धनौला. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगभग 4 महीने से संघर्ष कर रहे हैं। नगर कौंसिल चुनाव पर भी इसका प्रभाव दिखेगा। यहां के लोगों ने घरों के आगे पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। इसमें उन्होंने लिखा है कि ‘किसान संघर्ष चल रहा है, कृपया कोई भी नेता वोट मांगने न आए। जब तक यह संघर्ष खत्म नहीं हो जाता वोट नहीं डालेंगे। इसकी शुरुआत धनौला नगर कौंसिल के अधीन पड़ते कई मोहल्लों में हो गई है। जो सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए चिंता का विषय है।
लोग बोले- नेताओं का पूर्ण तौर पर बायकॉट करेंगे
किसी किसान संगठन ने एलान नहीं किया है। लोगों ने अपने स्तर पर ये मुहिम शुरू की है। अपने घर के बाहर पोस्टर लगाने वाले धनौला निवासी रंजीत ढिल्लों ने कहा कि उनके एरिया में करीब 15-20 घरों में यह पोस्टर लग चुके हैं। पूरे जिले के विभिन्न घरों में यह पोस्टर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव का सीधा संबंध नेताओं और राजनीतिक पार्टियों से होता है। आज जो भी किसान की दुर्दशा है, इसके लिए हर एक राजनीतिक पार्टी बराबर की जिम्मेदार है। इसलिए वह चुनाव और राजनीतिक लोगों का पूर्ण तौर पर बायकाट करना चाहते हैं।
संघेडा में कोई भी पार्टी नहीं खड़ा कर रही अपना प्रत्याशी
नगर कौंसिल बरनाला के अधीन पड़ते क्षेत्र संघेड़ा के तीनों वार्डों में कोई भी पार्टी सिंबल पर प्रत्याशी नहीं लड़वाएगी। क्योंकि यहां के लोगों ने फैसला किया था कि किसी भी पार्टी के बड़े नेता को क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे। गुस्से को भांपते हुए शिअद, कांग्रेस, आप व भाजपा ने आजाद प्रत्याशियों को सपोर्ट करने का एलान किया है। भाकियू उगराहां के नेता जरनैल सिंह बदरा ने कहा कि यह कॉल खुद लोगों की है।
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