Monday, November 30, 2020

किसान आंदोलन का 5वां दिन LIVE:किसान दिल्ली सील करने की तैयारी में; पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर बंद किए


 

केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ किसानों केसा आंदोलन का आज 5वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज वे दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की तैयारी में हैं। किसानों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।

फोटो सिंघु बॉर्डर की है।
फोटो सिंघु बॉर्डर की है।

अपडेट्स

  • आज गुरूनानक जयंती भी है। ऐसे में किसान सड़कों पर ही अरदास कर रहे हैं।
  • बुराड़ी में निरंकारी समागम ग्राउंड पर मौजूद किसानों का प्रदर्शन जारी है। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स और सिक्योरिटी बढ़ा दी है।
फोटो गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर की है।
फोटो गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर की है।
  • कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि कानून APMC मंडियों को खत्म नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी।
  • सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा MSP पर बेचा।

सरकार चाहती है कि सभी किसान बुराड़ी पहुंचें तो बातचीत की जाए, लेकिन किसानों ने रविवार को कहा था कि बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे। गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई। हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए। उधर, सरकार अपनी स्ट्रैटजी बनाने में जुटी है। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर रविवार रात बैठक की।

हाईवे पर मिनी पंजाब जैसा नजारा
किसान आंदोलन के चलते हाईवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है। ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है। जगह-जगह लंगर लगे हैं। धरने वाले धरने पर बैठे हैं। खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।

फोटो सिंघु बॉर्डर की है।
फोटो सिंघु बॉर्डर की है।

किसान संगठनों के 3 ऐलान
1. बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी जाएं। शर्त अपमानजनक है। हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है। इसका सबूत भी है हमारे पास। उत्तराखंड के तेजिंदर सिंह विर्क की अगुआई में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे। दिल्ली के प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया। उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया।

2. पांच एंट्री पॉइंट्स से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी
सिरसा ने कहा- हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को घर जैसा बना रखा है। हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं।

3. हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा
किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है। यही पांचों पॉइंट्स पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी। किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है। कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी।

बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे
इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। बुराड़ी में किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि किसान बुराड़ी मैदान पर इकट्ठे हों। इसके बाद उनसे बात की जाएगी। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, न कि दिल्ली में घिर जाने के लिए।

सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था। उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान बुराड़ी शिफ्ट होंगे, अगले ही दिन सरकार विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सरकार तय दिन 3 दिसंबर से पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।

आत्महत्या:3 साल से थे प्रेम संबंध, प्रेमी की शादी के दिन प्रेमिका ने जहर निगल दी जान,मलोट का मामला-दो बच्चों की मां थी सुमन



 मलोट(मुक्तसर). स्थानीय शहर की गुरु नानक नगरी की एक विवाहिता महिला ने जहरीली वस्तू निगलकर खुदकुशी कर ली मृतका 18 साल की बेटी व 15 साल के बेटे की मां थी जिसके स्थानीय एक नौजवान से गत तीन सालों से अवैध संबंध थे। नौजवान का रविवार को विवाह था जिसने महिला के साथ जीने-मरने की कसमें खाई थी, परंतु नौजवान के विवाह को लेकर महिला परेशान थी, जिसके कारण उसने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर प्रेमी के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज करके लाश पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दी है।

बेटी बोली...मां को गलत काम करने से मना किया तो धमकाकर चुप करवाया

मलाेट के वार्ड नंबर 23 की गुरु नानक नगरी निवासी 36 वर्षीय महिला सुमन सोनी पत्नी राज कुमार सोनी की खुदकुशी के मामले में बेटी नैनसी ने पुलिस के पास दर्ज करवाए बयानों में आरोप लगाया कि उसके पिता के दोस्त दविंदर सिंह उर्फ लवली पुत्र गुरदीप सिंह वासी गुरु नानक नगरी मलोट का उनके घर आना जाना था, उसका पिता कुमार काम पर चला जाता था तो पीछे से दविंदर सिंह लवली उनके घर आ जाता था। यह सिलसिला गत तीन सालों से चल रहा था। दोनों के बीच संबंध बन गए थे, जिससे वह अपनी मां को अक्सर ही रोकती थी, परंतु उसे धमकाकर चुप रहने के लिए मजबूर किया जाता था।

जिसके कारण दविंदर सिंह लवली का आना जाना लगातार जारी रहा, कुछ दिन पहले दविंदर के घरवालों ने उसका विवाह करने की बात उसकी मां सुमन को पता चली तो सुमन ने दविंदर को विवाह करवाने से मना किया तो दविंदर सिंह ने विवाह न करवाने का वादा किया। इस दौरान उसकी मां सुमन सोनी को पता चला कि रविवार को दविंदर सिंह का विवाह है। उसकी मां ने जहरीली दवाई पी ली और उसकी मौत हो गई। सब इंस्पेक्टर हरविंदर सिंह ने बताया कि उक्त बयानों के आधार पर दविंदर सिंह उर्फ लवल पुत्र गुरदीप सिंह वासी मलोट के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।


Saturday, October 24, 2020

बठिंडा में ग्रीन सिटी वासी व्यापारी दविंदर गर्ग के मौत का सच-गैरकानूनी बिटकॉइन और क्रिप्टोकरैंसी के चक्रव्यूह में फंसकर करोड़ों रुपए गवा रहे हजारों लोग



 

बठिंडा. ग्रीन सिटी बठिंडा में दो बच्चों व पत्नी की गोली मारकर हत्या करने व बाद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले व्यापारी व ट्रैडर दविंदर गर्ग के मामले में कैंट पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इसमें फोरन बिटकॉइन और ऐसी ही क्रिप्टोकरैंसी के मक्कडजाल को भेंदने के लिए पुलिस को काफी मत्थापेंची करनी पड़ रही है। आरंभिक जांच में पुलिस के पास जानकारी मिली है कि रातों-रात करोड़पति बनने चले बठिंडा के हजारों लोग देश में गैरकानूनी बिटकॉइन और ऐसी ही क्रिप्टोकरैंसी (आभासी मुद्रा) के चक्रव्यूह में फंसकर करोड़ों रुपए अटकाए बैठे हैं। कोरोना काल में मार्च से लेकर अब तक इस करंसी के रेट में बेहताशा कमी आने के बाद लोगों के अंदर पैसे की वसूली को लेकर कश्माकश चल रही है मेहनत की गाढ़ी कमाई डूबने की आशंका से अब लोग एजेंटों से रुपए का तकादा कर रहे हैंवे उन्हें इंतजार की सलाह दे रहे हैं। वही लोग इस मामले में एजेंटों पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि वह उनके पैसे दिलवाएं। बठिंडा में टैंडर्स दविंदर गर्ग की तरफ से परिवार की हत्या करने व स्वयं आत्महत्या करने की घटना भी इसी चक्रव्यूह का हिस्सा है। वर्तमान में बिटकॉइन और ऐसी ही क्रिप्टोकरैंसी में बठिंडा जिले में ही लोगों ने 500 करोड़ से अधिक की राशि इन्वेस्ट कर रखी है।


