Tuesday, March 23, 2021

बठिंडा में करोड़ों रुपयों की वसूली के लिए लोगों की कटेगी जेब, पड़ेगा पिछले बकाये का भी बोझ - होनी है 15 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली, इकट्ठा हुये सिर्फ 44.27 लाख रूपए

 


-डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज को लेकर आर.टी.आई. में मिली सूचना

 बठिंडा. बठिंडा नगर निगम के अधीन आने वाले लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने जा रहा है नगर निगम की तरफ से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम किया जा रहा है इसमें यूजर चार्ज के तौर पर अधिक्तर लोगों से पिछले दो साल से फीस वसूल नहीं की जा सकी है। इस बाबत अब नगर निगम करीब 12 करोड़ से अधिक राशि की वसूली के लिए मुहिम शुरू करने जा रहा है। इसमें निगम की माने तो राशि बढ़कर 15 करोड़ तक पहुंच सकती है क्योंकि नगर निगम ने अभी तक मात्र 44.27 लाख रुपए की ही वसूली की है जबकि निगम क्षेत्र में स्थित घर, दुकान व बड़े संस्थानों के हिसाब से राशि 15 करोड़ से अधिक की बनती है। निगम से आर.टी.आई. में मिली सूचना के अनुसार 01 फरबरी 2019 से 18 फरबरी 2021 तक निगम के पास डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज सिर्फ 44.27 लाख रूपये इकट्ठा हु हैं


पिछले 2 सालों से निगम ने बठिंडा के घरेलू यूनिटों, कमर्शियल यूनिटों, हस्पतालों, स्कूलों, मिठाई की दुकानों (ए.सी., नॉन ए.सी.), ढाबों (ए.सी., नॉन ए.सी.), मैरिज पैलेसों, होटलों, शिक्षण संस्थानों, पेइंग गेस्टों, यूनिवर्सिटीयों, प्राइवेट कॉलेजों, पेट्रोल पंप, बैंकों और वित्तीय संस्थानों, फैक्टरियों, मल्टीकाप्लेक्सों, सिनेमों, रेहड़ियों, खोखों, सर्विस स्टेशनों, शॉपिंग मालों, व अन्य दुकानों से नियमित रूप से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज की वसूली नहीं की है जिसके कारण अब लोगों को पिछले सालों की बकाया रकम अदा करने का बोझ पड़ेगा

जानकारी अनुसार शहर में लगभग 65000 घरेलू यूनिटों के 30/- रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूले जाते हैं तो एक महीने का 1950000/-रूपये प्रति महीना बनता है।वही लगभग 16000 कमर्शियल यूनिटों के 100/- रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से एक महीने का सोलह लाख रूप प्रति महीना बनता है। घरेलू यूनिटों और कमर्शियल यूनिटों का मिला कर प्रति महीना 3550000/- और पिछले 2 सालों में रकम आठ करोड़ 52 लाख रूपये बनती है। इसमें हस्पतालों, स्कूलों, मिठाई की दुकानों (ए.सी., नॉन ए.सी.), ढाबों (ए.सी., नॉन ए.सी.), मैरिज पैलेसों, होटलों, शिक्षण संस्थानों, पेइंग गेस्टों, यूनिवर्सिटीयों, प्राइवेट कॉलेजों , पेट्रोल पम्पों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों,फैक्टरियों, मल्टीप्लेक्सों, सिनेमों, रेहड़ियों, खोखों, सर्विस स्टेशनों, शॉपिंग मालों, अन्या शिक्षणिक संस्थानों, शराब की दुकानों आदि जो हैं वो अलग से है।   निगम से जब डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज की वसूली ग रकम के संबंध में आर.टी.आई. के माध्यमं से डिटेल मांगी जाती है तो निगम की हेल्थ शाखा के जन सूचना अफसर के द्वारा जिस रूप में सूचना मांगी ग है उस रूप में उपलब्ध नहीं है लिखकर दे दिया जाता है। निगम द्वारा समय-समय पर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज की वसूली नहीं करने का खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ेगा।

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के जो यूजर चार्जेज हैं निगम हाउस की तरफ से पारित किए जाते हैं। यह चार्ज इस प्रकार से हैं।   

