बठिंडा. बठिंडा पुलिस ने पटियाला जेल में बंद गैंगस्टर रमनदीप सिंह रम्मी मछाना की तरफ से नया गैंग बनाकर यूपी से भारी तादाद में हथियार मंगवाने वाले नेटवर्क को तोड़ने में सफलता हासिल की है। इसमें पुलिस ने रमनदीप सिंह व उसके दो साथी के खिलाफ केस दर्ज कर यूपी से हथियारों की सप्लाई देने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि जांच प्रभावित न हो इसके चलते तीसरे आरोपी की पहचान गुप्त रखी गई है। इस संबंध में एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क ने अपनी टीम के साथ प्रेसवार्ता कर मामले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाब में गैंगस्टर नया गैंग बनाकर आपराधिक गतिविधियों को बढ़ाने की फिराक में थे जिसे पुलिस ने समय रहते रोकने में सफलता हासिल की है।
बठिंडा शहर के बहुचर्चित दशमेश गन हाउस मर्डर केस मामले में जिला अदालत ने गैंगस्टर रम्मी मछाना समेत 3 लोगों को चार साल पहले दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि इस मामले में कुख्यात गैंगस्टर गुरविंदर बिंदू हॉगकांग भाग गया था। इसके बाद लूटपाट व अन्य आपराधिक मामलों में रमनदीप सिंह रम्मी मछाना पटियाला की जेल में बंद था। इसी दौरान जिला पुलिस को सूचना मिली थी कि रम्मी मछाना जेल में रहकर पंजाब में यहां गैंग बना रहा है व इसके लिए हथियार जुटा रहा है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने उसके नेटवर्क की तलाश शुरू की व पता लगाया कि जेल में उसके पास मोबाइल चल रहा है व इसी से वह नेटवर्क चला रहा है। पुलिस ने उसके मोबइल फोन को ट्रेस पर लगा दिया व उसकी तरफ से किए जाने वाली सभी काल की डिटेल इकट्ठी करनी शुरू कर दी। वही पुख्ता सबूत मिलने के बाद पिछले दिनों बठिंडा सीआईए स्टाफ टू की टीम उसे रिमांड पर लेकर बठिंडा आई। इसके बाद रमनदीप सिंह रम्मी मछाना से पूछताछ के दौरान तीन पिस्टल 32 बोर व 14 जिंदा रौंद बरामद करवाए गए वही जेल में इस्तेमाल कर रहे फोन को भी जब्त कर लिया गया। वही जांच में पता चला कि उसके साथ दूसरा व्यक्ति जगसीर सिंह जग्गा वासी तख्तमल थाना किलायावाली जिला सिरसा भी काम करता है। उसे गत दिनों गिरफ्तार कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई तो आरोपी जगसीर सिंह के पास चार पिस्टल बराम हुए। इसमें 32 बोर के तीन व 30 बोर का एक पिस्टल व 17 जिंदा कारतूस शामिल है। पूछताछ में आरोपी लोगों ने माना कि वह पंजाब में फिर से गैंग बना रहे थे व आपराधिक गतिविधियों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए यूपी से हथियारों की सप्लाई मंगवाते थे। इसमें स्टेट बैंक आफ इंडिया की शमाली यूपी की ए ब्रांच में हथियारों की सप्लाई देने वाले व्यक्ति को चार लाख रुपए की राशि का भुगतान भी किया गया था। उक्त व्यक्ति कौन है इसके बारे में पुलिस ने किसी तरह की जानकारी नहीं दी है। उनका कहना है कि तीसरे आरोपी से कई अहम खुलासे होने की संभावना है व नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ने के लिए जांच की जा रही है।
गैंगस्टर ने गनहाउस में घुसकर मारी थी गोलियां
पुलिस के मुताबिक 25 वर्षीय सिमरणजीत सिंह पुत्र बलदेव मौड़ निवासी विशाल नगर 5 सितंबर 2012 को सुबह 10 बजे अपने घर से दोस्त गुरलाल सिंह और भाई रविंदर सिंह समेत एक अन्य युवक के साथ मैहणा चौक के पास स्थित दशमेश गन हाउस में अपनी .12 बोर की बंदूक को रिपेयर करवाने के लिए ले गया था। इसी दौरान वहां अपाचे मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहने दो युवक आए। इन्होंने .30 बोर की चाइनीज पिस्टल .32 बोर की रिवॉल्वर से सिमरणजीत की पीठ पर तीन गोलियां चलाईं। इनमें दो बुलेट सिमरणजीत की पीठ में लगीं, जबकि एक गोली गन हाउस के काउंटर से छूती हुई मिस हो गई। सिमरणजीत के साथी ने भी बचाव में .32 बोर की पिस्तौल से हमलावरों पर गोलियां चलाईं। एक गोली एक हमलावर के बाजू में लगी थी। सिमरणजीत के बेसुध होने के बाद हमलावर फरार हो गए। इसके बाद सिमरणजीत के साथी और गन हाउस के संचालक उसे सिविल अस्पताल ले गए, वहां डाक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। थाना कोतवाली पुलिस ने मृतक के भाई रविइंद्र सिंह के बयान पर 5 लोगों गैंगस्टर रमनदीप सिंह उर्फ रम्मी निवासी मछाना, गुरविंदर सिंह बिंदू निवासी कोटशमीर बठिंडा, राणा भुपिंदर सिंह निवासी बठिंडा, कुलविंदर सिंह उर्फ अमरिंदर सिंह उर्फ गोल्डी निवासी जोगानंद, कुलविंदर पाल सिंह उर्फ बबलू निवासी बठिंडा के खिलाफ थाना कोतवाली में हत्या का मामला दर्ज किया था। गुरविंदर सिंह बिंदू जो जवाबी फायरिंग में घायल हुआ, उसे पुलिस ने आदेश अस्पताल में दाखिल कराया जहां से बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया था।
फोटो -एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क गैंगस्टर से मिले हथियारों व की गई साझिश के संबंध में जानकारी देते हुए।
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