बिटकॉइन में रुपए लगाने वालों में आमजन से लेकर नेताव्यापारीकर्मचारीपुलिसवकीलडॉक्टर हर तबका शामिल है। गैरकानूनी काम कर रहे एजेंटों ने लोगों को इस आभासी मार्केट में अच्छे कमिशन का भरोसा देकर निवेश करवाया। किसी ने जमा पूंजी लगा दी तो किसी ने जमीन बेचीकिसी ने पर्सनल लोन लिया तो किसी ने एफडी तुड़वाकर इस हवाई कारोबार में पैसा फंसा दिया। कुछ लोग इस धंधे में मालामाल हो गएजिनके पास शौचालय बनवाने के रुपए नहीं थेवे फाइव स्टार होटल्स में स्विमिंग पुल का आनंद उठाने लगे। बठिंडा में बिटकॉइन का गोरखधंधा दो साल पहले परवान चढ़ा। बिटकॉइन मार्केट में बठिंडा के कई चर्चित चेहरे हैं। चेन शहर से गांवों तक फैल गई। शुरू-शुरू में लोगों के पास पैसा आया भीपर फिर ब्रेक लग गए। कितने लोग इस गोरखधंधे से जुड़े हैं और उनका कितना पैसा अटका हुआ हैइसके आंकड़े पुलिस-प्रशासन के पास नहींपर इस धंधे से जुड़े लोगों के मुताबिक से हजार लोग इससे जुड़े हैंजिनका 500 करोड़ों रुपया फंस गया है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार की पाबंदियों के बाद बिटकॉइन के भाव जमीन पर आ गए। बिटकॉइन बाई-सैल कर डॉलर को रुपयों में बदलने वाला एक्सचेंजर जेब-पे एप पर पाबंदी लगा दी गई है। लोगों का पैसा अटक गया। साल 2018 के अक्टूबर-नवंबर में एक बिटकॉइन की कीमत 14.50 लाख रुपए पहुंच गई थीलाकडाउन से पहले इसकी 5.20 लाख रुपए कीमत बताई जा रही थी।

भारतीय रिजर्व बैंक बठिंडा की मेन शाखा के एक अधिकारी के मुताबिक बठिंडा में बिटकॉइन के नाम पर दूसरा ही खेल चल रहा है। बूंदी में बिटकॉइन के नाम से बीटीसी एडप्रो जैसी अनधिकृत एमएलएम कंपनी चल रही है। बिटकॉइन में इन्वेस्ट के नाम से लोगों से पैसा वसूला जा रहा है। रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरैंसी के सेटलमेंट को बैन कर दिया है। पीड़ितों को क्रिप्टोकरैंसी बेचकर इससे बाहर आने के लिए तीन महीने का वक्त साल 2018 में दिया । बिटकॉइन को लेकर रिजर्व बैंक चार-पांच साल में सात-आठ बार एडवाइजरी भी जारी कर चुका है। फर्जी कंपनियोंं में पैसा लगाने से बचने की सलाह देने के लिए रिजर्व बैंक जगह-जगह वर्कशॉप लगा। ग्रामीण इलाकों में भी फर्जी कंपनियां अनधिकृत चिटफंडचैन सिस्टमएमएलएम जैसी पॉजी स्कीम चला रही हैं।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी और कैसे काम करती हैकंप्यूटरों से ट्रांजेक्शन

क्रिप्टोकरेंसी नेट पर चलने वाली वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत जनवरी 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुई। अब बिटकॉइन के अलावा लिटकॉइनइथरलिटकॉइन कैसरिपल जैसी 950 क्रिप्टोकरैंसी मार्केट में है। ऐसी बहुत सी कंपनियां हैंजो बिटकॉइन की माइनिंग करती हैं। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है। खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। बिटकॉइन का इस्तेमाल पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसका मतलब कि बिटकॉइन से ट्रांजेक्शन दो कंप्यूटरों के बीच होता है। इसके लिए किसी गार्जियन अथवा बैंक की जरूरत नहीं पड़ती। बिटकॉइन से जुड़े लोगों ने बताया कि शुरुआत में इस तरह का प्रलोभन दिया जाता है कि कोई भी व्यक्ति चक्कर में आ सकता है। लाखों कमाने के फिराक में लोग फंसते हैं। इसके बाद अब पछताने के सिवा कुछ नहीं बचा है।

रकम कई गुना करने का वादा किया थालेकिन अटक गई पूंजी

बीटीसी एड प्रो कंपनी से जुड़े एक शख्स ने बताया कि उसकी जमा पूंजी फंस गई है। इस कंपनी ने आईडी लगाने के बदले रकम का ढाई गुना रुपए देने का लालच दिया। अगर 15 दिन में दो आईडी और लगवाने पर गुना देने की बात कही गई। दो महीने बाद पहले तो 10 परसेंट टैक्स काट कर पेमेंट किया गयाफिर डॉलर की रेट भी कम बताकर आईडी खोलने के भी अतिरिक्त 10 परसेंट लेने लगी। महीने बाद शॉपिंग मॉल चलाने की बात कही गई। उसमें आईडी का 10 परसेंट पैसा काटा जाने लगा। एक महीने बाद कहा गया कि माल बंद कर दिया गया। फिर आईडी भी खुलना बंद हो गई। डॉलर भी बंद। फिर कहा गया जिसकी ईडी जितने की हैउसका डेढ़ गुना कंपनी वापस देगी। बाकी नई आईडी लगाओ। 1.40 लाख की आईडी पर बैंकॉक टूर कराने की बात कही गई। जिसने भी आईडी लगाईतारीख पर तारीख देते गए और अब जाकर टूर पर लेकर गए। वो भी एजेंट अपने खर्च परताकि लोगों का विश्वास बना रहे और नई आईडी लगती रहे। पुरानी आईडी ना तो खुल रही है और ना ही अटका पैसा आ रहा है।

फिलहाल रिजर्व बैंक के मुताबिक आपके पास बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी है तो इसकी जानकारी रखे कि आरबीआई ने वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध लगा रखा है। नए फैसले के तहत अब आप बैंक या ई वॉलेट के जरिए बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी नहीं खरीद पाएंगे। यह फैसला रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के चलते ग्राहकों के हित में उठाया है।

