी के सरकारी बाग में खेल रहे बच्चों को उस समय हाथ पांव की पड़ गई, जब उन्होंने नाले में एक भ्रूण को देखा। घटना की खबर मंडी में जंगल की आग की तरह फैल गई। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, जिन्होंने लोगों की मदद से भ्रूण को नाले से बाहर निकलवाया। मौके पर मौजूद लोगों के बताने के अनुसार रोज की तरह आज भी आसपास के बच्चे सरकारी बाग में खेल रहे थे, अचानक उनकी निगाह उक्त भ्रूण पर पड़ी, जिसे देखकर उनके चेहरों का रंग उड़ गया, और उन्होंने तुरंत घर पहुंच अपने परिजनों को बताया। जिसके बाद पुलिस को सूचित किया और पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची।
पुलिस ने भ्रूण को बाहर निकाला और आगे की कार्यवाई के लिए साथ ले लिया। बताया जा रहा है कि उक्त भ्रूण एक लड़के का था, जो देखने में नौ महीनों का लग रहा है। ज्ञात रहे कि स्थानीय सरकारी बाग में पूरी मंडी का गंदा पानी आता है, हो सकता है कि उक्त बच्चा अवैध रिश्तों की उपज हो, और इज्जत बचाने के लिए गर्भपात करवाया गया है। मामले को लेकर पुलिस सखते में है। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है व स्थानीय डॉक्टरों से भी पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि बठिंडा जिले में पिछले दो दिनों में यह तीसरा भ्रूण है, और हैरानी बात तो यह है कि तीनों के तीनों भ्रूण लडकों के हैं। दूसरी तरफ समाज शास्त्री व प्रशासन इस तरह की घटनाओं को लेकर चिंतित है। समाज सेवक व सहारा जन सेवा के प्रधान विजय गोयल का कहना है कि समाज में कन्या की पेट में हत्या की घटनाओं के पीछे समाज की तुच्छ मानसिकता का पता चलता है लेकिन वर्तमान में लड़कों की पेट में हत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण अवैध संबंधों को माना जा सकता है। अवैध संबंधों के चलते पैदा होने वाले बच्चे को या तो पेट में मार दिया जा रहा है या फिर उसके जन्म होते ही उसे मौत के मुंह में सुला दिया जा रहा है। इस तरह की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए समाज में जागृति लाने के साथ पुलिस व जिला प्रशासन को मुस्तैद होना पडेगा। इसमें हत्या करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए तह तक जाना जरुरी है।
पुलिस ने भ्रूण को बाहर निकाला और आगे की कार्यवाई के लिए साथ ले लिया। बताया जा रहा है कि उक्त भ्रूण एक लड़के का था, जो देखने में नौ महीनों का लग रहा है। ज्ञात रहे कि स्थानीय सरकारी बाग में पूरी मंडी का गंदा पानी आता है, हो सकता है कि उक्त बच्चा अवैध रिश्तों की उपज हो, और इज्जत बचाने के लिए गर्भपात करवाया गया है। मामले को लेकर पुलिस सखते में है। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है व स्थानीय डॉक्टरों से भी पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि बठिंडा जिले में पिछले दो दिनों में यह तीसरा भ्रूण है, और हैरानी बात तो यह है कि तीनों के तीनों भ्रूण लडकों के हैं। दूसरी तरफ समाज शास्त्री व प्रशासन इस तरह की घटनाओं को लेकर चिंतित है। समाज सेवक व सहारा जन सेवा के प्रधान विजय गोयल का कहना है कि समाज में कन्या की पेट में हत्या की घटनाओं के पीछे समाज की तुच्छ मानसिकता का पता चलता है लेकिन वर्तमान में लड़कों की पेट में हत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण अवैध संबंधों को माना जा सकता है। अवैध संबंधों के चलते पैदा होने वाले बच्चे को या तो पेट में मार दिया जा रहा है या फिर उसके जन्म होते ही उसे मौत के मुंह में सुला दिया जा रहा है। इस तरह की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए समाज में जागृति लाने के साथ पुलिस व जिला प्रशासन को मुस्तैद होना पडेगा। इसमें हत्या करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए तह तक जाना जरुरी है।
यहां बताना जरूरी है कि जिले में शहरी क्षेत्रों की बस्तियों व ग्रामीण इलाकों में तैनात डाक्टर व दाईयां अवैध ढंग से गर्भपात करने का गौरखधंधा बेलगाम कर रही है। पांच से दस हजार रुपये की वसूली के लिए इस तरह के काम उक्त लोग सुगमता से कर देते हैं। जिले में कुछ दाईयां तो ऐसी है जो घरों में या फिर क्लिनिंक में सभी नियम कायदों को दरकिनार कर गर्भपात करते हैं व पुलिस की नजर से बचने के लिए भ्रूण को मिट्टी में दबा देते हैं वही मौका मिलने पर उसे किसी गंदे नाले व बहती नहर में फैक देते हैं, जो बहता हुआ आगे निकल जाता है व इसमें शक भी नहीं हो पाता है।
1 comment:
हमारे समाज में जितने भी कडे़ कानून सरकार बना ले लेकिन इसे तोड़ने वाले लोगों को भी कोई कमी नहीं है। दाईयां अबार्शन करवाती है यह सच है। घरों में घरेलु औजारों के साथ गैरमान्य दवाओं के इस्तेमाल से कवारी मां बनी बच्चों के गर्भ गिरा दिए जाते हैं जो सेहत के लिए तो खतरनाक है साथ ही समाज के लिए भी घातक है जिसे तत्काल रोकना जरूरी है।
Post a Comment