बठिंडा : हिन्दी, संस्कृत व गढ़वाल भाषा में करीबन दस किताबें लिख चुके पंडित वीडी भास्कर की नई किताब 'होटलों में अनिवार्य ज्ञान' का विमोचन शुक्रवार को होने जा रहा है। इस समारोह में शिरकत करने के लिए बठिंडा पधारे श्री भास्कर ने संध्या दैनिक 'पंजाब का सच' के साथ चर्चा करते हुए बताया कि उनको लेखन का शौक बचपन से ही था। उन्हें लिखने का शौक बाल सभाओं में मंच संलाचन करते करते पड़ा। आगे श्री भास्कर बताते हैं कि 1980 में उनकी पहली हिन्दी किताब नाटक 'पापी पेट का सवाल' आई, जिसको पाठकों ने बेहद स्नेह दिया। उन्होंने अपने उपरोक्त नाटक का मंचन देश भर के कई राज्यों में गढ़वाल भाषा नाटक व संगीत परिषद के बैनर तले 1985 से 2000 तक किया। एक सवाल का जवाब देते हुए उत्तरांचल साहित्य सभा के भास्कर पुरस्कार से सम्मानित श्री भास्कर बताते हैं कि आजकल वो नए नए होटलों में अतिथि प्रवक्ता के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिसके कारण वो नाटक मंचन से दूर हो गए, अगर ईश्वर ने चाहा तो वो जल्द से फिर
रंगमंच की ओर लौटेंगे। नरसिंह रहस्य, आपकी सफलता का महामंत्र, चमत्कार को नमस्कार व कब क्यों और कैसे (संस्कृत) जैसी तमाम पुस्तकें लिख चुके श्री भास्कर कहते हैं कि उनकी नई पुस्तक 'होटलों में अनिवार्य ज्ञान' होटलों में काम करने वाले लोगों के अलावा इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वालों के लिए भी एक अद्भुत पुस्तक है, जो शीघ्र ही बाजार में होगी।
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