इन तमाम खुलासों के बावजूद बठिंडा में ग्रीन सिटी बठिंडा में रहने वाले ट्रैडर दविंदर गर्ग को शहर के नामी लोगों ने इस करंसी में पैसा लगाने का प्रलोभन दिया। उन्होंने शुरू में पैसा कमाया भी लेकिन सरकार की तरफ से इसमें पाबंदी लगाने के बावजूद गौरखधंधा दो नंबर में चलता रहा। शहर के सैकड़ों लोगों को उन्होंने इसके साथ जोड़ा व करंसी के नाम पर धंधा राजनीतिक गलियारों से लेकर प्रशासकीय व व्यापारिक गलियारे में चलने लगा। एक स्थिति यह आ गई कि कोरोना के दौरान लोगों ने पैसा लगाना बंद कर दिया तो गैरकानूनी ढंग से चल रही मूवमेंट भी बंद हो गई। अब कुछ लोगों ने रातों रात पैसा इकट्ठा कर अपना घाटा पूरा कर लिया जबकि लोगों की देनदेरी दविंदर गर्ग के सिर पर डाल दी। हालात यह हो गए कि करोड़ों की देनदारी में मानसिक तनाव में आए दविंदर गर्ग ने दो बच्चों व पत्नी की गोली मारकर हत्या करने व बाद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करनी पड़ी। उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों में महिला सहित एक ही परिवार के तीन लोगों पर लाकडाउन में हुए घाटे को पार्टनरों में बाटने की बजाय प्रोफिट निकालकर घाटा मृतक के ऊपर डालने से जुड़ा। इसमें करोड़ों रुपए की देनदारी मृतक दविंदर गर्ग के सिर पर डाल दी गई। यही नहीं सुसाइड नोट में आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोग उन्हें सत्तापक्ष के साथ जुड़ा होने की बात कर मानसिक तौर पर परेशान करते थे व पैसे नहीं देने पर पुलिस कारर्वाई करवाने व जान से मारने तक की धमकियां देते थे। इन्हीं सभी बातों से दविंदर गर्ग पिछले छह माह में पूरी तरह से टूट चुका था व इस बाबत उसने सारा मामला इपने पिता व भाई के साथ भी सांझा किया था। परिजन उसे हौसला देते थे लेकिन वह पैसे लेने के लिए डाले जा रहे जबाव व कारर्वाई की धमकियों से इस कदर परेशान हो गया कि उसने पहले अपनी पत्नी को गोली मारी व बाद में दोनों बच्चों के सिर पर गोली मारकर खुद को मौत के घाट उतार लिया। बठिंडा में घटी यह घटना किसी बड़े खौफ से कम नहीं है जबकि उस मामले में पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लाकडाउन मार्च में लगा तो बीटकान करंसी के रेट कम हो गए। इस दौरान करोड़ों रुपए इसमें लगे थे। वही कुछ दूसरे पार्टनरों ने भी इसमें पैसा लगाया था। बठिंडा के राजू कोहनूर उसके भाई बब्बू कालड़ा व पत्नी अमन कोहनूर ने करंसी में लगाया पैसा प्रोफिट सहित निकाल कर अपने पास रख लिया व जो पैसा लोगों का देना था वह दविंदर गर्ग पर डाल दिया। यह राशि करोड़ों में थी जिसके चलते कुछ पैसा तो दविंदर ने किसी तरह दे दिया लेकिन इसी दौरान मनजिंदर सिंह हैप्पीप्रवीण बांसलसंजय जिंदल बाबीमनी बांसल सबी वासी बठिंडाअशोक कुमार वासी रामा मंडीअभिषेक जौहरी ने उस पर पैसा जल्दी देने के लिए दबाब बनाना शुरू कर दिया वही ऐसा नहीं करने पर उसे राजनीतिक रोब डालकर बर्बाद करने व पुलिस के पास केस दर्ज करवाने की धमकियां देना शुरू कर दी। उक्त लोग राजू कोहनूर से मिलकर उसे सत्ता पक्ष में पहचान होने व उसके खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की लगातार धमकियां दे रहे थे। कांग्रेसी नेता मनजिंदर सिंह धालीवाल के साथ राजू केहनूरअमन केहनूरबब्बू कालड़ासंजय जिंदलप्रवीण बांसलअभिषेक जौहरीअशोक कुमार वासी रामा मंडी के साथ मन्नी बांसल पैसे के लेनदेन को लेकर दविंदर गर्ग को परेशान कर रखा था व उसे बर्बाद करने व उसके खिलाफ मामले दर्ज करवाने की धमकियां देते थे। इसी बात से परेशान दविंदर गर्ग ने गत वीरवार की दोपहर अपने ग्रीन सिटी स्थित किराये की कोठी में पहले पत्नी व बाद में दो बच्चों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया व बाद में स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

Tuesday, October 6, 2020

कृषि कानून का विरोेध:किसानों ने अर्धनग्न होकर मुल्तानिया पुल से अनाज मंडी तक निकाला रोष मार्च

बठिंडा15 घंटे पहले
  • 31 किसान संगठनों के आह्वान पर केंद्र सरकार के खेती कानूनों के प्रति किसानों को किया जागरूक, कपास की सरकारी खरीद शुरू न होने का जताया विरोध

सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए अर्धनग्न किसानों के इस अनोखे प्रदर्शन देखकर इलाका निवासियों ने हैरानी जताई, वहीं किसानों के ऐसे हालात के लिए सरकार को दोषी ठहराया। किसानों का काफिला अनाज मंडी पहुंचा जहां मार्केट कमेटी दफ्तर के सामने नरमे की ढेरी पर नारेबाजी की।

आज किया जाएगा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का घेराव
भाकियू सिद्धूपुर के नेता बलदेव सिंह ने बताया कि उनका रेल चक्का जाम व कार्पोरेट घरानों का घेराव जारी रहेगा। कीरती किसान यूनियन के नेता अमरजीत हनी ने कहा कि बंद कमरों में बैठकर नीतियां बनाने वाले खेत में कड़ाके की ठंड व चिलचिलाती गर्मी में काम करते किसान का दर्द नहीं जानते और किसानी को भी व्यापार ही समझते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से धान की पराली जलाने से रोकने को बनाई नीतियों में जमीन में रेड एंट्री व कंबाइनों पर सुपर एसएमएस का विरोध जताते हुए 6 अक्टूबर को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मानसा रोड आईटीआई इंडस्ट्रियल एरिया में घेराव किया जाएगा।
पांचवें दिन भी बंद रहे रिलायंस पंप व टोल प्लाजा
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ओर से 31 किसान संगठनों के संघर्ष से तालमेल करके कारपोरेट कारोबार का घेराव निरंतर जारी है, सोमवार को पांचवें दिन भी रिलायंस व एस्सार के पेट्रोल पंप, वॉलमार्ट का बेस्ट प्राइज शॉपिंग माल्स, जीदा व लहराबेगा टोल प्लाजा का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। किसानों की ओर से बनांवाली के प्राइवेट थर्मल प्लांट का भी घेराव किया हुआ है। किसान नेताओं ने कहा कि रामपुरा में रिलायंस कंपनी के पेट्रोल पंप, भुच्चो खुर्द व संगत मंडी में एस्सार कंपनी के पेट्रोल पंप के अलावा बठिंडा-भुच्चो स्थित वालमार्ट के बेस्ट प्राइज माल को बंद तथा लहराबेगा व जीदा में टोल प्लाजा पर पर्चियां कटवाना बंद करके इन कारपोरेट घरानों की ओर से की जा रही लूट को बंद करवाया है।

वहीं बनांवाली थर्मल प्लांट के आगे भी अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे आर्डिनेंस सीधे तौर पर कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाले हैं, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के शॉपिंग माॅल्स से छोटे कारोबारियों को खत्म कर देंगे, वहीं रिलायंस व एस्सार के पेट्रोल पंप, टोल प्लाजा और प्राइवेट थर्मल बढ़ने से कारपोरेट घरानों की वर्चस्व बढ़ेगा और आने वाले दिनों में मनमर्जी से आम जनता को लूट सकेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि वे खेती आर्डिनेंस को वापस करवाकर ही दम लेंगे और वे पंजाब में कारपोरेट घरानों के कारोबार को बढ़ने नहीं देंगे।

कमेटी की रिपोर्ट लीक:बीटीओ व दो कर्मियों की लापरवाही आई सामने एक्शन के लिए हेल्थ सेक्रेटरी को भेजी रिपोर्ट

 


बठिंडा। सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर से एक महिला और एक 7 साल के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में सोमवार को करीब 8 घंटे तक चली जांच के बाद जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सेहत विभाग के उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए भेज दी है। तीन सदस्यीय कमेटी एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह, डा. गुरमेल सिंह व डा. सीमा गुप्ता की रिपोर्ट में ब्लड बैंक की बीटीओ, एक महिला एमएलटी व एक पुरुष एमएलटी की लापरवाही सामने आ रही है। आरजी फारिग कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए रिपोर्ट हेल्थ सेक्रेटरी को भेज दी गई है।

