-रातों रात काट दिए जाते हैं कीमती पेड़, नहीं कसा जा रहा शिकंजा
बठिंडा। एक तरफ जहां नन्हीं छांव मुहिम के अंतर्गत सांसद हरसिमरत कौर बादल पौधों को प्रसाद के रूञ्प में वितरित कर चारों ओर हरियाली लाने की सपने देते जा रही हैं। वहीं वन मंत्री तीक्ष्ण सूद ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए जाने की बात कहते हैं। वर्तमान में बरसात के सीजन में राज्य भर में लाखों पौधे लगाने के लिए अभियान छेड़ने का दावा किया जा रहा है पर वृक्षों की अंधाधुंध कटाई जारी है। रात को चोरी हो रहे कीमती पेड़ उक्त मुहिमों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। वन माफिया लगातार वृक्ष काटने में लगा है, और वन विभाग आंखें बंद कर बैठा है। इससे पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है वही पहले से कम हो रहे रकबे का प्रतिशत भी घटता जा रहा है। वन विभाग ने कुछ समय पहले सभी आरा संचालकों की बैठक कर उनके लाइसेंस बनाने का अभियान शुरू किया था व इसमें कई आरा संचालकों को चेतावनी भी दी गई थी कि वह इस तरह की तस्करी करने वालों को संरक्षम प्रदान करने से बाज आए, लेकिन इसके बावजूद इस धंधे को बेलगाम संरक्षण मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि वन माफिया द्वारा लगातार कटाई जारी है। जबकि संबंधित विभाग मूक दर्शक बन कर सब कुछ देख रहा है। कई स्थानों पर तो वाइल्ड लाइफ द्वारा लगाई गई कंटीली तार भी चुरा ली गई है। बठिंडा के आस-पास पड़ते गांव बीडबहिमण, बीड़तलाब, भुच्चों कलां, भूस मंडी, गोनियाना रोड के आसपास वन विभाग की जमीन पूरी तरह से माफियां के शिकंजे में है, जिसमें रातो रात दर्जनों पेड़ काटकर बेच दिए जाते हैं व इसकी कानों का किसी को खबर तक नहीं हो पाती है। कई मामले तो ऐसे हैं जिसमें पहले बने खेतों में प्लांट काटने के बाद रास्ता देने के लिए वन विभाग की जमीन से सैकड़ों पेड काटकर बेच दिए गए है। विभाग ने कई व्यक्तियों पर लकड़ी काटने के जुर्म में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था लेकिन यहां वृक्षों को चुराने वालों को नहीं रोका जा सका है। गांव निवासियों का कहना है कि नन्हीं छांव मुहिम तभी साकार होगी जब विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेवारी समझेंगे।
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