ट्रायल सफल रहने के बाद अब शहर के 1500 घरों में इस्तेमाल हो रही पीएनजी गैस
बठिंडा के निवासियों को जल्द ही गैस सिलेंडर की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। न ही सिलेंडर की बुकिंग और न ही सप्लाई के लिए इंतजार करना होगा। शहर के अधिकांश इलाकों के लिए सर्वे मुकम्मल हो चुका है, नगर निगम से गैस पाइपलाइन डालने का मंजूरी लेकर काम जोर-शोर से चल रहा है जिससे उम्मीद
है कि आगामी 8 महीने तक शहर के तमाम इलाकों में हरेक घर तक गैस पाइपलाइन उपलब्ध होगी। फिलहाल शहर के 1500 से ज्यादा घरों को गैस पाइपलाइन का लाभ मिल रहा है। गेल इंडिया लिमिटेड की ओर से गैस पाइपलाइन सेवा शुरू कर दी गई है।
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट के तहत बठिंडा में काम कर रही जीएसपीएल (गुजरात स्टेट पेट्रो नेट लिमिटेड) की शहर के एक चौथाई हिस्से में गैस पाइप लाइन बिछा दी गई जबकि लोगों की मांग पर गैस कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं। नगर निगम की हिदायतों के अनुसार जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिव राडार सिस्टम) का काम शुरू किया गया है, जिसके साथ देखा जा रहा है कि कहां पर सीवरेज की लाइन है और कहां पर पानी की लाइन। आदर्श नगर से शुरू हुए प्रोजेक्ट के तहत शहर में प्रवेश करते हुए माता जीवी नगर, हजूरा कपूरा कॉलोनी, बैंक कॉलोनी, सुच्चा सिंह नगर, बल्लाराम नगर, गुरु गोबिंद सिंह नगर, माहेश्वरी कॉलोनी, माॅडल टाउन फेज 1 के अलावा नई बसी कॉलोनी ग्रीन सिटी, मॉडल टाउन फेज 4-5 व पार्क पनोरमा में भी गैस पाइप लाइन बिछा दी गई है।
वहीं पश्चिम दिशा की ओर से मुल्तानिया पुल डीडी मित्तल टावर तक पाइप लाइन बिछाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी कवायद शुरू हो गई है, गोनियाना की तरफ भी पाइप लाइन बिछाने का काम जोरों पर है। हरेक छोटी-बड़ी गली में पाइप लाइन बिछाने के साथ ही घरों में गैस कनेक्शन का प्रावधान रखा जा रहा है, डिमांड के साथ ही घर की रसोई में कनेक्शन दिया जाएगा।
रुपये 25 प्रति मीटर क्यूब के हिसाब से चुकाना होगा बिल
उपभोक्ता को पाइपलाइन से घर में दी जाने वाली नेचुरल गैस में ट्रांसपोर्टेशन तथा फिलिंग का काम खत्म होने के बाद सिलेंडर में लिक्विड पैट्रोलियम गैस (एलपीजी) के मुकाबले पाइप्ड नेचुरल गैस लगभग 20 प्रतिशत यानी लगभग 200 रुपए तक सस्ती पड़ेगी। पाइपलाइन पर लगाए मीटर से खपत की रीडिंग के आधार पर 25 रुपये प्रति मीटर क्यूब के हिसाब से मासिक बिल उपभोक्ता को चुकाना होगा और सिलेंडर में गैस कम होने की शिकायत नहीं रहेगी। सबसे बड़ी राहत यह है कि गैस खत्म होने का झंझट नहीं रहेगा, जितना प्रयोग किया, बिल जमा किया जाएगा। वहीं सिलेंडर से अधिक सुरक्षा पीएनजी में हैं। सिलेंडर फटने पर अधिक नुकसान होता है। पीएनजी में आग लगने की संभावना न के बराबर है। रेग्युलेटर से अधिक सुरक्षित वाल्व सिलेंडर में गैस प्रवाह को रोकने के लिए रेग्युलेटर का प्रयोग होता है। जबकि पीएनजी गैस पाइपलाइन में सुरक्षा के लिए तीन वाल्व लगे हैं, जहां से बंद किया जा सकता है।
सीएनजी स्टेशन से हो रही गैस की सप्लाई
पेट्रोलियम व नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड ने गुजरात स्टेट पेट्रो नेट लिमिटेड (जीएसपीएल) को पाइपलाइन बिछाने का जिम्मा सौंपा है। पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) सप्लाई करने के लिए केंद्र सरकार के सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट के तहत रेडक्रास से मेन रोड पर 1 लाख 80 हजार रुपए प्रति वर्ष लीज पर ली गई जगह पर सीएनजी स्टेशन स्थापित किया गया है। सीएनजी स्टेशन से पाइपलाइन के जरिए गैस की सप्लाई दी जा रही है।
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