डॉ. मयंक को अब बीटीओ का चार्ज दिया गया है। बीटीओ डा. करिश्मा को गोनियाना मंडी के सरकारी अस्पताल में, एमएलटी रिचा को सरकारी अस्पताल घुद्दा व सीनियर एमएलटी बलदेव रोमाणा को तलवंडी साबो अस्पताल में आरजी तौर पर लगा दिया गया है। उधर देर शाम जांच कमेटी की रिपोर्ट सोशल मीडिया में लीक होने के बाद वायरल हो गई, जिसके बारे में अधिकारियों को मीडिया से ही पता चला। बता दें कि बच्चे और महिला मरीज को एचआईवी ब्लड चढ़ाने के मामले का खुलासा भास्कर ने सोमवार के अंक में प्रमुखता से किया था।

जिसके बाद एसएमओ ने जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि ब्लड बैंक में एचआईवी किट के प्रयोग में गड़बड़ मिली है। उधर श्री गणेश वेलफेयर सोसायटी के प्रधान आशीष बांसल ने ईमेल के जरिए सेहतमंत्री पंजाब को शिकायत भेजी है। वहीं डीसी बठिंडा व सीएमओ बठिंडा को भी शिकायत भेजी है। नौजवान सोसायटी के प्रधान सोनू माहेश्वरी व खूनदानी बीरबल बांसल ने भी आरोपी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की मांग उठाई।

ये है रिपोर्ट : मामला छिपाने की कोशिश की, अधिकारियों को अंधेरे में रखा
कमेटी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है, उसके मुताबिक एचआईवी पॉजिटिव डोनर ने दो बार अपना ब्लड सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में दान किया। सबसे पहले छह मई 2020 को ब्लड बैग नंबर 2765 के जरिए एमएलटी रिचा गोयल ने एक महिला मरीज को एचआईवी पॉजिटिव का ब्लड जारी किया। जबकि दूसरी बार उसी एचआईवी ब्लड डोनर का ब्लड सात साल की थैलेसीमिया पीड़ित बच्ची को तीन अक्टूबर को जारी किया गया।

इस बार भी एमएलटी रिचा गोयल ने यह ब्लड जारी किया। जांच में सामने आया कि ब्लड बैंक की इंचार्ज बीटीओ डा. करिश्मा गोयल ने भी अपनी ड्यूटी में घोर लापरवाही दिखाई है। उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी मामले में अंधेरे में रखा। कमेटी के मुताबिक बीटीओ डॉ. करिश्मा को मई 2020 में ब्लड डोनर के एचआईवी पॉजिटिव के बारे में पता चल गया था और उसे यह भी पता चल गया था कि उसका ब्लड एक महिला मरीज को चढ़ा दिया गया है, लेकिन उसने मामले को छिपाने की कोशिश की, जबकि उसने ब्लड डोनर को भी एचआईवी होने के बारे में जानकारी नहीं दी।। इसके अलावा एमएलटी रिचा गोयल के काम की भी कोई जरूरी पड़ताल नहीं की।

सीनियर एमएलटी की भूमिका भी संदेह के घेरे में
जांच कमेटी ने ब्लड बैंक के सीनियर एमएलटी बलदेव राेमाणा की भूमिका पर भी संदेह जताया है। जांच कमेटी के मुताबिक सीनियर एमएलटी ने निजी रंजिश निकालने के लिए एक अक्टूबर 2020 की सुबह ब्लड डोनर को ब्लड देने के लिए सिविल अस्पताल बुलाया था और सब कुछ जानते हुए उसने किसी कुछ भी नहीं बताया और उसका ब्लड सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्ची को जारी होने दिया।

इतना ही नहीं उसने बच्ची को ब्लड लगने के बाद अचानक चिल्ड्रन अस्पताल में जाकर स्टाफ नर्स से कहा कि बच्ची को एचआईवी पॉजिटिव मरीज का ब्लड लग गया है और उसने बिना किसी जिम्मेवार अधिकारी के आदेशाें के वहां से ब्लड बैग हासिल किया और खुद ही चिल्ड्रन अस्पताल की लैब में एचआईवी के लिए रेपिड टेस्ट लगवाया, जोकि पॉजिटिव आया। इसके बाद उसने एसएमओ दफ्तर आकर मामले की जानकारी दी। कमेटी का मानना है कि सीनियर एलटी ने एक बच्ची की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया।

एचआईवी किट के प्रयोग नहीं करने पर उठे सवाल
पड़ताल में यह भी सामने आया है कि सिविल अस्पताल बठिंडा के ब्लड बैंक में एचआईवी किट का प्रयोग में गड़बड़ी हो रही है, जोकि अलग से जांच का एक विषय हैं। कमेटी ने किट रखने वाली अलमारी खुलवाने के लिए एसएमओ ने ताला तोड़ने के आदेश दिए, तो सीनियर एमएलटी ने 600 एचआईवी टेस्ट करने के लिए किट बाहर से लाई गई ताकि स्टॉक पूरा किया जा सके। इस दौरान बीटीओ ने बताया कि इस कर्मचारी की तरफ से कभी भी किट का स्टाक चेक करने के लिए परमिशन नहीं दी गई।

Saturday, September 26, 2020

पंजाब में कोर्ट का फैसला:आय से अधिक संपत्ति के मामले में लुधियाना कोर्ट का फैसला, सीएम और उनके बेटे के खिलाफ इंस्पेक्शन एप्लीकेशन पर रोक

लुधियाना कोर्ट में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व रणइंदर सिंह के खिलाफ चल रही इनकम टैक्स विभाग की शिकायत के मामले में एडिशनल सेशन जज अतुल कसाना ने इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की इंस्पेक्शन एप्लीकेशन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ईडी को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 1 अक्टूबर को कहा है।

बता दें कि सीजेएम पीएस कलेखा की कोर्ट में कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग ने तीन कंप्लेंट्स आय के स्त्रोत से अधिक होने के मामले में अलग-अलग धाराओं में दायर की हुई है। इन कंप्लेट्स में इनकम टैक्स विभाग ने सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज भी लगाए गए थे। जिनकी इंस्पेक्शन करने और उनकी प्रतियां देने की दरख्वास्त ईडी ने लगाई थी।

जिसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट जसबीर सिंह ने 18 सिंतबर को परमीशन दे दी और ट्रायल कोर्ट के अहलमद को आर्डर किया कि वो ईडी को 28 सितंबर को अपने रूम में अपनी सुपरवीजन में फाइल इंस्पेक्शन करने दें। इस आर्डर के खिलाफ रणइंदर सिंह ने अपने वकील के जरिए रीविजन पटिशन डाली। सुनवाई के दौरान रणइंदर के वकील ने कहा कि जो लोअर कोर्ट फाइल इंस्पेक्शन के आर्डर किया है, वो कानून ठीक नहीं। क्योंकि जो केस इनकम टैक्स विभाग द्वारा उनके खिलाफ दायर किये है। उनमें ईडी पार्टी नहीं और ईडी की एप्लीकेशन मंजूर करते वक्त उन्हें (अमरिंदर सिंह-रणइंदर) को नोटिस भी नहीं दिया। जज अतुल कसाना ने निचली कोर्ट के आर्डर पर रोक लगाई।

लक्खी ज्वैलर्स डकैती:लुटेरे सीसीटीवी में कैद, फिर भी नहीं पकड़ पाई पुलिस



गोनियाना मंडी में माल रोड पर स्थित लक्खी ज्वैलर्स में डकैती के मामले में 24 घंटे बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है। यह घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है, जिनकी फुटेज में देखा जा कसता है कि किस तरह बदमाश शोरूम में घुसकर पिस्तौल के बल पर सवा करोड़ के करीब का माल लूट ले गए।

एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क ने इस डकैती को ट्रेस करने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें बना दी हैं। पुलिस की टीमें शुक्रवार को भी दिन भर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लुटेरों की तलाश करती रहीं। लेकिन पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।नहियांवाला थाना के एसएचओ बूटा सिंह ने बताया कि एसएसपी बठिंडा के निर्देश पर पुलिस की अलग-अलग टीमें इस केस को ट्रेस करने में लगी हुई हैं।

ट्रैफिक थानेदार की तरफ से सोनू महेश्वरी के साथ दु‌र्व्यहार से समाजसेवी संस्थाएं नाराज


 

बठिडा : कोरोना संक्रमण के दौरान प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महत्वपूर्ण सेवा निभाने वाली संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सोनू महेश्वरी के साथ विगत दिनों ट्रैफिक थानेदार द्वारा किये गए दु‌र्व्यवहार को लेकर संस्थाओं, व्यपारियों, वकीलों में रोष है। इसे लेकर सभी सक्रिय संस्थाओं के सांझे मंच एसोसिएशन ऑफ एक्टिव एनजीओज 'आन' द्वारा कड़ी निदा प्रस्ताव पास किया गया। 


आन के चीफ कोऑर्डिनेटर जीवा राम गोयल ने कहा कि समाज के लिए चौबीस घंटे समर्पित रहने वाली संस्था के प्रधान के साथ पुलिस का अमानवीय व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। जबकि उक्त घटना के समय 10 महीने से लापता व्यक्ति की तलाश में पीड़ित परिवार गाजियाबाद से संस्था के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था। लेकिन बाजार में जगह न मिलने के चलते नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने को विवश हुआ और जिसे ट्रैफिफ पुलिस नो पार्किंग के चालान की बजाय जबरदस्ती उठाने लगी। इसे लेकर गाड़ी को टो की बजाय नो पार्किंग के चालान काटने को लेकर संस्था प्रधान द्वारा पुलिस से अपील की गई। लेकिन उक्त थानेदार द्वारा अपनी वर्दी की धौंस दिखाते हुए नौजवान सोसायटी के प्रधान के साथ बदतमीजी की। 



आन के कोऑर्डिनेटर संदीप अग्रवाल व गोबिद महेश्वरी ने कहा कि पुलिस कर्मी का रवैया शर्मसार करने वाला है। सभी संस्थायों जीवन ज्योति वेल्फेयर क्लब, श्री हनुमान सेवा समिति, वृद्ध आश्रम, ट्रस्ट मन्दिर श्री राम चन्द्र, श्री साई सेवा दल, श्री गणेश वेल्फेयर सोसायटी, श्री हिंदू तख्त, आस वेल्फेयर सोसायटी, अखिल अग्रवाल परिवार सभा, श्री बाला जी नवयुवक सोसायटी, महिला पतंजलि योग समिति, लोक सेवा समिति रामा मंडी, यूनाइटेड वेल्फेयर सोसायटी, पीरखाना कमेटी, एनिमल केयर मिशन, परिवार वेल्फेयर सोसायटी, नौजवान सोसायटी मौड़मंडी, अलायंस क्लब, शिव शक्ति योग मिशन, श्री साई प्रचार मंडल ने एक सुर में कहा कि अगर पुलिस प्रशासन ने उक्त थानेदार पर कार्रवाई नहीं की तो मजबूरन सोमवार को संघर्ष की राह अपनानी होगी। पूर्ण तौर पर पुलिस का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, पुलिस के इस रवैये पर श्री गोशाला सचिव साधु राम कुशला, एडवोकेट सुरजीत ढिल्लों, मुकेश कुमार सहित समाजहितैषी लोगों ने अपना विरोध जताया।

कोरोना वायरस से संक्रमित एक फौजी की मौत, 18 सैनिक सहित 60 केस पोजटिव


 

बठिंडा. जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को जहां सैनिक छावनी में 18 सैनिक व कर्मी कोरोना पोजटिव मिले वही एक सैनिक की मौत हो गई। वही 60 नए कोरोना पोजटिव केस सामने आए है। 47 साल के सैनिक का बठिंडा में नौजवान वैलफेयर सोसायटी की रहनुमाई में अंतिम संस्कार किया गया जिसमें सैनिक की पत्नी ने शव को मुख्ग्नि दी। मृतक जवान की पहचान ध्यानी गुप्ता के तौर पर हुई है जो डायबीटिज टाइप टू से ग्रस्त थे व पिछले कुछ दिनों से सास लेने की दिक्कत का सामना कर रहे थे। 

इसके चलते उन्हें जांच के लिए सिविल अस्पताल लाया गया जहां कोरोना की पुष्टी के बाद सैनिक अस्पताल में उपचाराधीन थे जहां शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गई। सैनिक की मृत्यु के बाद प्रशासन द्वारा सूचना मिलने पर समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा की टीम मौके पर मिल्ट्री अस्पताल पहुंची तथा मृतक देह को शमशान भूमि पहुंचाया। जहां संस्था के सदस्यों राकेश जिंदल, जसकरन रॉयल, निर्भय सिंह सोनू माहेश्वरी ने तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ की अगुवाई में मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स डालकर कर दिया। इस मौके पर मृतक की पत्नी में मृतक फौजी जवान की चिता को अग्नि भेंट की। उन्होंने बताया कि मृतक डायबिटीज से भी पीड़ित था। वही दूसरी तरफ जिले में 114 लोगों की कोरोना से मौत हुई है जबकि अकेले सितंबर माह में ही 71 लोग कोरोना का शिकार होकर मौत के मुंह में जा चुके हैं।

वर्तमान में जिला व आर्मी प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण सैनिक छावनी में निरंतर बढ़ रहे कोरोना पोजटिव केस है। गत शुक्रवार को जहां कैंट क्षेत्र में 27 के करीब केस सामने आए वही शनिवार को बी 18 कोरोना पोजटिव केस इसी क्षेत्र से मिले हैं। पिछले तीन माह में सैनिक चावनी व भिसियाना एयरफोर्स क्षेत्र में डेढ़ सौ के करीब लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। इसके आलावा सेंट्रल जेल में सात, कोटफत्ता में एक, आदेश में एक, रामपुरा टाउन में एक, भुच्चों मंडी में क, माडल टाउन फेस तीन में क, आवा बस्ती में एक, शहीद भगत सिंह नगर गली नंबर 9 में एक, शक्ति नगर में एक, गुरु गोबिंद सिंह नगर गली नंबर 9 में एक, जुझार सिंह नगर गली नंबर 4 में एक, बसंत बिहार गली नंबर 5 में एक, खोवाली मुक्तसर में एक, सुच्चा सिंह नगर में दो, बठिंडा शहरी में एक, गोनियाना मंडी में दो, ग्रीन सिटी फेस तीन में एक, नथाना में एक, दियालपुरा में एक, जीतमल रोड रामपुरा में एक, दाना मंडी में दो, हंस नगर गली नंबर दो में दो, जवाहर मेडिकल हाल में एक, बठिंडा शहरी क्षेत्र में एक, एनसीसी कंपनी एम्स में एक, संगत में एक, अजीत रोड गली नंबर 13 में एक, दीपगढ़ बरनाला में एक, जनता नगर में एक, घुम्मन कला में एक, कोटकपूरा में एक व तपा मंडी में एक कोरोना पोजटिव केस सामने आया है।