  • -घरेलू यूनिट 1 वर्ग गज से 60 वर्ग गज तक के घरों से  20/- रूपये प्रति महीना
  • -61 वर्ग गज से 180 वर्ग गज तक के घरों से 30/- रूपये प्रति महीना
  • -181 वर्ग गज से ज्यादा के घरों से 50/- रूपये प्रति महीना
  • -दुकान 100 वर्ग फुट तक से 50/- रूपये प्रति महीना
  • -दुकान 101 से 200 वर्ग फुट तक से 100/- रूपये प्रति महीना
  • -दुकान 201 से 300 वर्ग फुट तक से 150/- रूपये प्रति महीना
  • -दुकान 301 से 500 वर्ग फुट तक से 200/- रूपये प्रति महीना
  • -दुकान 501 से 1000 वर्ग फुट तक से 250/- रूपये प्रति महीना
  • -दुकान 1000 वर्ग फुट से ऊपर से 500/- रूपये प्रति महीना
  • -पेट्रोल पम्प से 500/- रूपये प्रति महीना
  • -बैंकों और वित्तीय संस्थान से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -मिठाई की दुकान (ए.सी.) से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -मिठाई की दुकान (नॉन ए.सी.) से 500/- रूपये प्रति महीना
  • -ढाबा (ए.सी.) से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -ढाबा (नॉन ए.सी.) से 500/- रूपये प्रति महीना
  • -पेइंग गेस्ट से 30/- रूपये प्रति महीना (प्रति कमरा)
  • -यूनिवर्सिटी से 5000/- रूपये प्रति महीना
  • -होटल 10 कमरों तक से 500/- रूपये प्रति महीना
  • -होटल 11 से 20 कमरों तक से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -होटल 21 से ज्यादा कमरों वालों से 2000/- रूपये प्रति महीना
  • -बैंक्वेट हाल और रेस्टोरेंट से 1500/- रूपये प्रति महीना
  • -हस्पताल (सिर्फ नान मेडिकल वेस्ट) 15 बेड तक से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -हस्पताल (सिर्फ नान मेडिकल वेस्ट) 16 से 30 बेड तक से 2000/- रूपये प्रति महीना
  • -हस्पताल (सिर्फ नान मेडिकल वेस्ट) 30 से 50 बेड तक से 5000/- रूपये प्रति महीना
  • -हस्पताल (सिर्फ नान मेडिकल वेस्ट) 50 बेड से ज़्यादा से 10000/- रूपये प्रति महीना
  • -प्राइवेट स्कूल 1/- रुपया प्रति बच्चा प्रति महीना
  • -फैक्ट्री से 50 पैसे प्रति वर्ग गज प्रति महीना
  • -शॉपिंग माल 200/- रूपये प्रति महीना (प्रति दुकान)
  • -मल्टीप्लेक्स/सिनेमा 1000/- रूपये प्रति महीना (प्रति स्क्रीन)
  • -रेहड़ी/खोखा 30/- रूपये प्रति महीना
  • -सर्विस स्टेशन से 150/- रूपये प्रति महीना
  • -मैरिज पैलेस 500 वर्ग गज तक से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -मैरिज पैलेस 501 से 1000 वर्ग गज तक से 2000/- रूपये प्रति महीना
  • -मैरिज पैलेस 1001 वर्ग गज से ज्यादा से 3000/- रूपये प्रति महीना
  • -प्राइवेट कॉलेज से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -अन्या शिक्षणिक संस्थानों से 1000/- रूपये प्रति महीना
  • -शराब की दुकानों से 300/- रूपये प्रति महीना

इस संबंध में संजीव गोयल, आर.टी.आई. एक्टिविस्ट सचिव ग्राहक जागो का कहना है कि कोई भी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज जो नगर निगम बठिंडा द्वारा पारित किये हुये हैं उन रेटों से ज्यादा रेट न दें अगर कोई तय रेट से ज्यादा की मांग करता है तो तुंरत उसकी शिकायत करें और जो भी रकम/राशि दी जाती है उसकी रसीद अवश्य लें।


 

सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तब्दील करने के लिए शुरू किया गया अभियान अध्यापकों को लिए बना सिरदर्द


-एलइडी प्रोजेक्ट के तहत हर स्कूल को 11 हजार रुपये में 48 इंच की एलईडी खरीदने के आदेश

