Thursday, December 3, 2020

कृषि कानून पर तकरार जारी, विरोध में प्रकाश सिंह बादल ने लौटाया पद्म विभूषण

 


  • कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है. 

कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है. 

प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब तीन पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए कृषि कानूनों का विरोध किया, किसानों पर एक्शन की निंदा की और इसी के साथ अपना सम्मान वापस दिया.

अपना पद्म विभूषण लौटाते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने लिखा, ‘मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं. ऐसे में अगर किसानों को अपमान हो रहा है, तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है’
प्रकाश सिंह बादल ने लिखा कि किसानों के साथ जिस तरह का धोखा किया गया है, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है. किसानों के आंदोलन को जिस तरह से गलत नजरिये से पेश किया जा रहा है, वो दर्दनाक है.

हरसिमरत कौर बादल भी दे चुकी हैं इस्तीफा
आपको बता दें कि इससे पहले भी बादल परिवार की ओर से कृषि कानूनों का बड़ा विरोध किया गया था. हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और केंद्र के नए कानूनों को किसानों के साथ बड़ा धोखा बताया था. सिर्फ इतना ही नहीं सुखबीर बादल ने अकाली दल के NDA से अलग होने का ऐलान करते हुए पंजाब के चुनावों में अकेला लड़ने की बात कही थी.गौरतलब है कि अकाली दल पंजाब में लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अकाली दल पर हमलावर हैं और अकाली दल को घेरते आए हैं. अमरिंदर ने आरोप लगाया था कि जब अकाली दल केंद्र सरकार में शामिल थी, तब ये कानून तैयार हुए थे ऐसे में तब विरोध क्यों नहीं किया गया था.

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों का विरोध सबसे अधिक पंजाब में ही हो रहा है. पिछले दो महीनों से पंजाब के किसान सड़कों पर हैं, लेकिन अब एक हफ्ते से दिल्ली कूच कर चुके हैं. दिल्ली-एनसीआर के इलाकों को किसानों ने पूरी तरह से घेरा हुआ है और यहीं डेरा जमा लिया है. 



Tuesday, December 1, 2020

पूरे देश को वैक्सीन नहीं लगेगी:ICMR ने कहा- कुछ लोगों को टीका लगाकर कोरोना रोक लिया तो पूरी आबादी के लिए वैक्सीनेशन जरूरी नहीं



ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीनेशन की सफलता वैक्सीन की इफेक्टिवनेस पर निर्भर करती है। हमारा मकसद कोरोना की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। अगर हम कुछ लोगों को वैक्सीन लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में सफल रहे तो शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत न पड़े।

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी इस पर टिप्पणी की। कहा, ”मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। यह जरूरी है कि ऐसी वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए।

भारत में कोरोना संक्रमण के मामले कम
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव (Secretary Health Ministry) राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज भी विश्व के बड़े देशों के मुकाबले भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं. अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं. हमारी मृत्यु प्रति मिलियन दुनिया में सबसे कम है.’ राजेश भूषण ने कहा, ‘नवंबर महीने में प्रतिदिन औसतन 43,152 कोविड -19 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, प्रतिदिन कोरोना से ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 47,159 थी.’

पंजाब और हरियाणा में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना केस
इनमें सबसे बड़ी बात यह कही गई कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में एक बार दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं. साथ ही दूरी का खयाल रखें और बार-बार हाथ धोएं. राजेश भूषण ने कहा, ‘क्लीनिकल ट्रायल मल्टी-सेंट्रिक और बहु-केंद्रित हैं. प्रत्येक साइट पर एक संस्थागत आचार समिति है, जो निर्माता या सरकार से स्वतंत्र है. किसी भी प्रतिकूल घटना के मामले में यह समिति भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल को अपनी रिपोर्ट देती है.

वैक्सीन के विपरीत प्रभाव की जांच DCGI करती है

सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन ”कोवीशील्ड” पर उठे विवाद पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपना रुख साफ कर दिया है। मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि इस तरह के मामलों की जांच ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) करती है। भूषण ने कहा, ”किसी भी वैक्सीन के ट्रायल से पहले वॉलंटियर की मंजूरी ली जाती है। उनसे फॉर्म भरवाया जाता है। जिसमें यह साफ लिखा होता है कि ट्रायल के दौरान कुछ विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। कैसे-कैसे प्रभाव पड़ेंगे, यह भी लिखा होता है। इसे देखने के बाद ही लोग ट्रायल की मंजूरी देते हैं।”

उन्होंने बताया कि ट्रायल के दौरान अस्पताल में एक एथिक्स कमेटी होती है, जो वैक्सीन के विपरीत प्रभाव पर नजर रखती है। अगर ऐसे किसी प्रभाव की जानकारी उसे होती है तो वह 30 दिनों के अंदर इसकी सूचना ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) को देती है। आगे DCGI ऐसे मामले की जांच करती है।

क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है?
वहीं, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि दवाई या वैक्सीन से बुरा प्रभाव पड़ता है. यह रेग्युलेटर की जिम्मेदारी है कि डाटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है.

 

वैक्सीन विवाद पर आगे क्या कहा मंत्रालय ने?
  • क्लीनिकल ट्रायल बहु केंद्रित होता है। मतलब इसके ट्रायल केवल एक जगह पर नहीं होते, बल्कि कई जगहों पर होते हैं।
  • ट्रायल के दौरान वैक्सीन के एडवर्स प्रभाव पर नजर रखने वाली एथिक्स टीम सरकार या किसी कंपनी की नहीं होती। ये उस अस्पताल की टीम होती है जहां ये ट्रायल चल रहा होता है।
  • ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीन के बुरे प्रभाव की जिम्मेदारी रेगुलेटर की होती है। वह इसका डाटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है। मतलब वैक्सीन और वॉलंटियर पर पड़ने वाले प्रभाव का कोई लिंक है?