डीडीआरसी सेंटर में आक्सोमीटर व थर्मामीटर को लेकर समस्या

कोविड मरीजों को लिए जिला प्रशासन की तरफ से बनाए गए डीडीआरसी सेंटर में मरीजों को फिलहाल आक्सोमीटर व थर्मामीटर नहीं मिलने से परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रशासन की तरफ से रेडक्रास सोसायटी की तरफ से दी जाने वाली कीट उक्त मरीजों के साथ घरों में आइसोलेट होने वाले लोगों के लिए उपलब्ध करवाई गई है लेकिन उक्त कीट के संबंध में समुचित जानकारी नहीं होने के चलते मरीज बाजार से 2200 से 2500 रुपए खर्च कर इनकी खरीद कर रहे हैं। वही रेडक्रास सोसायटी की तरफ से दी जाने वाली कीट की कीमत केवल 1100 रुपए रखी गई है इसमें आक्सोमीटर, थर्मामीटर, इम्यूनिटी बूस्टर के लिए वीटामीन सी, जिंक सल्फेट व मल्टीविटामन के साथ बुखार के लिए पेरासिटामोल दवा का 15 दिन का कोर्स दिया जाता है। इसके विपरित बाजार में आक्सोमीटर व थर्मामीटर के ही 2200 रुपए वसूल किए जा रहे हैं जबकि विटामीन सी का 15 गोलियों का पैकेट 35 रुपए तो जिंक का 10 गोलियों का पैकेट 45 रुपए में दिया जा रहा है। इस तरह से दवा साथ में लेने पर मरीज 2500 से ऊपर की राशि अपनी जेब से खर्च करने पर मजबूर होता है। फिलहाल डीडीआरसी सेंटर में तैनात कर्मी भी मरीज व उनके परिजनों को इस बाबत जानकारी नहीं दे रहे हैं व कहा जा रहा है कि वह कही से भी इसकी खरीद कर ले। इसी तरह सेंटर में दाखिल होने वाले 60 साल से ऊपर के मरीज व अधिक बीमार लोगों की देखरेख के लिए सेंटर में उनके परिजनों को भी मौखिक अनुमति दी जा रही है जिससे मरीज के परिजन मात्र मास्क के सहारे ही सेंटर में मरीज के साथ रह रहे हैं व कई बार घरेलु काम से वह घर भी जा रहे हैं जिससे दूसरे व्यक्ति को इफेक्शन फैलने व वायरस का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।     

 

 

Wednesday, September 23, 2020

MSP पर घमासान के बीच मोदी सरकार ने किसानों को भेजा मैसेज, जानिए इसमें क्या है?



 नई दिल्ली. नए कृषि कानून पर हो रहे हंगामे के बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने देश के करीब 11 करोड़ किसानों को एक खास संदेश भेजा है. यह संदेश न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़ा हुआ है. इस संदेश में रबी सीजन 2020-21 के लिए घोषित एमएसपी का पूरा ब्योरा दिया गया है. बताया गया है कि पहले किस उपज का कितना दाम था और अब कितना हो गया है. कृषि मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को सीधे उनके मोबाइल पर मैसेज भेजने से शायद आम किसान (Farmers) थोड़ा नरम पड़ेगा और विपक्ष की कोशिश के बावजूद पीएम मोदी की इमेज एंटी फार्मर नहीं बनने पाएगी.

दरअसल, इस समय कुछ विपक्षी दल और किसान संगठन कह रहे हैं कि कृषि कानून की वजह से किसानों को एमएसपी नहीं मिल पाएगा. इसे लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद बुलाया है. सारा झगड़ा एमएसपी को लेकर हो रहा है. पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM kisan samman nidhi scheme) के तहत देश में करीब 11 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं. इसलिए सरकार को इन किसानों के पास अपना कोई भी संदेश भेजना काफी आसान हो गया है.

केंद्रीय कृषि मंत्री का संदेश

  • किसानों को भेजे गए एसएमएस में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि सरकार ने रबी 2020-21 के लिए MSP घोषित कर दी है.
  • गेहूं का समर्थन मूल्य 50 रुपए बढ़ाकर 1975, जौ का 75 रुपए बढ़ाकर 1600, चने का 225 रुपए बढ़ाकर 5100 प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
  • इसी तरह मसूर का एमएसपी 300 रुपए बढ़ाकर 5100, सरसों का 225 रुपए बढ़ाकर 4650 तथा कुसुम्भ (Safflower) में 112 की वृद्धि करके 5327 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

सरकार ने 2021-22 में किस फसल की कितनी बताई लागत

केंद्र सरकार ने बताया है कि प्रति क्विंटल गेहूं पैदा करने में किसान की लागत 960 रुपये, जौ में 971, चना में 2866, मसूर में 2864, सरसों में 2415 और कुसुम्भ में 3551 रुपये की लागत आती है. लागत के मुताबिक सबसे अधिक 106 फीसदी की वृद्धि गेहूं के रेट में की गई है. इस लागम में सभी भुगतान शामिल हैं. जैसे किराया, मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टा भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई व्यय, उपकरणों और फार्म भवनों का मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सैटों आदि को चलाने के लिए डीजल/बिजली एवं पारिवारिक श्रम का मूल्य.

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कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एकजुट हुए



  • संसद में हाल ही में पास हुए तीन कृषि विधेयकों (Three Farm Bills) के लिए केंद्र सरकार को पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) के किसानों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. 
  • इतना ही नहीं NDA के सबसे पुराने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सांसद और मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए मंत्रिमंडल (Ministry) से इस्तीफा भी दे दिया था.


 चंडीगढ़. कृषि विधेयकों (Farm Bills) के विरोध में 25 सितंबर को पंजाब बंद (Punjab Bandh) का आयोजन किसान संगठनों (Farmer Organisations) की ओर से किया गया है. इसके लिए 31 किसान संगठन एक साथ आने के लिए तैयार हुए हैं. 25 तारीख के बंद का आह्वान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (All India Kisan Sangrash Coordination Committee) की ओर से किया गया है. इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों (representatives) ने शनिवार को ही मोगा में एक बैठक की थी. किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Samiti) ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन (Stop the Rail movement) का आह्वान किया हुआ है.

क्रांतिकारी किसान यूनियन (Revolutionary Farmers Union) के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब बंद (Punjab Bandh) को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं. बता दें कि संसद में हाल ही में पास हुए तीन कृषि विधेयकों (Three Farm Bills) के लिए केंद्र सरकार को पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) के किसानों की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं NDA के सबसे पुराने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सांसद और मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए मंत्रिमंडल (Ministry) से इस्तीफा भी दे दिया था.

किसानों के 25 सितंबर के पंजाब बंद के आह्वान को समर्थन देगा आम आदमी पार्टी
वहीं पंजाब में मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 25 सितंबर के किसानों के राज्यव्यापी बंद का समर्थन करने की घोषणा की है. कृषि संबंधी तीन विधेयकों के खिलाफ किसानों के बुलाये बंद के बारे में आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने कृषि विरोधी कानून के खिलाफ किसानों के 25 सितंबर के राज्य व्यापी बंद के आह्वान का पूर्ण समर्थन करने की घोषणा की है.' देश के कई हिस्सों उठ रहीं बिल के विरोधों के आवाज के बीच भी केंद्र सरकार इस मसले पर अडिग बनी हुई है.