बठिडा. शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तब्दील करने के लिए शुरू किया गया अभियान अध्यापकों को लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। कभी दानी सज्जनों के सहयोग से स्कूल में सुविधाओं का प्रबंध करना, तो कभी अपने स्तर पर स्कूल की समस्याओं को दूर करना है। अब शिक्षा विभाग ने एक नया फरमान जारी कर दिया है, जिसमें सरकार ने एलइडी प्रोजेक्ट के तहत हर स्कूल को 11 हजार रुपये में 48 इंच की एलईडी खरीदने के आदेश दिए हैं। इसके लिए जिले 276 सरकारी हाई सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को 30,36,398 और प्राइमरी स्कूलों को 54,78,000 रुपये का फंड भी जारी किया जा चुका है, लेकिन टीचर परेशान हैं कि 11 हजार रुपये में सरकार के तय मापदंडों पर एलईडी कैसे खरीदें।

अध्यापकों को कहना है कि 11 हजार रुपये में 48 इंच की एलईडी नहीं आती। यहां तक कि 11 हजार रुपये में 40 से 45 इंच की एलईडी भी नहीं आती। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग में अध्यापकों में रोष देखने को मिल रहा है। अध्यापकों द्वारा इस संबंध में शिक्षा विभाग को लिख कर भेज दिया गया है कि 11 हजार में हम एलईडी नहीं खरीद सकते, जबकि शिक्षा विभाग के एक पत्र के मुताबिक सरकारी स्कूल केवल 11 हजार की राशि में 48 इंच की स्मार्ट एलईडी खरीदेंगे। इसकी खरीद संबंधी तय किए गए मापदंड का सख्ती से पालन करने की हिदायत भी की गई है, जबकि सच यह है कि निर्धारित बात पर खरी उतरने वाली एलईडी इस राशि में मिलनी संभव ही नहीं है। साथ ही कहा गया है कि मापदंड के मुताबिक एलईडी नहीं मिलती है तो स्कूल अपने स्तर पर इसका प्रबंध करें। इस कारण अध्यापकों व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के लिए यह मानसिक परेशानी बनती जा रही है। शिक्षा विभाग आधी अधुरी ग्रांट जारी कर इसका भार स्कूल मैनेजमेंट कमेटी व अध्यापकों पर डाल रहा है। पहले ही खुद के खर्च से स्कूल चला रहे अध्यापक

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा स्मार्ट स्कूल बनाने की पालिसी अध्यापकों को थोपी जा रही है। स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट चलाया तो जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही जो फंड जारी किया जाता है, उसमें पंजाब सरकार सिर्फ 40 प्रतिशत ही डालती है। बाकि का 60 प्रतिशत स्कूलों में अध्यापकों द्वारा डाला जाता है। इस बार फिर शिक्षा विभाग ने एलईडी प्रोजेक्ट के तहत 11 हजार रुपये जारी तो कर दिए, लेकिन सरकारी स्कूलों में बाकी के पैसे अध्यापकों को भरने पड़ेंगे। पहले ही सरकारी स्कूलों को अध्यापक खुद के खर्चे से चला रहे हैं। इसके अलावा बिजली के बिल भी कई स्कूलों में अध्यापक ही भर रहे हैं। अब शिक्षा विभाग स्मार्ट स्कूल का पूरा भार अध्यापकों को थौंप रही है।

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यह ग्रांट सरकार द्वारा दी गई है। अगर कुछ शिक्षक यह एलईडी नहीं खरीद सकते, तो वह पैसे वापस दे सकते हैं। यह शिक्षा विभाग का फैसला है। ग्रांट भी शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई है। हर स्कूल को 11 हजार रुपये में ही एलइडी खरीदनी पड़ेगी। अगर फिर भी मुश्किल हैं, तो वह दानी सज्जनों के सहयोग से कार्य कर सकते हैं।

- इकबाल सिंह बुट्टर, उपजिला शिक्षा अधिकारी

सीए की परीक्षा में बठिडा के व्यवसायी संदीप गोयल और पहली बार पार्षद बनीं रमन गोयल के बेटे आशीष गोयल को राष्ट्रीय स्तर पर छठा रैंक

 


