बठिडा : इंकम टैक्स विभाग की ओर से की जा रही रेड के खिलाफ आढ़तियों की तरफ से 25 दिसंबर तक चार दिवसीय की गई हड़ताल के बाद शनिवार को मंडियां खुली। हड़ताल के बाद शनिवार को नरमे की सरकारी एजेंसी की तरफ से कोई खरीद नहीं की गई, लेकिन प्राइवेट द्वारा 5634 क्विंटल नरमे की खरीद हुई, लेकिन हड़ताल से एक दिन पहले 17,140 क्विंटल नरमे की फसल की सीसीआई ने खरीद की थी। वहीं हड़ताल खत्म होने के बाद मंडियों में अपनी लेकर बैठे किसानों की परेशानी कम हुई है। वहीं आढ़तियों की हड़ताल के कारण खरीद का काम जोकि प्रभावित हो रहा था, वह अब दोबारा शुरू हो जाएगा।
पांच दिनों की हड़ताल के कारण मंडी में आढ़तियों से नरमे की बोली नहीं लगाई थी, जबकि जिले की मंडियों में हर रोज एवरेज 25 हजार क्विटल नरमे की खरीद होती है। जो अब प्रभावित होगी तो 25 के बाद जैसे ही शनिवार को हड़ताल खुली, तो मंडियों में नरमे की फसल भी एकदम से आने लगी। जिले की मंडियों में अभी तक 7,93,933 क्विटल नरमे की खरीद हो चुकी है। जिसमें से 6,00,573 क्विटल की खरीद सीसीआई ने की है तो 1,93,360 क्विंटल नरमे की खरीद प्राइवेट की गई है। जबकि खरीद की गई कुल नरमे की फसल में से 1,62,912 क्विंटल को एमएसपी से कम रेट से खरीदा गया है। हालांकि इस बार नरमे की फसल का एमएसपी 5725 रुपये तय किया गया है। इस साल 1.60 लाख हेक्टेयर में नरमे की बिजाई की गई है, जिसके चलते 10 लाख क्विटल से ज्यादा की पैदावार होने की उम्मीद है। इसके चलते अभी मंडियों में तीन लाख क्विंटल से ज्यादा नरमे की फसल ओर आने की संभावना है। जबकि गत वर्ष जिले में कुल 9,58,009 क्विटल की खरीद की गई थी, जिसमें सीसीआइ ने 3,66,863 क्विंटल तो प्राइवेट 5,91,146 क्विंटल खरीद हुई थी। इसमें से 5,47,269 क्विटल की खरीद एमएसपी से कम रेट से की गई है। हालांकि पिछले साल नरमे की फसल का कम से कम रेट 4200 व ज्यादा से ज्यादा रेट 5450 रुपये दिया गया था।
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