कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के लाभपुर ब्लॉक में आदिवासी युवती को अन्य जाति के युवक के साथ प्रेम संबंधों पर अमानवीय सजा दी गई। पंचायत प्रमुख के कथित आदेश पर युवती के साथ 13 लोगों ने गैंगरेप किया, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मंगलवार रात हुई इस घटना के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। राज्यपाल एमके नारायणन का कहना है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। घटना ने पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ जिले की महिला मुख्तारन बीबी के साथ हुए हादसे की याद दिला दी। वर्ष 2002 में पंचायत के निर्णय पर उनके साथ गैंगरेप किया गया था।
बंगाल सरकार ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस को जल्द जांच के आदेश दिए हैं। राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने गुरुवार को बताया कि मैंने पुलिस अधीक्षक, पीड़िता, अस्पताल अधीक्षक से बुधवार की रात को बातचीत की और गुरुवार सुबह पीड़िता से मिलने गई।
यदि युवती व उनके परिजन चाहें तो वापस अपने घर लौट सकते हैं। उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। यदि वे घर वापस नहीं लौटना चाहते तो हमने उनके लिए एक सुरक्षित घर भी तलाश कर लिया है। मंगलवार को वारदात के बाद युवती के परिजनों ने लाभपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि उनकी जाति के ही लोगों ने युवती के प्रेम संबंधों से नाराज होकर सजा के तौर पर गैंगरेप किया है।
सभी दोषियों को मिले शारीरिक दंड : राज्यपाल
आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप की निंदा करते हुए प्रदेश के राज्यपाल एमके नारायणन ने गुरुवार को कहा कि आरोपियों को शारीरिक दंड दिया जाना चाहिए। 20 वर्षीया आदिवासी युवती की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। दोषियों ने जघन्य अपराध किया है, उन्हें शारीरिक दंड मिलना चाहिए।
राज्य महिला आयोग ने दिया जांच का निर्देश
सामूहिक दुष्कर्म कांड को लेकर पश्चिम बंगाल महिला आयोग ने गुरुवार को जांच का निर्देश दिया है। आयोग की अध्यक्ष सुनंदा मुखर्जी ने कहा कि हमने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। हम इसका पूरा ध्यान रखेंगे कि दुष्कर्म करने का आदेश देने वाले सहित सभी दुष्कर्मियों को सख्त सजा मिले।
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