बाल सुरक्षा आयोग के समक्ष पेश हुए बठिंडा पुलिस के प्रतिनिधि, कहा-सीएमओ रिपोर्ट दे तो आरोपी लोगों पर होगी पुलिस कारर्वाई



-आयोग ने पहले मामले में दो ब्लड बैंक कर्मियों पर कारर्वाई नहीं करने व 600 कीट गायब होने की जांच पूरी नहीं करने पर जताई है आपत्ति 

बठिंडा. बठिंडा के सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को बिना जांच एचआईवी संक्रमित खून लगने के मामले में मंगलवार को पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग ने बठिंडा पुलिस के अधिकारियों को तलब किया था जिसमें थाना कोतवाली पुलिस के इंस्पेक्टर व प्रभारी दविंदर सिंह व सिविल अस्पताल चौकी इंचार्ज रमन कौर ने आयोग के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाएं। इसमें आयोग ने जिला पुलिस से पूछा कि उन्होंने अक्तूबर माह में 8 साल के बच्चे व महिला का संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में विभाग की तरफ से आरोपी बनाए गए तीन लोगों में से दो के खिलाफ आज तक किसी तरहकी कारर्वाई क्यों नहीं की है वही सिविल अस्पताल में पूर्व बीटीओ बलदेव सिंह रोमाणा की तरफ से जांच के दौरान 600 कीटों को बाहर से मंगवाकर स्टाक में रखने के मामले में आज तक जांच का दायरा क्यों नहीं बढाया गया व इसमें दोषियों की तलाश कर उनके खिलाफ कारर्वाई क्यों नहीं की गई। इन तमाम सवालों के जबाब में पुलिस ने तर्क दिया कि सिविल अस्पताल में अब तक चार थेलेसीमिया पीड़ित बच्चों व एक महिला को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला सामने आया है इसमें सिविल सर्जन व एसएमओ की तरफ से जिन मामलों में कारर्वाई रिपोर्ट पुलिस के पास पेश की गई व जिन लोगों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने के लिए कहा गया उसमें पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। ब्लड बैंक में तैनात बलदेव सिंह रोमाणा के अलावा अन्य दो अधिकारियों पर कानूनी कारर्वाई करने की रिपोर्ट सिविल अस्पताल प्रबंध उन्हें देगा तो पुलिस इसमें मामला जरूर दर्ज करेगी। वही पुलिस सिविल अस्पताल प्रबंधन ने दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट मांगेगी व इसमें जांच कर बनती कारर्वाई की जाएगी। 26 नवंबर 2020 को पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग के चेयरमैन रजिंदर सिंह ने अपनी पड़तालियां रिपोर्ट में सिविल अस्पताल के अधिकारियों व ब्ल़ड बैंक में तैनात कर्मियों की लापरवाही को उजागर किया था व इसमें अधिकारियों को ताड़ना कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट 20 दिनों में देने के लिए कहा था। इसमें आयोग के समक्ष सिविल अस्पताल प्रबंधन ने 17 दिसंबर तक दोनों पक्षों में रिपोर्ट तैयार करने के साथ इसमें दोषी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कारर्वाई करनी है। इसी कड़ी में गत दिनों सिविल सर्जन अमरिंक सिंह सिद्धू ने भी सिविल अस्पताल ब्लड बैंक का दौरा कर वहां रिकार्ड की जांच की थी। वही ब्लड बैंक में अतिरिक्त कर्मी की तैनाती करने के साथ सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए है। इससे पहले लगातार आ रहे लापरवाही के मामलों को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरों को भी ब्लड बैंक की लुकेशन में लगाया जा चुका है। 

इसी तरह विश्व एड्स दिवस पर पंजाब एड़स कंट्रोल सोसायटी के अधीन काम कर रहे कर्मियों ने मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन कर जहां वेतन बढ़ोतरी की मांग रखी वही बठिंडा में चार टेक्निसियनों पर विभागीय कारर्वाई करने का मुद्दा उठाया। इसमें टैक्नीसियनों ने 7 नवंबर को सिविल अस्पताल में एक 14 साल के बच्चे को संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में निष्पक्ष जांच करवाने व उनका पक्ष रखने की मांग भी रखी। सेहत मंत्री ने कर्मियों को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में रिपोर्ट तलब कर जरूरत पड़ने पर मामले की फिर से जांच करवाने की हिदायत देंगे। 

बठिंडा के एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क ने कहा कि बाल सुरक्षा आयोग ने पुलिस से सिविल अस्पताल में संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले की रिपोर्ट मांगी थी इसमें उनके दो अधिकारी आयोग के समक्ष पेश हुओ है व उन्होंने आयोग की तरफ से जताई आपत्ति पर अपना जबाव दायर किया है। इसमें ब्लड बैंक कर्मियों पर कारर्वाई व ब्लड टेस्टिंग कीट बाहर से मांगवाने सहित कुछ सवालों के जबाव में पुलिस ने सिविल अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है ताकि अगली बनती कारर्वाई को अमल में लाया जा सके। 


Bathinda-ऑनलाइन बुकिंग:31 दिसंबर के बाद बिना हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहनों के होंगे चालान इधर, ऑनलाइन बुकिंग कराने पर आवेदकों को मिल रही जनवरी की तारीख

 


बठिंडा। पंजाब भर में ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से सभी तरह के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना 31 दिसंबर तक अनिवार्य कर दिया गया है। पहली जनवरी से जिन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी होगी उनके चालान किए जाएंगे। परंतु आवेदकों की ओर से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने पर जनवरी की तारीख आ रही है। इससे आवेदकों में भी डर का माहौल है कि अगर

जनवरी में हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाई जाएंगी तो 31 दिसंबर के बाद चालान का सिस्टम शुरू हो जाएगा तथा ऐसे में नंबर प्लेट की बुकिंग रसीद भी काम नहीं आएगी। बतां दे कि स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अमरपाल सिंह की ओर से दो महीने पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि तय किए गए समय के बाद समय नहीं बढ़ाया जाएगा और चालान के दौरान नंबर प्लेट की बुकिंग रसीद भी नहीं मानी जाएगी।

जिले में 10 सेंटरों पर लगती है प्लेट

जानकारी के मुताबिक जिले भर में 13 लाख से अधिक पुराने वाहन हैं। 24 मई से 30 नवंबर तक एचएसआरपी की ओर से पौने दो लाख हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जा चुकी हैं। जिले भर में 10 के करीब सेंटर हैं जहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जाती हैं। इसमें चार लुधियाना में और बाकि जगराओं, समराला, खन्ना व रायकोट में है।

समय से पहले बनाई जा रही प्लेट्स
एचएसआरपी के स्टेट हेड अर्जुन ने बताया कि उनकी ओर से इंप्लाइज की कमी नहीं है। 50 से अधिक होम फिटमेंट के लिए मुलाजिम और 70 से अधिक इंप्लाइज सेंटरों में काम कर रहे हैं। आवेदक को जो समय नंबर प्लेट लगाने के लिए दिया जाता है उससे पहले ही प्लेट तैयार कर दी जाती है। परंतु आवेदक समय पर नहीं आ रहे हैं।