बठिडा: हिम्मत और लगन के साथ की गई मेहनत से कोई भी इंसान अपना मुकाम हासिल कर सकता है। बठिडा के व्यवसायी संदीप गोयल और पहली बार पार्षद बनीं रमन गोयल के बेटे आशीष गोयल ने अपनी मेहनत के बलबूते पर ऐसा ही कर दिखाया है। बीते जनवरी में इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की ओर से ली गई परीक्षा में आशीष गोयल ने राष्ट्रीय स्तर पर छठा रैंक हासिल किया है। इस परीक्षा का परिणाम बीते रविवार को घोषित हुआ है। उन्होंने कुल 800 अंकों में से 568 अंक हासिल किए। आशीष अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी परिश्रम के अलावा अपने दादा-दादी, माता-पिता और ताऊ-ताई के आशीर्वाद को देते हैं। आशीष ने बताया कि इससे पहले हुए सीए के इंटर टेस्ट में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पांचवां रैंक हासिल किया था। एलकेजी से लेकर प्लस टू तक टापर आशीष के पिता संदीप गोयल व माता रमन गोयल ने बताया कि आशीष अपनी एलकेजी की पढ़ाई से लेकर प्लस टू तक की हर क्लास में हमेशा टापर ही रहा है। उसने स्थानीय सेंट जेवियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से एलकेजी से प्लस टू की शिक्षा हासिल की है। प्लस टू कामर्स में उसने 97.5 फीसद अंक लेकर जिले में पहला स्थान हासिल किया था। इसके बाद उसने नई दिल्ली के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से बीकाम शिक्षा हासिल की। इस उपरांत उसने गुरुग्राम स्थित ईवाई कंपनी में तीन वर्षीय सीए की ट्रेनिग शुरू की, जो अभी चल रही है। वह अपने बेटे की इस सफलता से बेहद खुश हैं। उन्हें बेटे पर गर्व है।

अब यूपीएसई की तैयारी में जुटेंगे आशीष

आशीष गोयल ने बताया, हालांकि मेरा शुरू से सपना चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना ही रहा है, लेकिन इसके बावजूद मै यूपीएसई की भी तैयारी करूंगा। मेरी सीए की ट्रेनिग खत्म होने के साथ ही मै यूपीएसई की तैयारी में जुट जाऊंगा। मुझे पूरी उम्मीद थी कि चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में मेरा अच्छा रैंक आएगा।

 

बठिंडा की मौड़ मंडी में भाकियू ने एक्सईएन दफ्तर के समक्ष धरना लगाकर पावरकाम अधिकारियों का घेराव किया।


मौड़ मंडी:
पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन डिवीजन मौड़ के अधिकारियों की ओर से की जा रही मनमानियों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर ने सोमवार को मौड़ में एक्सईएन दफ्तर के समक्ष धरना लगाकर पावरकाम अधिकारियों का घेराव किया।

जिला सीनियर उपप्रधान योद्धा सिंह नगला, तलवंडी साबो के ब्लाक प्रधान महमा सिंह, रेशम सिंह यात्री, अमरजीत सिंह सिद्धू आदि ने कहा कि वह बार-बार खेती मोटरों की सप्लाई तथा घरेलू खपतकारों की समस्याओं संबंधी अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, परंतु किसानों की समस्याओं का कोई हल नहीं किया जा रहा। पावरकाम अधिकारियों ने अगर किसानों की समस्याओं का हल नहीं किया तो संगठन की तरफ से संघर्ष को और तेज किया जाएगा। किसान नेताओं ने एपी सप्लाई रोजाना 10 घंटे देने, हाड़ी की फसल की कटाई के दौरान एक अप्रैल से बंद की जा रही बिजली सप्लाई को नरमा क्षेत्र में अगली फसल की बिजाई तक चालू रखा रखने आदि की मांग की। यहां देवेंद्र सिंह सरां, मुख्त्यार सिंह कुब्बे, बलविदर सिंह जोधपुर पाखरं, तरसेम सिंह यात्री आदि भी मौजूद थे। 

शराब, लाहन व प्रतिबंधित गोलियों के साथ तीन गिरफ्तार 

मौड़। जिला पुलिस ने लाहन, शराब व प्रतिबंधित गोलियों के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। थाना मौड़ पुलिस के हवलदार राम सिंह के मुताबिक उन्हें सूचना मिली कि गांव घुम्मन कलां निवासी बलविदर सिंह शराब तस्कारी का काम करता है। सूचना के आधार पर छापामारी कर आरोपित को 40 लीटर लाहन समेत गिरफ्तार कर लिया। वहीं थाना संगत के एएसआइ गुरमेज सिंह ने भी गुप्त सूचना के आधार पर गांव गहरी बुट्टर निवासी राम सिंह को 18 बोतल शराब व 20 बोतल बीयर समेत गिरफ्तार किया। इसके अलावा थाना नंदगढ़ के एएसआइ जसविदर सिंह ने गश्त के दौरान गांव घुद्दा से गांव नहियांवाला निवासी राजिदर सिंह को 7500 नशीली गोलियों समेत गिरफ्तार किया है।

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