बठिंडा. देश भर चल रहे किसान आंदोलन की हिमायत में संगठनों की एकता को मजबूत करने के लिए किसान-मज़दूर संगठनों की तरफ से बरनाला में 21 फरवरी को महा रैली की जा रही है। डी.टी.एफ के ज़िला बठिंडा के प्रधान रेशम सिंह, कार्यकारी सचिव गुरप्रीत सिंह खेमोआना, उपप्रधान परविन्दर सिंह और सचिव अनिल भट्ट ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से पास किए तीन खेती कानूनों, लेबर कानूनों में संशोधन और नई शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट पंजाब पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। इसमें पंजाब भर के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की तरफ से 21 फरवरी को बरनाला में होने जा रही बरनाला किसान -मजदूर महा रैली में शामिल होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह 28 फरवरी को पुरानी पैंशन बहाल करवाने के लिए पटियाला में हो रही प्रदेश स्तरीय रैली में भी डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट शामिल होगा। साल 2004 के बाद भर्ती हुए समूचे मुलाजिमों पर नई पैंशन स्कीम लागू कर सरकार ने मुलाजिमों के भविष्य के साथ खीलवाड़ किया है। पुरानी पैंशन के लिए लड़ना अब ज़रूरत है जिसके लिए डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट नई पैंशन के अधीन आते समूचे मुलाजिमों के संघर्ष में कंधे के साथ कंधा जोड़कर संघर्ष करेगी। प्रदेश स्तर के नेताओं जसविन्दर सिंह, नव चरनप्रीत कौर, ब्लाक प्रधान भुपिन्दर सिंह माईसरखाना, कुलविन्दर सिंह विर्क, भोला राम, राजविन्दर जलाल, अंग्रेज़ सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति रद्द करवाने, अहलूवालिया कमेटी की सभी सिफारश रद्द करवाने, तीनों खेती कानून और दूसरे लोक विरोधी कानून रद्द करवाने, बिजली एक्ट 2020 रद्द करवाने, पुरानी पैंशन बहाल करवाने और वेतन आयोग की रिपोर्ट तुरंत जारी कराने, सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली और सार्वजनिक वितरण प्रणाली बहाल कराने वाले सभी संघर्षों में संगठन की तरफ से हिस्सा लिया जाएगा।
जिला नेताओं बलजिन्दर कौर, बलजिन्दर सिंह, हरमिन्दर सिंह गिल, जसविन्दर सिंह बॉक्सर ने बताया कि डीटीएफ पंजाब की प्रदेश लीडरशीप के फैसले के अंतर्गत किसान संघर्ष का डटकर समर्थन देने के लिए संगठन की तरफ से घोषित प्रदेश स्तरीय 21 फरवरी की संगरूर रैली रद्द की गई है जिससे किसान महा रैली में सभी नेता शामिल हो सके। वक्ता ने बताया कि 28 फरवरी की पटियाला में होने जा रही पुरानी पैंशन बहाली के लिए रैली में भी हिस्सा लेने का फैसला लिया गया है।
फोटो -किसान संगठनों की हिमायत के संबंध में जानकारी देते डीटीएफ मुलाजिम कमेटी के सदस्य़।
23 फरवरी को डायरेक्टर सेहत विभाग के दफ्तर का घेराव करेंगे सेहत कर्मी
बठिंडा। सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की मीटिंग वीरवार को प्रदेश नेता गगनदीप सिंह की अगुआई में सिविल अस्पताल बठिंडा में हुई। इस मीटिंग में कमेटी की तरफ से अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए किए जा रहे संघर्ष ओर तेज करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इसके तहत 23 फरवरी चंडीगढ़ में स्थित डायरेक्टर सेहत विभाग के दफ्तर का घेराव करने का फैसला वीरवार को हुई मीटिंग में लिया गया और इस घेराव को सफल बनाने के लिए सेहत कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई। कमेटी के नेता गगनदीप सिंह ने बताया कि पूर्व 21 जनवरी से डायरेक्टर दफ्तर चंडीगढ़ में लगातार सेहत कर्मियों की हड़ताल चल रही है। हररोज दफ्तर के बाहर सेहत कर्मियों द्वारा हड़ताल की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते कमेटी ने संघर्ष ओर तेज करने का मन बनाया है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार भी केंद्र सरकार की तर्ज पर सरकारी विभागों का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। लोगों को रोजगार देने की बजाय उन्हें बेरोजगार करने का योजना बना रही है। लोगों को मिलने वाली सेहत सुविधाएं खत्म करने की तैयारी भी पंजाब सरकार की तरफ से की जा रही है। कमेटी के जसविंदर शर्मा और रंजीत कौर ने बताया कि जब तक सरकार कच्चे कर्मियों को पक्का नहीं करने,नवनियुक्त मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों का प्रवेशन पीरियड 2 साल नहीं करने और कोविड कर्मियों को स्पेशल इंक्रीमेंट नहीं देने के अलावा बठिंडा में शांतिमाई रोष मार्च करने वाले सेहत कर्मियों पर दर्ज किए गए पुलिस केस रद्द नहीं किए जाते, तब तक इसी तरह से संघर्ष जारी रहेगा। कमेटी की भूपिंदर कौर तलवंडी और राजेश कुमार मौड़ ने बताया कि सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की तरफ से 23 फरवरी को सेहत डायरेक्टर दफ्तर का घेराव किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और बठिंडा जिले से बड़ी संख्या से सेहत कर्मी डायरेक्टर दफ्तर का घेराव करने के लिए शामिल होंगे, इस बाबत सेहत कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई लगाई गई है। राजविंदर सिंह, जगदीश सिंह, मनप्रीत सिंह ने बताया मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा, वही जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक कोविड वैक्सीन का बायकाट भी जारी रहेगा। इस मौके पर सुरिंदर कौर, अमरजीत कौर, शिवपाल सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, निर्मल सिंह, किरणजीत आदि उपस्थित थे।
फोटो- मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते सेहत मुलाजिम।
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