LIVE: सरकार की ओर से राजनाथ करेंगे बातचीत की अगुवाई, तीन बजे होगी किसान भवन में बैठक वही किसान नेता ने न्योते पर उठाए सवाल

 केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। सरकार ने किसानों को आज 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। इस न्योते पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है।

सरकार से बातचीत से पहले दिल्ली-UP बॉर्डर पर किसानों का गुस्सा देखा गया। गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया।

किसानों से मुलाकात से पहले मंत्री करेंगे मंथन
किसानों से बातचीत से पहले सरकार के मंत्री एक अलग मीटिंग करेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर थोड़ी देर में यह मीटिंग शुरू होगी। बताया जा रहा है इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। शाह ने आज BSF राइजिंग डे इवेंट में जाने का शेड्यूल भी टाल दिया है। इसकी वजह एक अहम ऑफिशियल काम होना बताई गई है।

हरियाणा से लगे दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर को पुलिस ने आज लगातार दूसरे दिन बंद कर रखा है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दिल्ली से हरियाणा आवाजाही के लिए झारोदा, धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी NH-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर से मूवमेंट कर सकते हैं। ये बॉर्डर खुले हुए हैं। बदोसराय और झटीकरा बॉर्डर से सिर्फ टू-व्हीलर की आवाजाही की इजाजत है।

सरकार ने 32 किसान संगठनों के नेताओं को बुलाया
किसानों से 3 दिसंबर को बातचीत करने पर अड़ी सरकार ने सोमवार को जिद छोड़ दी और 1 दिसंबर यानी आज दोपहर 3 बजे 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें वार्ता में शामिल होने का न्योता दिया गया है।

केंद्र के तीनों नए कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब में तो प्रदर्शन पहले से चल रहा था, लेकिन 6 दिन पहले पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया। पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। सरकार ने किसानों से कहा कि वे प्रदर्शन खत्म कर बुराड़ी आ जाएं तो बातचीत पहले भी हो सकती है।

गृह मंत्री-कृषि मंत्री ने 24 घंटे में 2 बार मीटिंग की
किसानों ने सरकार की शर्त नहीं मानी, बल्कि रविवार को कहा कि अब दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करेंगे। किसानों ने कहा कि वे 4 महीने का राशन-पानी साथ लेकर आए हैं। इसके बाद सरकार में बैठकों का दौर शुरू हुआ। रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। सोमवार को फिर मीटिंग हुई। गृह मंत्री के घर हुई बैठक में कृषि मंत्री और भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।

सरकार ने कहा- कोरोना, सर्दी की वजह से जल्द बातचीत
सोमवार की बैठक के बीच ऐसे संकेत मिल रहे थे कि सरकार किसानों को बिना शर्त बातचीत का न्योता भेज सकती है। हुआ भी वही, देर रात सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया। हालांकि, कृषि मंत्री ने जल्द वार्ता के लिए तैयार होने की वजह बढ़ता कोरोना संक्रमण और सर्दी को बताया।

अपडेट्स

  • पंजाब किसान संघर्ष समिति के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से ज्यादा संगठन हैं। सरकार ने सिर्फ 32 समूहों को बुलाया है। जब तक सभी संगठनों को नहीं बुलाया जाता, हम बातचीत में शामिल नहीं होंगे।
  • हरियाणा की 130 खाप पंचायतें आज किसान आंदोलन में शामिल होंगी। उधर, पंजाब में भी पंचायतों ने हर घर से एक मेंबर को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।
  • दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर 2 दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।
  • 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए हंगामे को लेकर अलीपुर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर तंज कसा है कि अन्नदाता सड़कों पर धरना दे रहे हैं और झूठ टीवी पर भाषण। किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है।

32 साल बाद दिल्ली के दरवाजे पर ऐसा संघर्ष
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां पर जुटे थे।

सोमवार की फोटो सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों की है।
सोमवार की फोटो सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों की है।

Monday, November 30, 2020

ब्लड बैंक में Bathinda-संक्रमित रक्त चढाने की जांच-ब्लड डोनर करने वाले 15 लोगों के टेस्ट लेकिन रिपोर्ट का खुलासा नहीं



बठिंडा. बठिंडा के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक से एक महिला और चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव डोनरों का बिना जांच खून चढ़ने का खुलासा होने पर अस्पताल की तरफ से डोनरों की पहचान कर सैंपलिंग का काम शुरू किया है। लॉकडाउन के दौरान ब्लड बैंक व कैंपों में ब्लड डोनेट करने वाले रक्तदानियों को इसमें शामिल किया गया है।

अब तब 15 डोनरों को बुलाकर ब्लड टेस्ट करवाया गया है। इसमें आए दिन उठ रहे विवाद के चलते अस्पताल प्रबंधन उनकी रिपोर्ट जारी करने से गुरेज कर रहा है लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उक्त डोनरों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव व नेगेटिव तथा डोनर के संक्रमित आने पर एआरटी सेंटर में इलाज शुरू करवाने संबंधी कुछ भी बताने से इंकार किया है। उक्त मामले में 8 से 12 साल के मध्य बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाया गया जिसकी ब्लड बैंक में जांच नहीं हुई थी। बठिंडा ब्लड बैंक में थैलेसीमिया की बीमारी से पीड़ित 4 बच्चों के एचआईवी संक्रमित होने पर तहलका मच गया था तथा लगातार मामले सामने आने के बाद सेहत विभाग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।

वहीं लगातार ब्लड बैंक में इस तरह की घटनाएं घटित होने को संयोग नहीं माना जा सकता। इसमें बाल अधिकार आयोग की सख्त टिप्पणी व मामले में बड़ी लापरवाही के साथ किसी घपले की आशंका के तहत जांच करवाने की हिदायत ने सेहत विभाग की किरकरी की है। इसमें आला अधिकारियों की कारगुजारी पर भी सामाजिक व राजनीतिक संगठनों की तरफ से सवाल उठाकर जांच की मांग कर दोषियों पर आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग लगातार की जा रही है। वही ब्लड बैंक में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप व जानबूझकर ब्लड बैंक कर्मियों को बदनाम करने के लिए साजिश करने की संभावना के बीच सेहत विभाग ने सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा गार्ड के अलावा वार्ड अटेंडेट की तैनाती भी कर दी है।
वही आयोग की तरफ से आला अधिकारियों की तरफ से ब्लड़ बैंक में लापरवाही के मद्देनजर अपने स्तर पर गहराई से जांच नहीं करने की बात के बाद गत दिवस सिविल सर्जन डा. अमरीक सिंह संधू ने ब्लड बैंक का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने एक घंटा रिकार्ड जांचा। बता दें कि ब्लड बैंक में अक्टूबर व नवंबर के मध्य थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एड्स संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में जांच के बाद सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की तरफ से बठिंडा सरकारी ब्लड बैंक में तैनात चार कांट्रेक्ट लैब टेक्नीशियनों को जांच के बाद आरोपी पाए जाने पर नौकरी से डिसमिस कर दिया गया।

