बठिंडा. देश वर्तमान मे कोरोना संकट से लड़ रहा है। ऐसे मे देश के हजारो इलेक्ट्रोहोम्यो चिकित्सक इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के मार्फत निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाये देने हेतु प्रधान मंत्री ऑफिस में अपना निवेदन प्रेषित किया है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन की ओर से प्रधानमंत्री ऑफिस में किए निवेदन पर पीएमओ में अंडर सेक्टरी (पब्लिक) अंबुज शर्मा के पास मामला पहुंचा है। जिस पर मंत्रणा शुरू हो गई है।
बताते चलें कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी 114 विशुद्ध पौधो से प्राप्त एन्जाइम्स द्वारा 38औषधि वाली हानिरहित सस्ती चिकित्सा पद्धति है। यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय व केन्द्र सरकार द्वारा प्रैक्टिस, सेल, एजूकेशन, प्रमोशन हेतु मान्य की गयी है।
इस चिकित्सा विधि की संपूर्ण मान्यता का मामला केन्द्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय आधीन गठित आईडीसी मे विचाराधीन है। पिछले100 साल से देश मे कई लोग इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की औषधि निर्माण और प्रशिक्षण मे संलग्न है।ये 38 औषधियां जल के माध्यम से रोगियो को दी जाती है। इन का कोई साइड इफेक्ट नही है। ईएचएफ की ओर से पीएमओ को विनम्र अनुरोध किया है कि इलेक्ट्रेहोम्यो चिकित्सकों की सेवाओ को कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु विचार करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देशित करने का कष्ट करें। ईएच प्रेक्टिशिनयर अपनी औषधियों के माध्यम से स्थानीय रोगियो की सेवा करने हेतु तैयार है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के नेशनल कोआर्डिनेशन हेड (मीडिया) डॉ. रितेश श्रीवास्तव के मार्फत सबमिट की गई उक्त एप्लीकेशन में कहा गया है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. परमिंदर एस पांडेय, मुंबई साइंटिफिक रिसर्च टीम प्रमुख डॉ. प्रो. हरविंदर सिंह, पंजाब के नेतृत्व मे देश के लगभग हर राज्य में इलेक्ट्रोहोम्यो चिकित्सक तैयार बैठे है।
फोटो- डॉ परमिंदर पांडेय/ डॉ प्रो हरविंद्र सिंह वही एमओ से आए जवाब का स्क्रीन शॉट
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