बठिंडा. बठिंडा के मॉडल टाउन फेस -1 में करोड़ों रुपए खर्च कर 27 दिन पहले बनाई गई सड़कें गत दिवस हुई 34 एम.एम बारिश से धसना शुरू हो गई हैं। गहरे खड्ढों में तबदील हुई सड़के हादसों को निमंत्रण दे रही हैं और बठिंडा प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। वही बठिंडा प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतज़ार में है कि कब कोई बड़ा हादसा हो और फिर सडकों को ठीक करवाया जाए। बठिंडा के मॉडल टाउन फेस-1 में 27 दिन पहले बनाई गई सड़कें जगह- जगह धस रही हैं जिस कारण बहुत बड़े और गहरे गड्डे हो रहे हैं। मुहल्ला वासियों ने कुछ गड्डों को अपने लेवल पर भरने की भी कोशिश की है ताकि लोगों को होने वाले हादसों से बचाया जा सकें लेकिन सड़क बनाने में सही लेबल व मट्रियल नहीं डालने के कारण सड़क दूसरी तरफ से टूटना शुरू हो रही है।
सुरखपीर रोड में 100 मीटर में बने तीन खतरनाक खड्ढे, हो रहे हादसे
यह स्थिति केवल माडल टाउन क्षेत्र की नहीं है बल्कि शहर के कई दूसरे हिस्सों में बनी सड़के भी टूटकर हादसों का सबब बनने लगी है। सुरखपीर रोड में जय अंबे मिष्ठान भंडार से लेकर सिद्धू क्लीनिक तक मात्र 100 मीटर के दायरे में सड़क में चार स्थानों में गहरे खड्ढे बने हुए है। इसमें लोगों व ठेकेदार की तरफ से पानी व सीवरेज के कनेक्शन लेने के बाद टूटे स्थान को न तो भरा गया और न ही सीवरेज के ढक्कन व सड़क का लेबल बराबर किया गया जिसमें बरसात के बाद डेढ़ फुट तक पानी सुबह से सांय तक भरा रहा व उक्त सड़क गहरे खड्ढ़ों में तबदील हो गई जिसके चलते इस जगह पर सुबह से लेकर देर सांय तक दर्जनों वाहन चालक हादसे का शिकार हुए। गौरतलब है कि जब से नई सड़कें बनाई गई हैं तभी से इन सड़कों की मजबूती पर सवाल उठाये जा रहे थे। वही शहर में अब 34 एमएम बारिश ने मोहर लगा दी है। बार-बार शिकायतें करने पर भी बठिंडा प्रशासन खामोश है। इन धसी हुई सड़कों की शिकायत समाज सेवी संजीव गोयल की तरफ से निगम अधिकारियों के पास की गई लेकिन इसमें किसी तरह की कारर्वाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को धसी हुई सड़कों की शिकायत व फोटो सीएम हाउस, स्थानीय निकाय विभाग, नगर निगम बठिंडा के पास की गई है व नई बनी सड़कों की जांच विजिलेंस से करवाने और सम्बंधित ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है।
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