बठिंडा. पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले किसानों ने नेताओं का विरोध तेज कर दिया है। बुधवार को बठिंडा एम्स जा रहे भाजपा के राज्यसभा सदस्य का किसानों ने जमकर विरोध किया। भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के साथ-साथ अन्य किसान यूनियनों ने उनका विरोध किया। किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मोदी सरकार किसानों के तीन काले कानूनों को जबरन थोपना चाहती है व आंदोलन पर बैठे किसानों की बात नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों किसान कानूनों को वापिस नहीं लिया जाता भाजपा के नेताओं का विरोध जारी रहेगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में (एम्स) में मीटिंग करने के लिए पहुंचे राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। मलिक के आने की सूचना जैसे ही किसानों को मिली, वे एम्स को जाने वाले रास्ते पर धरना लगाकर बैठ गए। इस बीच किसानों को रोकने के लिए एसएसपी भूपिंद्रजीत सिंह विर्क की अगुआई में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
जैसे ही श्वेत मलिक एम्स में जाने लगे तो किसान उनका घेराव करने के लिए आगे बढ़े। मगर पुलिस फोर्स ने किसानों को रोककर मलिक के लिए एम्स जाने का रास्ता साफ किया। उनके साथ अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला भी थे। इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच काफी धक्कामुक्की भी हुई। इसके चलते बठिंडा डबवाली रोड से गुजरने वाले ट्रैफिक भी काफी प्रभावित हुआ। जबकि किसानों को रोकने के लिए तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ के अलावा एक एसपी व 4 डीएसपी को भी तैनात किए गए थे। किसानों का आरोप था कि भाजपा ने खेती कानून लागू कर किसानों को मरने के लिए मजबूर कर दिया है। जिस कारण अब वे भाजपा नेताओं का घेराव कर रहे हैं। उनका संघर्ष कृषि कानून के निरस्त किए जाने तक जारी रहेगा। दूसरी तरफ, पंजाब में भाजपा नेताओं पर किसानों की तरफ से किए जा रहे हमले को देखते हुए पुलिस ने सख्त सुरक्षा के प्रबंध किए हैं।
फोटो-बठिंडा में एम्स में बैठक करने पहुंचे सांसद श्वेत मलिक का विरोध करते किसानों को रोकने के लिए लगाई गई भारी पुलिस बल वही भाजपा सांसद विरोध के बीच एम्स में जाते हुए व किसान विरोध जताते।
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