बठिंडा. गत दिवस सरकार की तरफ से क्षमता से 50 फीसदी सवारियों को बसों में बिठाने के फरमान के बाद बस स्टेंड में आए दिन हंगामा होना शुरु हो गया है। बुधवार की रात बस कंडक्टर की तरफ से तय सवारियों से ज्यादा नहीं बिठाने की बात पर हंगामा मारपाटी तक पहुंच गया। बस स्टेंड में कुछ लोगों ने मिलकर बस ड्राइवर से मारपीट कर उसके कपड़े फाड दिए। मामले में कोतवाली पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें पुलिस ने बेशक कुछ लोगों को मौके पर हिरासत में लिया लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। कोतवाली पुलिस के पास सुखदेव सिंह बीसी-4 पीआरटीसी बस ड्राइवर ने शिकायत दी कि राज्य सरकार ने बसों में क्षमता से 50 फीसदी लोगों को बिठाने के आदेश दिए है। इसी के चलते बुधवार की सांय वह पीआरटीसी की बस बठिंडा से डबवाली की तरफ लेकर जाने लगा तो एक सवारी काला सिंह वासी कोटफत्ता व उसके साथ कई अन्य लोगों ने बस रोक दी व बस में बिठाने की जिद्द करने लगे। उन्होंने ऐसा करने मना किया तो उक्त लोगों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की व उसके कपड़े फाड कर ड्यूटी करने से रोका। सहायक थानेदार गुरमेल सिंह ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है व जल्द ही आरोपी लोगों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के मद्देनजर बसों में 50 फीसद सवारियां लेकर जाने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद सवारियों व बस कंडक्टरों के बीच काफी बहस देखने को मिल रही है। बसों में सवारियों को गिनकर चढ़ाने के बाद कुछ लोग छूट गए। ऐसे लोगों ने कंडक्टरों को बोला कि उन्हें ड्यूटी पर जाना है। इस पर कंडक्टरों ने भी अपनी मजबूरियों को गिनाना शुरू कर दिया। काउंटर पर बस के लगते ही कंडक्टर सवारियों की गिनती करना शुरू कर रहे है। जब बस में 26 सवारियां पूरी हो जाती तो बस की खिड़कियां बंद कर दी जाती है। हालांकि बसों में बैठी हुई सवारियों को भी लंबे रूट तक की बैठने के लिए बोला गया। कंडक्टर ने बस में सवारियों को तो बिठा लिया, लेकिन जो लोग बस में बैठने से रह गए। उनकी काफी बहस होती रही। यहीं नहीं रास्ते में भी कहीं पर बस को नहीं रोका गया। इस दौरान यह लापरवाही जरूर देखने को मिली कि बस में बैठी हुई सवारियां मास्क पहनने को ज्यादा गंभीर नहीं दिखे।
दूसरी तरफ सरकारी बस वाले तो इस नियम को मानते रहे, लेकिन प्राइवेट बसों के संचालक अपने खर्च पूरा न होने का रोना रोते हुए सवारियों को लेकर जाते रहे। उनके द्वारा किसी भी प्रकार से यह ध्यान में नहीं रखा गया कि बस में 50 फीसद सवारी है या नहीं। इसके अलावा बस स्टैंड पर भी लोगों की भीड़ आम दिनों की तरह रही लेकिन मास्क अधिकांश ने नहीं पहना हुआ था। बठिडा बस स्टैंड पर प्राइवेट कंपनी की बस के संचालक बेअंत सिंह ने बताया कि एक तो सरकार ने पहले ही महिला सवारियों को फ्री कर उनकी बसों में भीड़ कम कर दी है। इस कारण प्राइवेट ट्रांसपोर्टर पहले ही घाटे में चल रहे हैं। अब बसों में सवारियों को बिठाने की भी लिमिट फिक्स कर दी गई है, जिसके साथ उनका कारोबार बिलकुल बंद हो जाएगा। वही बठिडा डिपो के जीएम रमन शर्मा ने बताया कि बसों में सवारियों को सरकार के आदेशों के अनुसार ही बिठाया जाएगा। जो कोई भी इस नियम को तोड़ेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।