चंडीगढ़। पंजाब में आंगनबाड़ी केंद्र 1 फरवरी से खुल जाएंगेेे। सरकार राज्य में प्राइमरी स्कूलों को प्री प्राइमरी से खोलने का पहले ही फैसला ले चुकी है। पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी अनलाक के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा राज्यभर के बच्चों और अन्य लाभार्थियों के लिए 1 फरवरी, 2021 से आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से खोलने का फ़ैसला लिया गया है। कोरोना महामारी के कारण आंगनबाड़ी केंद्र 10 माह से बंद थे।
अरुणा चौधरी ने बताया कि वर्करों और हेल्परों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र 8 दिसंबर से खोल दिए गए थे, लेेेेेकिन बच्चों की हाजिऱी संबंधी फ़ैसला नहीं लिया गया था। अब विभाग द्वारा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से खोलने का फ़ैसला लिया गया है, क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही 1 फरवरी से प्री-प्राइमरी स्कूल खोलने का ऐलान कर दिया गया है।
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उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में अब से सभी लाभार्थियों को गरम पका हुआ भोजन परोसा जाएगा। अगर कोई बच्चा ग़ैरहाजिऱ होता है तो पहले से चली आ रही व्यवस्था के अनुसार सूखा राशन बच्चों के घर तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे आंगनबाड़ी केंद्र 8 दिसंबर से खोले गए हैं, आंगनबाड़ी वर्करों और हेेल्परों द्वारा पहले ही मार्च 2020 से सभी लाभार्थियों को घर-घर सूखा राशन पहुंचाया जा रहा था।
कैबिनेट मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य प्रोटोकोलों और तय सुरक्षा मापदंडों (एसओपी) को सही अर्थों में सख़्ती से पालना करने की हिदायत की। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए एसओपी. तैयार किया गया है, जिसकी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पालना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जि़ला प्रशासनों, जि़ला प्रोग्राम अफसरों (डीपीओज़) और बाल विकास एवं सुरक्षा अधिकारियों (सीडीपीओज़) को वर्करों और हेेल्परों को जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई मामला सामने आता है तो संबंधित अधिकारी को मामला डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में लाने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कंटेनमेंट ज़ोनों के बाहर स्थित केंद्रों को फिर खोलने संबंधी 31 जनवरी या इससे पहले फ़ैसला लेने के लिए कहा गया है।
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