बठिंडा। मालिकी तब्दीली देने की एवज में तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए बठिंडा डेवलपमेंट अथारिटी (बीडीए) के कर्लक जगमीत सिंह को विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित कर्लक पर भ्रष्टाचार एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। विजिलेंस टीम ने आरोपित की तलाशी दौरान 33 हजार 800 रुपये की नकदी भी बरामद की है।
विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा के एसएसपी नरिंदर भार्गव ने बताया कि माडल टाउन फेस वन निवासी संजीव कुमार ने शिकायत दी कि साल 2001 में हाउसिंग बोर्ड कालोनी फेस वन में एलआईजी क्वार्टर नंबर 92 खरीदा था। घरेलू काम के लिए उसने स्टेट बैंक आफ इंडिया की जिला परिषद ब्रांच वाली से लाेन लेने के लिए अप्लाई किया था। बैंक के लीगल एडवाइजर ने चेज आफ ओनरशिप (मालिकी तब्दीली) के सार्टिफिकेट की मांग की। जिसके बाद उसने 26 मार्च 2021 को उक्त सार्टिफिकेट लेने के लिए बीडीए दफ्तर बठिंडा में अप्लाई किया।
एप्लीकेशन देने के 12 दिन बाद कर्लक जगमीत सिंह ने उसे फोन कर जानकारी दी कि उसके द्वारा दी गई एप्लीकेशन के दस्तावेज अधूरे है, इसलिए उसे असल रजिस्ट्री लेकर दफ्तर आना होगा। शिकायतकर्ता अनुसार वह असल रजिस्ट्री लेकर कर्लक जगमीत सिंह के पास गया। उसने कहा कि उसके कागजात भी अधूरे है, इसलिए उसका काम नहीं हो सकता है, लेकिन वह उसे पांच हजार रुपये बतौर रिश्वत दे, तो वह उसकी एनओसी संबंधित अधिकारियों से तैयार करवाकर दे सकता है। एसएसपी भार्गव ने बताया कि पीड़ित ने आरोपित को उसे एनओसी देने की मांग की, लेकिन उसने पांच हजार रुपये देने के बाद ही देने की बात कहीं।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने आरोपित कर्लक को 1500 रुपये बतौर रिश्वत दे दी, लेकिन उसने बाकी के 3500 रुपये मिलने के बाद ही एनओसी देने की बात कहीं। जिसके बाद शिकायतकर्ता संजीव कुमार ने आरोपित कर्लक को तीन हजार रुपये ओर रिश्वत देने के लिए राजी कर लिया। इसके बाद शुक्रवारर को डीएसपी कुलदीप सिंह की टीम ने सरकारी गवाह गुरजिंदर सिंह व इंदरजीत सिंह बागवानी विकास आफिसर बठिंडा की अगुआई में आरोपित कर्लक जगमीत सिंह को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया।
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