Punjab Ka Sach Newsporten/ NewsPaper: हत्यारे पुलिस वाले पहुंचे सलाखों के पीछे

Wednesday, January 15, 2014

हत्यारे पुलिस वाले पहुंचे सलाखों के पीछे

पुलिस वालों के परिजन फफक कर रोने लगे

फर्जी एनकाउंटर के शिकार युवक के परिजनों ने जताई खुशी

उम्रकैद की सजा सुनते ही पुलिसवालों के चेहरों से उड़ी हवाई, अदालत में छाई खामोशी

फर्जी एनकाउंटर

बठिंडा1मंगलवार का दिन अदालत के लिए खास था, क्योंकि सुरक्षा का कवच ओढ़े पुलिस कर्मियों को उनकी करनी की सजा सुनाई जानी थी। इस कारण सुबह से ही अदालत परिसर में गहमा-गहमी का माहौल रहा। जैसे ही एक बजा न्यायाधीश महिंदर पाल सिंह पाहवा ने फर्जी एनकाउंटर में दोषी ठहराए गए सभी पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। फैसला आते ही पुलिसकर्मियों के चेहरे लटक गए और उनके परिजन फफक-फफक कर रोने लगे। उधर, फर्जी एनकाउंटर का शिकार हुए युवक के परिजनों ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि अब दिल को सुकून मिला है। 1 सभी पुलिसकर्मियों को दस जनवरी को ही परमजीत सिंह को अगवा कर हत्या करने मामले में दोषी ठहरा दिया गया था। पुलिसकर्मियों व उसके परिजनों को उम्मीद थी कि मंगलवार को सजा सुनाए जाने के दौरान कुछ नरमी बरती जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। न्यायाधीश पाहवा दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर दो नंबर अदालत में पहुंचे और बीस मिनट के बाद सभी दोषी ठहराए गए पुलिसकर्मियों को सजा सुना दी। इसके साथ ही अदालत में विरानी छा गई और पुलिसकर्मी व उसके परिजन फैसले को सुनकर रोने लगे। काफी संख्या में पहुंचे पुलिसकर्मियों के परिजनों ने फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की। फैसले के साढ़े तीन घंटे बाद सभी आठ पुलिसकर्मियों को जेल भेज दिया गया। इस साढ़े तीन घंटे के दौरान परिजनों ने एक दूसरे से दुख सांझा किया। 1 शिकायतकर्ता पक्ष का एक ही कहना था कि उन्हें आखिरकार 22 वर्षो के बाद इंसाफ मिल गया। उन्होंने पुलिसकर्मियों के अत्याचार के दास्तान भी सुनाई। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि फर्जी एनकाउंटर का शिकार हुए परमजीत सिंह का पुत्र कमर सिंह ढिल्लो इंजीनियरिंग करके न्यूजीलैंड में रह रहा है, जबकि पुत्री गुरदास कौर एमएससी कर रही है। हालांकि सजा सुनाए जाने के दौरान दोनों मौजूद नहीं थे। 122 वर्ष तक इंसाफ के लिए भटकते रहे परिजन 1 फर्जी एनकाउंटर के शिकार हुए परमजीत सिंह के परिजन 22 वर्षो तक इंसाफ के लिए भटकते रहे, लेकिन मंगलवार को उन्हें सही तरीके से इंसाफ मिला। 22 वर्षो के दौरान सेना के आला अधिकारियों से लेकर राजनीतिज्ञों के दरवाजे पर भी परमजीत के पिता गुरदित्त सिंह ने दस्तक दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में 23 मार्च 1999 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर थाना कोतवाली में केस दर्ज किया गया। हालांकि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 26 जून 1996 को जिला सेशन केएस ग्रेवाल ने पूरे मामले की स्वयं जांच की थी। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस कहानी को पूरी तरह से निराधार बताया था। 1इसके बावजूद जिला पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करने की बजाए लापता होने का मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की थी। इसके बावजूद परमजीत सिंह के पिता ने हार नहीं मानी और दर्ज किए गए धारा में बदलाव के लिए लड़ाई लड़ते रहे। अंत में उनकी लड़ाई रंग लाई और सभी 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का भी मामला दर्ज किया गया। आज गुरदित्त सिंह नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे परमजीत सिंह पर आतंकवादी होने के दाग अदालत के फैसले से धुल गए।1पुलिस नहीं खोज पाई भगोड़े डीएसपी को1बठिंडा। परमजीत सिंह फर्जी एनकाउंटर मामले में भगोड़ा घोषित किए गए डीएसपी गुरजीत सिंह को पुलिस आज तक नहीं ढूंढ पाई है। भगोड़े डीएसपी को शेरपुर थाने में एक व्यक्ति की हुई हत्या के मामले में बरनाला अदालत द्वारा 2006 में उम्र कैद की सजा मिल चुकी है, लेकिन 31 मई 2007 को बठिंडा सेंट्रल जेल से पैरोल लेने के बाद फरार हो गया। इसके बाद उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया, लेकिन आज तक पुलिस उसे नहीं ढूंढ पाई।22 साल पुराने फर्जी मुठभेड़ में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस कर्मियों को बठिंडा अदालत परिसर से जेल ले जाती पुलिस। (दाएं) सजा सुनाए जाने के बाद इंस्पेक्टर बलजिंदर कुमार को अदालत परिसर से बाहर लाती व जेल ले जाती पुलिस। रणधीर बॉबीफर्जी मुठभेड़ मामले में बठिंडा अदालत द्वारा पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद जमा पुलिसकर्मी व परिजन।(दाएं) विजय चिन्ह बनाते परमजीत सिंह को खोने वाले परिजन। (दाएं) उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद पुलिसकर्मियों के परिजनों की आंखों से आंसू निकल आए।

No comments:

खबर एक नजर में देखे

Labels

पुरानी बीमारी से परेशान है तो आज ही शुरू करे सार्थक इलाज

पुरानी बीमारी से परेशान है तो आज ही शुरू करे सार्थक इलाज
हर बीमारी में रामबाण साबित होती है इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा

Followers

संपर्क करे-

Haridutt Joshi. Punjab Ka Sach NEWSPAPER, News website. Shop NO 1 santpura Road Bathinda/9855285033, 01645012033 Punjab Ka Sach www.punjabkasach.com

Translate

देश-विदेश-खेल-सेहत-शिक्षा जगत की खबरे पढ़ने के लिए क्लिक करे।

देश-विदेश-खेल-सेहत-शिक्षा जगत की खबरे पढ़ने के लिए क्लिक करे।
हरिदत्त जोशी, मुख्य संपादक, contect-9855285033

हर गंभीर बीमारी में असरदार-इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा

हर गंभीर बीमारी में असरदार-इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा
संपर्क करे-

Amazon पर करे भारी डिस्काउंट के साथ खरीदारी

google.com, pub-3340556720442224, DIRECT, f08c47fec0942fa0
google.com, pub-3340556720442224, DIRECT, f08c47fec0942fa0

Search This Blog

Bathinda Leading NewsPaper

E-Paper Punjab Ka Sach 21 Nov 2024

HOME PAGE