-अकाली दल से कई दिग्गज नेता कांग्रेस में गए जिससे कांग्रेस हुई मजबूत वही चुनाव प्रचार में भी मारी बाजी
बठिंडा. बठिडा नगर निगम चुनावों में कांग्रेस का विकास एजेंडा दूसरी पार्टियों पर भारी पड़ गया। निगम पर 53 साल बाद कांग्रेस का कब्जा हुआ है। हालांकि बठिंडा को निगम बने 16 साल के करीब हुआ है लेकिन इससे पहले रही कौंसिल में भी कांग्रेस को अपना प्रधान व अब मेयर बनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 50 वार्डो में से 43 पर परचम लहराया है, जबकि 53 साल से निगम पर काबिज शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को पहली बार सात सीटें ही मिल पाईं।
वहीं आम आदमी पार्टी (आप) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपना खाता तक नहीं खोल पाए। बठिडा के पचास वार्डों में से 1, 7, 8, 13, 19, 20 व 22 में शिअद ने जीत दर्ज कराई है, जबकि बाकी के वार्डों में कांग्रेस ने जीत प्राप्त की है। फिलहाल अकाली दल की हार के लिए जहां कांग्रेस का चुनाव से काफी पहले शुरू हुआ प्रचार जिम्मेवार रहा वही अकाली दल में पिछले चार साल से लगातार हो रहे बिखराव ने भी उन्हें पराजय की तरफ धकेला। अकाली दल के दर्जनों धुरंधर जो पार्टी को खड़ा करने में अहम रहे वह कांग्रेस ज्वाइन कर गए। वही कांग्रेस के पास एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार ऐसे थे जो अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में आए थे। इस उथलपुथल ने अकाली दल को कमजोर व कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। यही नहीं अकाली दल का भाजपा के साथ गठजोड़ टूटना व किसानों के आंदोलन को मजबूती से पकड़ने में नाकामी ने शहर के जाट वोट व अग्रवाल वोट को अपने खेमे में करने में नाकाम रही। हालांकि दलित वोट ने अकाली दल को काफी स्पोर्ट किया। इसके पीछे लाइन पार इलाके में तत्कालीन मेयर बलवंत राय नाथ का प्रभाव माना जा रहा है।
बठिडा नगर निगम चुनाव में ज्यादातर वार्डों में मुकाबला अकाली दल व कांग्रेस का ही रहा। यानि कि दूसरे स्थान पर शिअद या कांग्रेस के उम्मीदवार ही रहे। जबकि आम आदमी पार्टी महज आठ वार्डों में ही दूसरा स्थान प्राप्त कर पाई और भाजपा के उम्मीदवार केवल दो वार्डों में ही फाइट दे पाए। चार 4 वार्डों में जीतने वाले उम्मीदवार का नजदीकी मुकाबला आजाद उम्मीदवारों से हुआ। आम आदमी पार्टी ने वार्ड नंबर 2,15,16,24,32,33,38 व 40 में जीतने वाले उम्मीदार को फाइट दी और दूसरे स्थान पर रही। इनमें सबसे कम मार्जिन से वार्ड 32 की उम्मीदवार मनदीप कौर रामगढि़या रही। वह केवल 164 के अंतर से पीछे रही है। जबकि वार्ड 24 में सबसे ज्यादा मार्जिन रहा। वार्ड 24 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अशोक कुमार 703 वोट मिले हें जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी शाम लाल जैन 2550 वोट। दोनों में 1847 वोटों का अंतर है लेकिन बाकी के उम्मीदवारों के इनसे भी कहीं कम वोट मिले हैं। वार्ड 40 में 898, वार्ड 36 से 865, वार्ड 37 में 1430, वार्ड 38 में 1115, वार्ड 15 में 233, वार्ड 16 में 1149, वार्ड 32 में 961, वार्ड 2 में 1337 के अंतर से पीछे रहे हैं।
भाजपा के उम्मीदवार वार्ड नंबर 35 व 49 में दूसरे स्थान पर रहे हैं। इसमें वार्ड 49 में कांग्रेस की प्रत्याशी कमलेश रानी को 1275 वोट मिले जबकि बीजेपी की शमा रानी को 633,यानि कि 642 वोटें से पीछे रही। इसी प्रकार वार्ड 35 में कांग्रेस के रमन गोयल को 1453 वोट और बीजेपी की सीमा अरोड़ा 319 वोट मिले। यान कि 1134 वोटें से बीजेपी प्रत्याशी पीछे रही है। बठिडा के वार्ड 12, 21, 29 व 42 में आजाद उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे हैं।
बठिडा जिले में नगर निगम समेत नगर कौंसिलों और नगर पंचायत में कुल 224 वार्डों पर चुनाव लड़े गए। इनमें से लहरा मोहब्बत की चार सीटों पर किसी ने भी नामांकन नहीं भरा था। बाकी के 220 वार्डों में से 154 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि शिअद को सिर्फ 33 वार्डों पर ही सब्र करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी को सिर्फ तीन वार्डों मे ही जीत मिली है, जबकि बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट जीत पाई। वहीं भाजपा इस चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि 29 आजाद चुनाव जीत गए हैं। छह में पांच कौंसिलों और आठ पंचायतों में से छह पर भी कांग्रेस विजयी निकाय चुनाव में जिले में कांग्रेस ने छह नगर कौंसिलों में से पांच पर शानदार जीत हासिल की है, जबकि आठ नगर पंचायतों में से छह पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। बठिडा देहाती हलके की नगर पंचायत संगत मंडी पर शिअद कब्जा कर लिया है। छह नगर कौंसिलों तथा आठ नगर पंचायतों के 164 वार्डों में 111 पर कांग्रेस, 26 पर शिअद, तीन पर आप, एक पर बसपा तथा 30 पर आजाद उम्मीदवार विजयी रहे हैं। इन नगर पंचायतों तथा नगर कौंसिलों की वोटों में सिर्फ नथाना नगर पंचायत से ही आप के तीन उम्मीदवार सफल हुए हैं जबकि अन्य जगहों पर आप का पत्ता साफ हो गया है। बसपा ने भी एक सीट जीतकर अपनी हाजिरी दर्ज करवा दी है।
बठिडा नगर निगम चुनाव में 50 वार्डों में से 43 में कांग्रेस ने जीत प्राप्त करने के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत ने कहा कि जितनी बड़ी जीत उतनी बड़ी ही जिम्मेदारी होती है। बठिडा के लोगों ने कांग्रेस के पक्ष में फतवा दिया है। पहले अकाली दल और भाजपा की कमेटी होने के कारण ग्रांटों में काफी अड़चनें आती थी। अब बठिडा दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करेगा। बठिडा में हमने कैप्टन अमरिदर सिंह और कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ की अगुवाई में क्लीन स्वीप किया है। मुझे ऐसा महसूस होता है कि हम इतने काबिल नहीं थे, जितना लोगों ने भरोसा हम पर जताया है।
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