3 अक्टूबर को थैलासीमिया पीड़ित बच्चे को इश्यू किए गए एचआईवी संक्रमित ब्लड के मामले में आरोपी पाए जाने पर ब्लड बैंक में तैनात सीनियर एमएलटी बलदेव रोमाणा पर विभागीय कार्रवाई के बाद पुलिस कार्रवाई कर जेल भेजा गया। वहीं मामले में शामिल कांट्रेक्ट पर बीटीओ डा. करिश्मा व एलटी रिचा को सस्पेंड किया जा चुका है। ब्लड से अलग-अलग दिनों में इश्यू किए ब्लड के चढ़ाने से अब तक 4 थैलासीमिया पीड़ित बच्चे एचआईवी पॉजिटिव से ग्रस्त हो चुके हैं।

इस संबंध में हेल्थ सेक्रेटरी हुस्न लाल द्वारा सिविल सर्जन व डीएमसी को समय-समय पर ब्लड बैंक का निरीक्षण करने के आदेश जारी किए थे। सिविल सर्जन बठिंडा डा. अमरीक सिंह संधू ने रविवार को फिर टीम समेत ब्लड बैंक का निरीक्षण किया और ब्लड बैंक का पूरा रिकार्ड, ब्लड स्टाक समेत अन्य संसाधनों की चेकिंग की। इस दौरान जांच टीम द्वारा करीब एक घंटे तक रिकार्ड चेक करने के साथ ब्लड बैंक में तैनात एलटी से ब्लड डोनेशन से लेकर ब्लड सैंपलों की क्रास चेकिंग व इश्यू करने संबंधी जरूरी निर्देश दिए वहीं रिकार्ड में इंट्री करते समय कोई गलती होने पर ओवर राइटिंग न किया जए। गलती होने पर साथ में इंट्री की करें ताकि गलती का आसानी से पता चल सके। इस दौरान उन्होंने ब्लड बैंक की इमारत में चल रहे रैनोवेशन व निर्माण कार्य का भी जायजा लिया।
ब्लड बैंक में खून की कमी, नहीं आ रहे डोनर
जब से ब्लड बैंक की ओेर से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी पाजिटिव डोनर का खून चढ़ने के बाद ब्लड बैंक विवाद में आया है। उसके बाद से ब्लड बैंक में खून की कमी हो गइ है। ब्लड डोनर और खूनदानी संस्थाएं खूनदान करने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। खून की कमी के चलते आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समय ब्लड बैंक में 68 यूनिट ब्लड है। जिसमें इमरजेंसी के लिए एबी पाजिटिव का एक ही यूनिट बचा है जब कि प्रत्येक ग्रुप के इमरजेंसी के लिए कम से कम 15 यूनिट होने चाहिए। इससे पहले प्रतिदिन 25-30 यूनिट खून ब्लड बैंक से जारी होता था जो इन दिनों प्रतिदिन 4-5 यूनिट खून जारी हो रहा है।

https://www.punjabkasach.com/bathinda-in-blood-bank-blood-transfusion-test-blood-donor-test-of-15-people-but-report-not-revealed/

बठिंडा में ग्रीन सिटी परिवार हत्याकांड के पांच आरोपित डेढ़ माह बाद भी गिरफ्त से बाहर


 

बठिडा : सियासी पहुंच के कारण ग्रीन सिटी परिवार हत्याकांड में बठिडा पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। सिर्फ चार लोगों को ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लेकिन बाकी के पांच आरोपित पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। कांग्रेस नेता संजय जिदल बाबी की लोकेशन पता चलने के बावजूद भी उसको पुलिस पकड़ नहीं पाई।

22 अक्टूबर, 2020 को बठिडा की ग्रीन सिटी फेज टू में ट्रेडिग बिजनेस में लाखों रुपये का घाटा होने से परेशान 41 वर्षीय व्यापारी दविदर गर्ग ने 38 वर्षीय पत्नी मीना गर्ग, 14 वर्षीय बेटे आरूष गर्ग व 10 वर्षीय बेटी मुस्कान गर्ग की गोली मारकर हत्या कर दी और उसके बाद ख्रुदकुशी कर ली थी। दविदर ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने एक महिला समेत नौ लोगों को अपनी मौत का जिम्मेवार ठहराया था। जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में लिखे गए है, वह सभी उसके साथ ट्रेडिग बिजनेस में जुड़े हुए थे। थाना कैंट पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर एक महिला समेत कुल नौ लोगों पर खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया था। इनमें से बठिडा पुलिस ने सिर्फ चार लोगों मनजिदर सिंह धालीवाल, प्रवीन बंसल, अशोक कुमार व मनी बंसल को ही गिरफ्तार किया। पांच आरोपित संजय जिदल बाबी, अभिषेक जोहरी, राजू कोहिनूर, अमन कोहेनूर, बब्बू कालड़ा अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। पहले परिवार को पकड़ा, फिर छोड़ा कांग्रेस नेता संजय जिदल बाबी की लोकेशन शिमला की आ जाने के बाद पुलिस ने उसके स्वजनों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद बड़े कद के कांग्रेस नेता की सिफारिश पर उनको छोड़ दिया गया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कहा कि बाबी को पकड़ना है तो पकड़ लें लेकिन उनके परिवार को परेशान न करें।

हमारे लिए सिर्फ आरोपित हैं

हम लगातार प्रयास कर रहे हैं और छापेमारी जारी है। बहुत जल्द बाकी के सभी आरोपित पुलिस की पकड़ में होंगे। कोई नेता हो या न हो, इस से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारे लिए तो वह सिर्फ आरोपित ही हैं।

-भुपिद्रजीत सिंह विर्क, एसएसपी, बठिडा


बठिंडा में संस्थाओं ने बंद की सेवाएं तो प्रशासन ने दिया थेलेसीमिया पीड़ित एसो.के पदाधाकिरियों पर दर्ज केस रद्द करने का भरोसा



