जालंधर। अमेरिका की जेल से भागे एक एनआरआइ को 15 साल बाद भारत में गिरफ्तार किया गया है। भारत में उसकी गिरफ्तारी अमेरिका के केस के बदले नहीं बल्कि 12 दिसंबर को हत्या के प्रयास में केस में हुई। इससे पहले भी आरोपित कपूरथला की जेल में एक अन्य हत्या के प्रयास के केस में सजा पूरी कर चुका है। करीब छह महीने पहले ही सजा पूरी कर लौटा था और 12 दिसंबर को एक और वारदात को अंजाम दिया। उसके बाद से फरार चल रहे आरोपित को तीन महीने बाद फिल्लौर की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान सामने आया कि अमेरिका में भी वह जेल से भागा था और फर्जी दस्तावेज के आधार पर पहले कनाडा गया और वहां से भारत आ गया। उसके बाद से भारत में ही रह रहा है। आरोपित की पहचान अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को के रहने वाले सुखदीप सिंह उर्फ दीपा के रूप में हुई। यहां वह गोराया के नजदीकी गांव पत्ती खालसा में रह रहा था।
डीएसपी फिल्लौर सोहेल मीर कासिम ने बताया कि 2002 में सुखदीप को अमेरिका की एजेंसी ने 62 किलो पाउडर, 39000 प्रतिबंधित गोलियों व 40000 डालर ड्रग मनी के साथ पकड़ा था। उसे वहां 17 साल की सजा सुनाई गई थी। वहां आरोपित तीन साल तक जेल में रहा और शिफ्टिंग के दौरान मौका पाकर वहां से भाग निकला। उसके बाद अमेरिका से कनाडा पहुंचा और फिर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत लौट आया
2017 में हत्या के प्रयास में सजा काट चुका
आरोपित सुखदीप पर चार साल पहले भी एक व्यक्ति को जान से मारने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपित कपूरथला की जेल में बंद था और 6 महीने पहले ही वह जेल से छूटकर आया था। बाहर आते ही उसने एक और वारदात को अंजाम दिया।
हत्या के प्रयास मामले में थी आरोपित की तलाश
12 दिसंबर को पद्दी खालसा निवासी सुरेंद्र पाल सिंह साइकिल पर खेत जा रहा था। इस दौरान सफारी सवार छह युवकों ने तेजधार हथियारों से हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। डीएसपी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक आरोपित गांव मूसापुर में रह रहा है। सूचना के आधार पर उसे पकड़ लिया गया। दो दिन के रिमांड के दौरान अमेरिका में जेल से भागने की बात सामने आई। उसे दोबारा चार दिन के रिमांड पर लिया गया है।
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