 
 

बठिंडा में एक माह में आक्सीजन की मांग पांच गुणा बढ़ी, सप्लाई हुई दुरुस्त पर कोविड मरीजों के लिए रखा वेंल्टीनेंटर चलाने वाले डाक्टर व माहिर नहीं

 


सरकारी अस्पताल में पांच से बढ़कर मांग हुई 25 तो प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 200 सिलेंडरों की खपत

-गोबिंदगढ़ में लगे प्लाट से होगा मांग के अनुरुप सप्लाई, सरकार ने किया समझौता 

बठिंडा. कोरोना पोजटिव केसों की बढ़ती संख्या के बाद सेहत सुविधाओं को लेकर भी सेहत विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है। वर्तमान में सबसे ज्यादा समस्या आक्सीजन सिलेंडरों को लेकर आ रही है। 20 अगस्त से लेकर सितंबर में अब तक कोरोना मरीजों की तादाद पांच हजार के नजदीक पहुंचने वाली है। इस स्थिति में जहां पहले प्रतिदिन सिविल अस्पताल में पांच बड़े सिलेंडरों की खपत थी वही अब यह बढ़कर प्रतिदिन 25 पहुंच गई है। यही स्थिति प्राइवेट अस्पतालों की है जिसमें 50 से बढ़कर सिलेंडरों की तादाद 200 सिलेंडर प्रतिदिन पहुंच गई है। वही छोटे सिलेंडरों की खपत में अभी किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है। फिलहाल राज्य सरकार ने इस बाबत निरंतर बढ़ रही आक्सीजन सिलेंडरों की मांग के मद्देनजर गोबिंदगढ़ में हाल ही में शुरू हुए गैस प्लाट से समजौता कर सप्लाई को दुरुस्त करने का दावा किया है जहां से प्रतिदिन 200 सिलेंडरों की सप्लाई मिलने की उम्मीद है। इसमें राहत वाली बात यह है कि उक्त सिलेंडरों की कीमत बाजार में वर्तमान मूल्य पर ही मिलेगी। इससे आक्सीजन को लेकर काला बाजारी पर भी पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है। 

जिले में वर्तमान समय में कोरोना मरीजों के पहले तीन लेबल में उपचार व देखरेख की समुचित व्यवस्था है लेकिन चौथे लेबल जिसमें मरीज को सास लेने में सर्वाधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है व फेफड़ों को आक्सीजन के साथ वेंटीलेंटर की जरूरत पड़ती है की स्थिति में परिजनों को प्राइवेट अस्पताल या फिर शहर से बाहर की तरफ रुख करना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल में एक वेंलटीलेंटर की व्यवस्था कर रखी है लेकिन इसे चलाने के लिए सिविल प्रशासन के पास स्टाफ की कमी है। इस तरह से लाखों रुपए की मशीन सिर्फ सफेद हाथी बनकर रह गई है। साल 2005 में भी अस्पताल में वेंल्टीलेटर की व्यवस्था थी लेकिन इसे चलाने के लिए डाक्टर व स्टाफ नहीं होने से वह कुछ साल बाद कबाड़ में तबदील हो गया था व अब फिर से वही स्थिति फिर से पैदा हो रही है। कोविड काल में मरीजो के लिए संजीवनी का काम करने वाली उक्त मशीन को संचालित करने की तरफ न तो जिला व न ही सेहत प्रशासन ने आज तक दिलचस्पी दिखाई है बल्कि कागजी कारर्वाई के तहत समय-समय पर सेहत निगम को पत्र व्यवहार कर कर्मी देने की बात जरूर की जा रही है। 

वही दूसरी तरफ सरकार एक तरफ राज्य में आक्सीजन की प्रार्याप्त मात्रा होने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ सरकार ने इसकी मांग बढ़ने व काला बाजारी को रोकने के लिए सख्त हिदायते जारी कर आक्सीजन बचाने के लिए टिप्स पर गौर करने व इसे सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में सख्ती से लागू करने के आदेश पिछले दिनों दिए थे। सरकार का ध्यान गैस की बर्बादी को रोकने पर है। आम तौर पर रिपोर्ट मिल रही थी कि सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लाटों व सप्लाई लाइनों में आए दिन फाल्ट व लीकेज के कारण भारी तादाद में आक्सीजन की बर्बादी हो रही है वही कई डाक्टरों को व उनके साथ जुड़े सहायकों को आक्सीजन देने संबंधी स्पष्ट हिदायते नहीं थी जिससे एक मरीज को जरूरत से ज्यादा आक्सीजन दी जा रही थी। ज्यादा आक्सीजन देने का नुकसान तो कई नहीं है लेकिन इसमें बर्बादी ज्यादा हो रही थी। सरकार का मानना है कि अगर गाइडलाइन को सख्ती से लागू करे जहां एक जिले में प्रतिदिन 300 सिलेंडर की खप्त है वह कम होकर दो सौ तक पहुंच सकती है व आक्सीजन की कमी के साथ काला बाजारी को रोका जा सकता है। फिलहाल राज्य सरकार ने विभिन्न स्थानों में आए दिन बढ़ रहे कोरोना पोजटिव केसों के चलते आक्सीजन की सप्लाई को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें जहां आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए हिदायते दी गई है वही दावा किया गया है कि राज्य में आक्सीजन सिलेंडरों की किसी तरह की कमी नहीं है बल्कि जिन स्थानों में बढ़ते मरीजों की ताताद के अनुसार जरूरत बढ़ती है तो तीन सदस्यों की कमेटी इस बाबत सप्लाई को दुरुस्त करने का काम करेगी। इस कमेटी में सरकारी मेडिकल कालेज पटियाला के डा. हरदीप बराड़, सरकारी मेडिकल कालेज फरीदकोट के डा. गुरकिरण कौर, सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर के गगनदीप कौर को शामिल किया गया है। इस कमेटी की तरफ से सबी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को आक्सीजन के इस्तेमाल को लेकर भी हिदायतें जारी की गई है। इन हिदायतों के तहत कोविड-19 के ऐसे मरीज जो कमरे की हवा पर 94 फीसदी से अधिक आक्सीजन हासिल कर रहा है तो उन्हें चिकित्सक की सलाह पर आक्सीजन देने की जरूरत नहीं बल्कि एंटीवाय़रल उपचार ही दिया जाए। वही जिन मरीजों का लेबल 90 से 94 के बीच कम व बढ़ रहा है तो उन्हें केवल पांच मिनट तक नाक से आक्सीजन दे तो आक्सीजन की 40 फीसदी एफआई02 की बचत की जा सकती है। आक्सीजन के प्रेसर में पांच एल प्रति मिनट के दौरान बढ़ोतरी नही करे। 90 फीसदी से कम वाले केस में नाक से आक्सीजन देते एफआईएल-2 को 60 फीसदी तक प्राप्त करने के लिए 6एल प्रति मिनट और प्रवाह दर 10 एल प्रति मिनट तक बढ़ाया जा सकता है। इस तरह  प्रवाह दर में वृद्धि 10एल प्रति मिनट तक न करे।  वेंचुरी मास्क का उपयोग न करें क्योंकि इसके लिए अधिक ऑक्सीजन प्रवाह दर की आवश्यकता होती है। फिलहाल कमेटी ने आक्सीजन की बर्बादी को रोकने के लिए इस्तेमाल नहीं करने पर रेगुलेटर से पूरी तरह बंद कर लाक करने, समय-समय पर आक्सीजन की पाइपों की जांच करवाने ताकि आक्सीजन की बर्बादी न हो सके जैसी हिदायतों की सख्ती से पालना करने के लिए कहा गया है.

