बठिंडा, 9 अप्रैल (हरिदत्त जोशी ). बठिंडा, 10 अप्रैल(जोशी). जरनल समाज पार्टी के संस्थापक व राष्ट्रीय प्रधान सुरेश गोयल ने अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली द्वारा आम-जन को अंधेरे में रखकर उसकी अंधा धुंध लूट करने की भरपूर कोशिश की थी। लेकिन समाज के व्यापारी वर्ग द्वारा जनता के सहयोग से जबरदस्त विरोध के चलते उन्हें यह इरादा छोड़ना पड़ा। हम उन्हें समझाने में सफल रहे कि अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली भ्रष्टाचार व काले धन की जननी साबित होगी। वही आजादी के बाद अपने नेताओं ने जनता के भारी विरोध के चलते भी जबर से 1956 में यह विदेशी टैक्स प्रणाली लागू कर दी। इसमें पहले सेल टैक्स बाद में वैट और अब जीएसटी के रूप में अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली जारी रखे हुए हैं। इससे व्यापार असुरक्षित होता गया और व्यापारी भ्रष्ट तंत्र की जंजीरों में जकड़ा गया। आजाद देश में गुलामी का जीवन वसर करने को मजबूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने 1922 में प्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली लागू कर व्यापारी की स्थिति अनुसार एक मुश्त 22-44-71-105-211 के पांच ग्रेड व दर्जे वार्षिक वसूली के लिए बना दिए। इसे लोग खुशी से भरने लगे। राजाओं के समय राजा व्यापारी की स्थिति अनुसार हुण्डी भेजते थे जिसे लोग अदा करना अपना धर्म समझते हुए खुशी से भरते थे लेकिन विकटतम अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली ने व्यापारी को चोर ना होते भी चोर कहलाने पर मजबूर कर दिया। नतीजा व्यापारी लाखों करोड़ों का व्यापार होते भी अपने इकलौते बेटे को दूर नौकरी के लिए भेजने को मजबूर है जबकि पहले वो धन को हाथों की मैल (गंदगी)समझते थे। इसे समाज हित में शिक्षा और चकित्सा मुफ्त देने की व्यवस्था के अलावा धर्मशालाएं, कुएं आदि पर धन खर्च करने में गौरवान्वित महसूस किया जाता था। महाराजा अग्रसेन जी ने राज का त्याग कर अपनी संतान को व्यापार व्यवस्था शुद्ध करने तथा आर्थिक तौर पर कमजोर हुए व्यक्ति को हर घर से एक ईंट एक रुपये देने की व्यवस्था से समाज में एकरसता बनाए रखने का अनोखा तरीका भी हमें दिया। उन्होंने कहा कि देश को पुनः विश्व गुरू बनाने हेतु प्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली लागू करें और समाज को पूर्व की तरह शिक्षा एवं चिकित्सा बिलकुल मुफ्त सबको बराबर देने की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जाए। इससे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार खत्म होगे व बराबरता का समाज सिर्जन होगा। वही देश को तोड़ने वाली आरक्षण नीति समाप्त हो जाएगी वही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि देशहित में केंद्र सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इससे जहां देश का व्यापारी संपन्न होगा व उसे वर्तमान टैक्स प्रणाली से होने वाली दिक्कतों से राहत िमलेगी वही देश में तरक्की के नए रास्ते बनेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस विषय पर अपनी बात को सार्वजनिक मंच पर रखने के साथ इसे लेकर किसी भी तरह का तर्क व बहस अपनी टीम के साथ करने के लिए तैयार है। सुरेश गोयल देश में सामान्य वर्ग की समस्याओं को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं व आरंक्षण को लेकर भी आंदोलन खड़ा करने का काम किया।
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