 बठिडा : सिविल अस्पताल प्रबंधन व पुलिस द्वारा थैलेसीमिया एसोसिएशन के प्रधान सुरेश पाल गर्ग पर दर्ज किए गए केस को रद करवाने की मांग को लेकर शनिवार को बठिडा की तमाम समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं ने अपनी सभी सेवाएं बंद कर नान गवर्नमेंट आर्गेनाइजेशन (एनजीओ) के बैनर तले स्थानीय फायर ब्रिगेड चौक के बाहर धरना दिया। इस मौके पर सिविल सर्जन बठिडा समेत जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद संस्थाओं का प्रतिनिधिमंडल सिविल सर्जन बठिडा सिंह सिद्धू से मिलने गया। इस दौरान संस्थाओं ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर दर्ज करवाए केस पर जताया। उन्होंने उक्त केस को रद करने की मांग रखी। वहीं थैलेसीमिया बच्चों व महिला को एचआइवी रक्त चढ़ाने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा। इस दौरान डाक्टरों की एसोसिएशन ने भी सिविल सर्जन से बैठक की। इस दौरान डाक्टरों का कहना था कि वह सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि बैठक में हाजिर नहीं रहेंगे। वहीं डाक्टरों ने कहा कि पदाधिकारियों के खिलाफ दी गई शिकायत को वह वापिस ले लेंगे पर राजनीतिक दलों खासकर आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज शिकायत वापिस नहीं लेंगे।

शहर की समाजसेवी संस्था थैलेसीमिया सोसायटी पर दर्ज हुए मामले को लेकर शहर की सभी सामाजिक संस्थाओं ने हर प्रकार की सामाजिक गतिविधि पर रोक लगा दी थी, जिसके चलते संस्थाओं ने मजबूरन किसी भी ब्लड बैंक में रक्त देने, कोई भी दाह संस्कार करने या कोई भी कोविड सहायता करने अन्य गतिविधियों को रोक कर प्रशासन का बायकाट कर फायर ब्रिगेड चौक में धरना दिया था। उनका समर्थन करते हुए राजनीतिक दलों के अलावा पूरे पंजाब की सभी समाजिक संस्थाओं ने समर्थन दिया था और पूरे पंजाब में सेवा बंद करने का एलान कर दिया था।

संस्थाओं के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन के एक डेलीगेशन द्वारा संस्थाओं और डाक्टरों के बीच बैठक आयोजन किया। इसमें दोनों पक्षों की ओर से बातचीत की गई व दोनों पक्षों ने कहा कि किसी भी तरह से आज के समय में सेवा कार्य प्रभावित नहीं होने चाहिए। डाक्टरों ने आश्वासन दिलवाया कि वह किसी प्रकार की आगे की कार्रवाई नहीं चाहते। इसके बाद तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़, डीएसपी गुरजीत सिंह रोमाणा व एसएचओ कोतवाली दविदर सिंह ने धरनास्थल पर सभी को विश्वास दिलवाया कि अगले सप्ताह तक कानूनी प्रक्रिया पूरी करके मामले को रद कर दिया जाएगा, जिसके बाद सभी संस्थाओं ने सहमति से सेवाएं बहाल कर दी।

इस मौके पर नौजवान वेलफेयर सोसायटी, जीवन ज्योति वेलफेयर क्लब, समर्पण वेलफेयर सोसायटी, श्री गौशाला, आसरा वेलफेयर सोसायटी, श्री गणेश वेलफेयर सोसायटी, सहयोग वेलफेयर सोसायटी, श्री गोसेवा संभाल समिति, यंग ब्लड क्लब, लाइफ सेविग हेल्थ मिशन, किसान यूनियन उग्राहां, शक्ति वेलफेयर सोसायटी बुर्ज महिमा, मां अंगूरी देवी सोसायटी मलोट, शहीद जरनैल सिंह सोसायटी, थैलेसीमिया सोसायटी, शिव जागरण संघ, श्री बालाजी मेहंदीपुर सोसायटी, शिवसेना हिदुस्तान, श्री साई सेवा दल, श्री हनुमान सेवा समिति, साथी वेलफेयर सोसायटी, हिदू तख्त, एसोसिएशन ऑफ एक्टिव एनजीओज, सोशल वेलफेयर ग्रुप, बठिडा एसोसिएशन ऑफ एनजीओज, सहारा जन सेवा आदि शामिल हुए।


कोरोना पर ऑल पार्टी मीटिंग:मोदी 4 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग लेंगे; कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी



 नई दिल्ली। सरकार ने कोरोना के मुद्दे पर 4 दिसंबर यानी शुक्रवार को ऑल पार्टी मीटिंग (सर्वदलीय बैठक) बुलाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। सरकार ने कोरोना पर दूसरी बार ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है।

मोदी कोरोना की स्थिति के साथ ही वैक्सीन डेवलपमेंट पर भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज की टीमों से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने इन्हें सलाह दी कि आम लोगों को वैक्सीन के असर जैसी बातों के बारे में आसान शब्दों में समझाने के लिए एक्स्ट्रा एफर्ट करें। इससे पहले शनिवार को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद के जायडस बायोटेक पार्क और हैदराबाद में भारत बायोटेक फैसिलिटी का दौरा किया था।

देश में कोरोना से अब तक 94.32 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, 88.46 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 1.37 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है। राजस्थान की पूर्व शिक्षा मंत्री और राजसमंद से भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी (59) का रविवार देर रात कोरोना की वजह से निधन हो गया। उनका गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। वे 2004 में उदयपुर से लोकसभा सांसद भी चुनी गई थीं।


ब्रेन स्ट्रोक के बाद राहुल रॉय की हालत स्थिर, नानावटी अस्पताल में हैं एडमिट






आशिकी फेम एक्टर राहुल रॉय को फिल्म की शूटिंग के दौरान ब्रेन स्ट्रोक आया था. फिलहाल वो मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी कंडीशन अभी स्थिर बताई जा रही है. वो रिकवर कर रहे हैं. बता दें कि राहुल करगिल में फिल्म LAC: Live the Battle की शूटिंग कर रहे थे, शूटिंग के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया. 
  
सबसे पहले नाना पाटेकर और उनके बेटे मलहार ने राहुल की मदद की थी. उन्होंने राहुल रॉय को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद करने के लिए फोन किया. 

को-एक्टर निशांत ने कहा ये
फिल्म LAC: Live the Battle में बिग बॉस फेम एक्टर निशांत मलकानी भी हैं. उन्होंने राहुल रॉय के जल्द ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. निशांत ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा- ये सब मंगलवार को हुआ. वो ठीक थे जब हम सभी सोमवार की रात सोने गए. मुझे लगता है कि मौसम से उन्हें ईश्यू हुआ. करगिल में तापमान -15 डिग्री सेंटीग्रेड है, जहां हम शूटिंग कर रहे हैं. 



