- भड़काऊ भाषण देने के आरोपी कपिल मिक्षा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी..
- याचिका में कहा गया कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि हर रोज हिंसा में लोग मारे जा रहे हैं.
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नई दिल्ली: बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा और दूसरे बीजेपी नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए एफआईआर की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. आज इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे ने सख्त टिप्पणी की और कहा कि ऐसा माहौल बनाया जाता है जैसे दंगा होने में कोर्ट की ही कोई गलती हो.
बुधवार को होगी अगली सुनवाई
हाई कोर्ट में बेवजह सुनवाई टलने का दावा कर रहे वकील कॉलिन गोंजाल्विस से सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने कहा है कि हाई कोर्ट ने किसी वजह से ही सुनवाई टाली होगी. हमने उनका आदेश नहीं देखा. सीजेआई ने यह भी कहा है कि कोर्ट दंगे नहीं रोक सकता, लेकिन माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे दंगा होने में कोर्ट की ही कोई गलती हो. अब इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी.
याचिका में क्या कहा गया है?
भड़काऊ भाषण देने के आरोपी कपिल मिक्षा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के मामले को 13 अप्रैल तक टालने को चुनौती दी गई हैं. याचिका में कहा गया कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि हर रोज हिंसा में लोग मारे जा रहे हैं. याचिका में भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है.
अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा ने क्या कहा था?
बीजेपी सासंद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली चुनावों के दौरान 28 जनवरी को कहा था कि कश्मीर में जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ वह दिल्ली में भी हो सकता है. साथ ही चेताया था कि शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लाखों लोग घरों में घुस कर लोगों की हत्या और महिलाओं के साथ रेप कर सकते हैं. वहीं अनुराग ठाकुर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में 'गोली मारो' वाला विवादित नारा लगाय था. इसके बाद जाफराबाद में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के बाद कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि तीन दिन में सड़क खाली कराएं वरना हम आपकी भी नहीं सुनेंगे.
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