इसके पीछे बड़ा कारण यह भी है कि विभिन्न शहर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर में रोजाना औसतन 120 से 150 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। वर्तमान में जिले के अंदर 4820 पॉजिटिव केस आ चुके हैं। इसमें 1115 एक्टिव केस है। इसमें 40 से 50 मरीज 65 साल से अधिक उम्र वाले मरीज आ रहे है, जिन्हें आक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ रही हैं। ऐसे में कोरोना के मरीज बढ़ने से शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में 50 फीसदी आक्सीजन सिलेंडरों की मांग बढ़ गई है। कोरोना काल में पॉजिटिव मिल रहे हैं और इस वायरस का असर फेफड़ों पर ही सबसे ज्यादा पड़ता है। लिहाजा सांस की तकलीफ होने पर ऑक्सीजन की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है। अब हालात ये हैं कि पहले जिले के विभिन्न अस्पतालों में हर रोज आक्सीजन की 100 सिलेंडर की खपत थी, जोकि अब बढ़कर 300 तक पहुंच गई है। यह डिमांड पिछले दो माह में से बढ़ी है, चूकिं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ रही है। एक दम आक्सीजन की डिमांड बढ़ने से इसकी बिक्री करने वाले व्यापारियों के पास आर्डर की डिमांड बढ़ गई हैं, वहीं डिमांड अनुसार इसकी सप्लाई नहीं मिलने के कारण इसके रेटों में दोगुणा इजाफा हो गया हैं।


कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जाखड़ ने अकाली दल को कुर्बानी वाली पार्टी कहां तो सुखबीर बादल पर जमकर बरसे



-सुखबीर बादल ने संसद में किसानों की आवाज को दबाकर उनके पक्ष को किया कमजोर-सुनील जाखड़

-बठिंडा में हादसे में एक किसान की मौत व 50 लोगों के घायल होने पर हालचाल पूछने पहुंचे थे जाखड़ व मनप्रीत 

बठिंडा. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील कुमार जाखड़ ने बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व सांसद सुखबीर सिंह बादल पर हमला बोलते कहा कि उन्होंने केंद्र के सामने किसानों के मुद्दे को कमजोर किया व उनकी जायज मांगों से मुंह मोड़ा। वर्तमान में वह सांसद हरसिमरत कौर बादल को केबिनेट से त्यागपत्र देने की बात कर फिर से किसानों को गुमराह करने में लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सुखबीर बादल ने 15 सितंबर को कृषि आर्डिनेस बिल को राज्य सभा में पेश करते समय सोची समझी चाल के तहत सियासी ड्रामा किया। इसमें मिल के मसौदे से लेकर उसे सदन में रखने तक उशका समर्थन किया व जब बिल पास होने की बात आई तो विरोध कर किसानों को कहने लगे कि उन्होंने सदन व सरकार के सामने उनकी बात रखी। इस चाल को किसान व पंजाब के लोग अच्छी तरह से समझते हैं। सुनील जाखड़ बुधवार को बठिंडा में गत दिवस रात के समय हुए हादसे में मरे एक किसान के परिजनों को मेलने के साथ अस्पताल में उपचार करा रहे किसानों का हालचाल पूछने के लिए पहुंचे थे व इस दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। सुनील जाखड़ के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी हाजिर रहे। 



सुनील जाखड़ ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का इतिहास संघर्ष व कुर्बानी से भरा रहा है लेकिन वर्तमान में संगठन के अग्रणी कहलवाने वाले सुखबीर बादल इसके सिद्धांतों को भूलकर लोगों को गुमराह कर पंजाब के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं। पूरा पंजाब एक होकर केंद्र के खेती बिल का विरोध कर रहे हैं लेकिन सुखबीर बादल कह रहे हैं कि वह अभी इस मामले में विचार करेंगे कि वह बिल का विरोध करने वालों के साथ संघर्ष करेंगे या फिर अकेले ही लड़ेगे। इससे उनकी दोगुली नीति का भी पर्दाफाश होता है। अकाल तख्त साहिब में माथा टेककर आंदोलन की शुरूआत करने के मामले में सुनील जाखड़ ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा से ही अकाल तख्त की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। पहले मंत्री बनने पर अकाल तख्त में माथा टेकने की बात हरसिमरत कौर बादल ने की लेकिन वह अकाल तख्त से पहले मोदी के यहां माथा टेकने लगे वही बरगाड़ी काड में श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी पर माफी मांगने अकाल तख्त पर गए वहां भी गुप्त माफी मांगकर आ गए। उन्होंने कहा कि किसान बिल के विरोध को लेकर कांग्रेस का स्टेंड क्लीयर है व उनकी पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है व उनके हर संघर्ष में साथ देगी।  

गौरतलब है कि गत मंगलवार को रात बादल रोड पर गांव बादल से किसानों को लेकर मानसा के गांव किशनगढ़ जा रही एक बस रोड पर खड़े ट्राले से पीछे से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में बस में सवार एक किसान की मौत हो गई व 50 के करीब किसान घायल हो गए इसमें 15 गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हादसे में घायल किसानों को आसपास से गुजर रही गाड़ियों ने बठिंडा के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया। जहां से गंभीर हालत में किसानों को प्राइवेट अस्पताल में रैफर कर दिया गया। मृतक किसान की पहचान 60 साल के मुख्तियार सिंह वासी किशनगढ़ बरेटा जिला मानसा के तौर पर हुई है। कृषि ऑर्डिनेंस के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल में पिछले आठ दिनों से धरने पर बैठे किसानों का मंगलवार देर शाम धरना समाप्त कर दिया गया था और सभी किसान अपने-अपने संसाधनों के जरिए वापस लौट रहे थे। 50 किसानों से भरी एक प्राइवेट बस बादल रोड पर खड़े ट्राले से पीछे से टकरा गई। घटना में बस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई जबकि बस में आगे सवार 15 के करीब किसान जख्मी हो गए जिनको तुरंत सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। डीएसपी (ग्रामीण) दविंदर सिंह ने बताया बादल रोड पर दो ट्राले सड़क के बीच खड़े थे, वही गांव बादल से आ रही किसानों से भरी बस अचानक एक ट्राले से पीछे से टकरा गई जिससे यह हादसा हुआ।

पुलिस मामले की जांच कर रही है। घायल किसानों की पहचान काका सिंह निवासी किशनगढ़ मानसा, निर्मल सिंह निवासी गांव किशनगढ़, वजीर सिंह निवासी किशनगढ़, मौजा सिंह निवासी किशनगढ़, जेठू दास वासी किशनगढ़, मौदा सिंह बांसी किशनगढ़, धर्म सिंह बांसी किशनगढ़, निर्मल सिंह वासी किशनगढ़, अमरजीत सिंह निवासी किशनगढ़, बलविंदर सिंह निवासी किशनगढ़ बूटा सिंह वासी किशनगढ़ जगजीत सिंह वासी किशनगढ़ बलकार सिंह वासी किशनगढ़ जिला मानसा के तौर पर हुई है।

 घायल किसानों का वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील कुमार जाखड़ ने हालचाल पूछा वही सेहत विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों को हिदायते दी कि वह घायल किसानों को हर तरह की मेडिकल सुविदा प्रदान करे। इस मौके पर डीसी बी श्रीनिवासन, एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क भी हाजिर रहे। 



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