आगे उन्होंने कहा- मंगलवार को राहुल की तबियत थोड़ी ठीक नहीं थी. हमने नोटिस किया कि वो डायलॉग सही से नहीं बोल पा रहे. वो डायलॉग भूल नहीं रहे थे, बल्कि उन्हें सेंटेंस पूरा करने में दिक्कत हो रही थी. शाम तक उनकी स्थिति खराब होने लगी थी. वो इधर-उधर देख रहे थे.


बता दें कि  एक्टर को करगिल के मिलिट्री हॉस्पिटल में भेजा गया था. राहुल की स्थिति समझने के लिए लिए बुधवार सुबह एक सीटी स्कैन किया गया था.सेना की मदद से उन्हें गुरुवार को श्रीनगर में एक हेलीकॉप्टर में ले जाया गया, जहां से उन्हें मुंबई के नानावटी अस्पताल के आईसीयू में ले जाया गया.

प्रोफेशनल फ्रंट पर, राहुल रॉय ने फिल्म आशिकी के जरिए अपना डेब्यू किया था. वो बिग बॉस में भी नजर आए और विनर बने. अब राहुल फिल्म LAC- Live the Battle में नजर आने वाले हैं.

किसान आंदोलन का 5वां दिन LIVE:किसान दिल्ली सील करने की तैयारी में; पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर बंद किए


 

केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ किसानों केसा आंदोलन का आज 5वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज वे दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की तैयारी में हैं। किसानों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।

फोटो सिंघु बॉर्डर की है।
फोटो सिंघु बॉर्डर की है।

अपडेट्स

  • आज गुरूनानक जयंती भी है। ऐसे में किसान सड़कों पर ही अरदास कर रहे हैं।
  • बुराड़ी में निरंकारी समागम ग्राउंड पर मौजूद किसानों का प्रदर्शन जारी है। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स और सिक्योरिटी बढ़ा दी है।
फोटो गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर की है।
फोटो गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर की है।
  • कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि कानून APMC मंडियों को खत्म नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी।
  • सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा MSP पर बेचा।

सरकार चाहती है कि सभी किसान बुराड़ी पहुंचें तो बातचीत की जाए, लेकिन किसानों ने रविवार को कहा था कि बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे। गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई। हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए। उधर, सरकार अपनी स्ट्रैटजी बनाने में जुटी है। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर रविवार रात बैठक की।

हाईवे पर मिनी पंजाब जैसा नजारा
किसान आंदोलन के चलते हाईवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है। ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है। जगह-जगह लंगर लगे हैं। धरने वाले धरने पर बैठे हैं। खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।

फोटो सिंघु बॉर्डर की है।
फोटो सिंघु बॉर्डर की है।

किसान संगठनों के 3 ऐलान
1. बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी जाएं। शर्त अपमानजनक है। हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है। इसका सबूत भी है हमारे पास। उत्तराखंड के तेजिंदर सिंह विर्क की अगुआई में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे। दिल्ली के प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया। उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया।

2. पांच एंट्री पॉइंट्स से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी
सिरसा ने कहा- हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को घर जैसा बना रखा है। हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं।

3. हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा
किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है। यही पांचों पॉइंट्स पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी। किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है। कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी।

बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे
इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। बुराड़ी में किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि किसान बुराड़ी मैदान पर इकट्ठे हों। इसके बाद उनसे बात की जाएगी। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, न कि दिल्ली में घिर जाने के लिए।

सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था। उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान बुराड़ी शिफ्ट होंगे, अगले ही दिन सरकार विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सरकार तय दिन 3 दिसंबर से पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।

आत्महत्या:3 साल से थे प्रेम संबंध, प्रेमी की शादी के दिन प्रेमिका ने जहर निगल दी जान,मलोट का मामला-दो बच्चों की मां थी सुमन



 मलोट(मुक्तसर). स्थानीय शहर की गुरु नानक नगरी की एक विवाहिता महिला ने जहरीली वस्तू निगलकर खुदकुशी कर ली मृतका 18 साल की बेटी व 15 साल के बेटे की मां थी जिसके स्थानीय एक नौजवान से गत तीन सालों से अवैध संबंध थे। नौजवान का रविवार को विवाह था जिसने महिला के साथ जीने-मरने की कसमें खाई थी, परंतु नौजवान के विवाह को लेकर महिला परेशान थी, जिसके कारण उसने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर प्रेमी के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज करके लाश पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दी है।

बेटी बोली...मां को गलत काम करने से मना किया तो धमकाकर चुप करवाया

मलाेट के वार्ड नंबर 23 की गुरु नानक नगरी निवासी 36 वर्षीय महिला सुमन सोनी पत्नी राज कुमार सोनी की खुदकुशी के मामले में बेटी नैनसी ने पुलिस के पास दर्ज करवाए बयानों में आरोप लगाया कि उसके पिता के दोस्त दविंदर सिंह उर्फ लवली पुत्र गुरदीप सिंह वासी गुरु नानक नगरी मलोट का उनके घर आना जाना था, उसका पिता कुमार काम पर चला जाता था तो पीछे से दविंदर सिंह लवली उनके घर आ जाता था। यह सिलसिला गत तीन सालों से चल रहा था। दोनों के बीच संबंध बन गए थे, जिससे वह अपनी मां को अक्सर ही रोकती थी, परंतु उसे धमकाकर चुप रहने के लिए मजबूर किया जाता था।

जिसके कारण दविंदर सिंह लवली का आना जाना लगातार जारी रहा, कुछ दिन पहले दविंदर के घरवालों ने उसका विवाह करने की बात उसकी मां सुमन को पता चली तो सुमन ने दविंदर को विवाह करवाने से मना किया तो दविंदर सिंह ने विवाह न करवाने का वादा किया। इस दौरान उसकी मां सुमन सोनी को पता चला कि रविवार को दविंदर सिंह का विवाह है। उसकी मां ने जहरीली दवाई पी ली और उसकी मौत हो गई। सब इंस्पेक्टर हरविंदर सिंह ने बताया कि उक्त बयानों के आधार पर दविंदर सिंह उर्फ लवल पुत्र गुरदीप सिंह वासी मलोट के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।


