चंडीगढ़। पंजाब में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुटी हुई हैं। समझा जा रहा था कि ये चुनाव फरवरी में होंगे, लेकिन अब इस पर संदेह पैदा होने लगे हैं। पंजाब कांग्रेस में फरवरी में चुनाव करवाने को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। कांग्रेस के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े हुए विधायक अभी चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है। वहीं, कुछेक विधायकों के व्यक्तिगत कारण भी है। भले ही कांग्रेस ने टिकटों के आवेदन के लिए अंतिम तारीख 15 जनवरी निर्धारित की हो लेकिन अभी भी पार्टी पर चुनाव को कुछ और दिन टालने का दबाव पड़ रहा है।
किसी का किसान आंदोलन को लेकर तो कुछ का व्यक्तिगत कारण
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है, भले ही चुनाव करवाने को लेकर कुछेक लोगों की अलग राय हो लेकिन अंतिम फैसला तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही लेना है। कांग्रेस ने अपना प्रोसेस शुरू कर दिया है। वहीं, पार्टी विधायकों की यह भी राय है कि किसान आंदोलन चल रहा है। भारी संख्या में किसान दिल्ली के बार्डर पर बैठे है। ऐसे में चुनाव करवाने का उचित समय नहीं है। वहीं, कई ऐसे भी विधायक है जोकि व्यक्तिगत कारणों से चुनाव को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
कुछ लोगों की राय अलग हो सकती है, फैसला तो मुख्यमंत्री ने लेना है: जाखड़
स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस द्वारा गठित की गई प्रदेश कमेटी के सदस्य व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राज कुमार वेरका का कहना है, चुनाव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। व्यक्तिगत रूप से अलग राय रखना अलग बात है। लेकिन संवैधानिक स्थिति को देखते हुए ऐसा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि निकाय चुनाव लंबे समय से लंबित है। ऐसे में व्यक्तिगत राय मायने नहीं रखती है।
बता दें कि स्थानीय निकाय विभाग ने राज्य चुनाव कमीशन को 13 फरवरी तक चुनाव करवाने के लिए कह दिया है। हालांकि पंजाब सरकार की तरफ से अभी चुनाव करवाने को लेकर हरी झंडी नहीं दी गई है। सरकार की मंजूरी के बाद ही राज्य चुनाव कमीशन चुनाव की तारीख तय करेगा। वहीं, जिस प्रकार से चुनाव को लंबित करने का दबाव बन रहा है।
इससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अधिकतम 15 से 20 दिन के लिए ही इसे लंबित कर सकती है। क्योंकि इससे ज्यादा समय के लिए चुनाव को लंबित करने के लिए सरकार को कानून का सहारा लेना होगा। इससे सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। वहीं, सरकार किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए 13 फरवरी के बाद ही चुनाव करवाने के हक में है।
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