Saturday, October 24, 2020

बठिंडा में ग्रीन सिटी वासी व्यापारी दविंदर गर्ग के मौत का सच-गैरकानूनी बिटकॉइन और क्रिप्टोकरैंसी के चक्रव्यूह में फंसकर करोड़ों रुपए गवा रहे हजारों लोग



 

बठिंडा. ग्रीन सिटी बठिंडा में दो बच्चों व पत्नी की गोली मारकर हत्या करने व बाद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले व्यापारी व ट्रैडर दविंदर गर्ग के मामले में कैंट पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इसमें फोरन बिटकॉइन और ऐसी ही क्रिप्टोकरैंसी के मक्कडजाल को भेंदने के लिए पुलिस को काफी मत्थापेंची करनी पड़ रही है। आरंभिक जांच में पुलिस के पास जानकारी मिली है कि रातों-रात करोड़पति बनने चले बठिंडा के हजारों लोग देश में गैरकानूनी बिटकॉइन और ऐसी ही क्रिप्टोकरैंसी (आभासी मुद्रा) के चक्रव्यूह में फंसकर करोड़ों रुपए अटकाए बैठे हैं। कोरोना काल में मार्च से लेकर अब तक इस करंसी के रेट में बेहताशा कमी आने के बाद लोगों के अंदर पैसे की वसूली को लेकर कश्माकश चल रही है मेहनत की गाढ़ी कमाई डूबने की आशंका से अब लोग एजेंटों से रुपए का तकादा कर रहे हैंवे उन्हें इंतजार की सलाह दे रहे हैं। वही लोग इस मामले में एजेंटों पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि वह उनके पैसे दिलवाएं। बठिंडा में टैंडर्स दविंदर गर्ग की तरफ से परिवार की हत्या करने व स्वयं आत्महत्या करने की घटना भी इसी चक्रव्यूह का हिस्सा है। वर्तमान में बिटकॉइन और ऐसी ही क्रिप्टोकरैंसी में बठिंडा जिले में ही लोगों ने 500 करोड़ से अधिक की राशि इन्वेस्ट कर रखी है।


बिटकॉइन में रुपए लगाने वालों में आमजन से लेकर नेताव्यापारीकर्मचारीपुलिसवकीलडॉक्टर हर तबका शामिल है। गैरकानूनी काम कर रहे एजेंटों ने लोगों को इस आभासी मार्केट में अच्छे कमिशन का भरोसा देकर निवेश करवाया। किसी ने जमा पूंजी लगा दी तो किसी ने जमीन बेचीकिसी ने पर्सनल लोन लिया तो किसी ने एफडी तुड़वाकर इस हवाई कारोबार में पैसा फंसा दिया। कुछ लोग इस धंधे में मालामाल हो गएजिनके पास शौचालय बनवाने के रुपए नहीं थेवे फाइव स्टार होटल्स में स्विमिंग पुल का आनंद उठाने लगे। बठिंडा में बिटकॉइन का गोरखधंधा दो साल पहले परवान चढ़ा। बिटकॉइन मार्केट में बठिंडा के कई चर्चित चेहरे हैं। चेन शहर से गांवों तक फैल गई। शुरू-शुरू में लोगों के पास पैसा आया भीपर फिर ब्रेक लग गए। कितने लोग इस गोरखधंधे से जुड़े हैं और उनका कितना पैसा अटका हुआ हैइसके आंकड़े पुलिस-प्रशासन के पास नहींपर इस धंधे से जुड़े लोगों के मुताबिक से हजार लोग इससे जुड़े हैंजिनका 500 करोड़ों रुपया फंस गया है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार की पाबंदियों के बाद बिटकॉइन के भाव जमीन पर आ गए। बिटकॉइन बाई-सैल कर डॉलर को रुपयों में बदलने वाला एक्सचेंजर जेब-पे एप पर पाबंदी लगा दी गई है। लोगों का पैसा अटक गया। साल 2018 के अक्टूबर-नवंबर में एक बिटकॉइन की कीमत 14.50 लाख रुपए पहुंच गई थीलाकडाउन से पहले इसकी 5.20 लाख रुपए कीमत बताई जा रही थी।

भारतीय रिजर्व बैंक बठिंडा की मेन शाखा के एक अधिकारी के मुताबिक बठिंडा में बिटकॉइन के नाम पर दूसरा ही खेल चल रहा है। बूंदी में बिटकॉइन के नाम से बीटीसी एडप्रो जैसी अनधिकृत एमएलएम कंपनी चल रही है। बिटकॉइन में इन्वेस्ट के नाम से लोगों से पैसा वसूला जा रहा है। रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरैंसी के सेटलमेंट को बैन कर दिया है। पीड़ितों को क्रिप्टोकरैंसी बेचकर इससे बाहर आने के लिए तीन महीने का वक्त साल 2018 में दिया । बिटकॉइन को लेकर रिजर्व बैंक चार-पांच साल में सात-आठ बार एडवाइजरी भी जारी कर चुका है। फर्जी कंपनियोंं में पैसा लगाने से बचने की सलाह देने के लिए रिजर्व बैंक जगह-जगह वर्कशॉप लगा। ग्रामीण इलाकों में भी फर्जी कंपनियां अनधिकृत चिटफंडचैन सिस्टमएमएलएम जैसी पॉजी स्कीम चला रही हैं।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी और कैसे काम करती हैकंप्यूटरों से ट्रांजेक्शन

क्रिप्टोकरेंसी नेट पर चलने वाली वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत जनवरी 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुई। अब बिटकॉइन के अलावा लिटकॉइनइथरलिटकॉइन कैसरिपल जैसी 950 क्रिप्टोकरैंसी मार्केट में है। ऐसी बहुत सी कंपनियां हैंजो बिटकॉइन की माइनिंग करती हैं। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है। खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। बिटकॉइन का इस्तेमाल पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसका मतलब कि बिटकॉइन से ट्रांजेक्शन दो कंप्यूटरों के बीच होता है। इसके लिए किसी गार्जियन अथवा बैंक की जरूरत नहीं पड़ती। बिटकॉइन से जुड़े लोगों ने बताया कि शुरुआत में इस तरह का प्रलोभन दिया जाता है कि कोई भी व्यक्ति चक्कर में आ सकता है। लाखों कमाने के फिराक में लोग फंसते हैं। इसके बाद अब पछताने के सिवा कुछ नहीं बचा है।

रकम कई गुना करने का वादा किया थालेकिन अटक गई पूंजी

बीटीसी एड प्रो कंपनी से जुड़े एक शख्स ने बताया कि उसकी जमा पूंजी फंस गई है। इस कंपनी ने आईडी लगाने के बदले रकम का ढाई गुना रुपए देने का लालच दिया। अगर 15 दिन में दो आईडी और लगवाने पर गुना देने की बात कही गई। दो महीने बाद पहले तो 10 परसेंट टैक्स काट कर पेमेंट किया गयाफिर डॉलर की रेट भी कम बताकर आईडी खोलने के भी अतिरिक्त 10 परसेंट लेने लगी। महीने बाद शॉपिंग मॉल चलाने की बात कही गई। उसमें आईडी का 10 परसेंट पैसा काटा जाने लगा। एक महीने बाद कहा गया कि माल बंद कर दिया गया। फिर आईडी भी खुलना बंद हो गई। डॉलर भी बंद। फिर कहा गया जिसकी ईडी जितने की हैउसका डेढ़ गुना कंपनी वापस देगी। बाकी नई आईडी लगाओ। 1.40 लाख की आईडी पर बैंकॉक टूर कराने की बात कही गई। जिसने भी आईडी लगाईतारीख पर तारीख देते गए और अब जाकर टूर पर लेकर गए। वो भी एजेंट अपने खर्च परताकि लोगों का विश्वास बना रहे और नई आईडी लगती रहे। पुरानी आईडी ना तो खुल रही है और ना ही अटका पैसा आ रहा है।

फिलहाल रिजर्व बैंक के मुताबिक आपके पास बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी है तो इसकी जानकारी रखे कि आरबीआई ने वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध लगा रखा है। नए फैसले के तहत अब आप बैंक या ई वॉलेट के जरिए बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी नहीं खरीद पाएंगे। यह फैसला रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के चलते ग्राहकों के हित में उठाया है।

इन तमाम खुलासों के बावजूद बठिंडा में ग्रीन सिटी बठिंडा में रहने वाले ट्रैडर दविंदर गर्ग को शहर के नामी लोगों ने इस करंसी में पैसा लगाने का प्रलोभन दिया। उन्होंने शुरू में पैसा कमाया भी लेकिन सरकार की तरफ से इसमें पाबंदी लगाने के बावजूद गौरखधंधा दो नंबर में चलता रहा। शहर के सैकड़ों लोगों को उन्होंने इसके साथ जोड़ा व करंसी के नाम पर धंधा राजनीतिक गलियारों से लेकर प्रशासकीय व व्यापारिक गलियारे में चलने लगा। एक स्थिति यह आ गई कि कोरोना के दौरान लोगों ने पैसा लगाना बंद कर दिया तो गैरकानूनी ढंग से चल रही मूवमेंट भी बंद हो गई। अब कुछ लोगों ने रातों रात पैसा इकट्ठा कर अपना घाटा पूरा कर लिया जबकि लोगों की देनदेरी दविंदर गर्ग के सिर पर डाल दी। हालात यह हो गए कि करोड़ों की देनदारी में मानसिक तनाव में आए दविंदर गर्ग ने दो बच्चों व पत्नी की गोली मारकर हत्या करने व बाद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करनी पड़ी। उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों में महिला सहित एक ही परिवार के तीन लोगों पर लाकडाउन में हुए घाटे को पार्टनरों में बाटने की बजाय प्रोफिट निकालकर घाटा मृतक के ऊपर डालने से जुड़ा। इसमें करोड़ों रुपए की देनदारी मृतक दविंदर गर्ग के सिर पर डाल दी गई। यही नहीं सुसाइड नोट में आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोग उन्हें सत्तापक्ष के साथ जुड़ा होने की बात कर मानसिक तौर पर परेशान करते थे व पैसे नहीं देने पर पुलिस कारर्वाई करवाने व जान से मारने तक की धमकियां देते थे। इन्हीं सभी बातों से दविंदर गर्ग पिछले छह माह में पूरी तरह से टूट चुका था व इस बाबत उसने सारा मामला इपने पिता व भाई के साथ भी सांझा किया था। परिजन उसे हौसला देते थे लेकिन वह पैसे लेने के लिए डाले जा रहे जबाव व कारर्वाई की धमकियों से इस कदर परेशान हो गया कि उसने पहले अपनी पत्नी को गोली मारी व बाद में दोनों बच्चों के सिर पर गोली मारकर खुद को मौत के घाट उतार लिया। बठिंडा में घटी यह घटना किसी बड़े खौफ से कम नहीं है जबकि उस मामले में पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लाकडाउन मार्च में लगा तो बीटकान करंसी के रेट कम हो गए। इस दौरान करोड़ों रुपए इसमें लगे थे। वही कुछ दूसरे पार्टनरों ने भी इसमें पैसा लगाया था। बठिंडा के राजू कोहनूर उसके भाई बब्बू कालड़ा व पत्नी अमन कोहनूर ने करंसी में लगाया पैसा प्रोफिट सहित निकाल कर अपने पास रख लिया व जो पैसा लोगों का देना था वह दविंदर गर्ग पर डाल दिया। यह राशि करोड़ों में थी जिसके चलते कुछ पैसा तो दविंदर ने किसी तरह दे दिया लेकिन इसी दौरान मनजिंदर सिंह हैप्पीप्रवीण बांसलसंजय जिंदल बाबीमनी बांसल सबी वासी बठिंडाअशोक कुमार वासी रामा मंडीअभिषेक जौहरी ने उस पर पैसा जल्दी देने के लिए दबाब बनाना शुरू कर दिया वही ऐसा नहीं करने पर उसे राजनीतिक रोब डालकर बर्बाद करने व पुलिस के पास केस दर्ज करवाने की धमकियां देना शुरू कर दी। उक्त लोग राजू कोहनूर से मिलकर उसे सत्ता पक्ष में पहचान होने व उसके खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की लगातार धमकियां दे रहे थे। कांग्रेसी नेता मनजिंदर सिंह धालीवाल के साथ राजू केहनूरअमन केहनूरबब्बू कालड़ासंजय जिंदलप्रवीण बांसलअभिषेक जौहरीअशोक कुमार वासी रामा मंडी के साथ मन्नी बांसल पैसे के लेनदेन को लेकर दविंदर गर्ग को परेशान कर रखा था व उसे बर्बाद करने व उसके खिलाफ मामले दर्ज करवाने की धमकियां देते थे। इसी बात से परेशान दविंदर गर्ग ने गत वीरवार की दोपहर अपने ग्रीन सिटी स्थित किराये की कोठी में पहले पत्नी व बाद में दो बच्चों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया व बाद में स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

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