बठिंडा। सड़क हादसे में अपने पति को खो चुकी पीड़ित महिला द्वारा दायर एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए मोटर क्लेम एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) की कोर्ट ने पीड़ित को 2 करोड़ रुपए मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी को आदेश दिया है। बठिंडा निवासी विकास गोयल की 2018 में ट्रक से टक्कर में मौत हो गई थी। परिवार ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्लेम के लिए याचिका दायर की गई थी। दुर्घटना से संबंधित सभी प्रकार के सबूत व दस्तावेज, संबंधित वाहन की इंश्योरेंस पॉलिसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मृत्यु की स्थिति में व घायल होने का प्रमाणपत्र होने जरूरी होते हैं।
बीच सड़क में पार्क किया ट्रक बना था हादसे की वजह
19 मई 2018 को विकास गोयल निवासी चंदसर बस्ती बठिंडा जो गुड़गांव स्थित एक कंपनी में बतौर सीनियर मैनेजर काम करता था अपनी पत्नी अनु बांसल, छोटी बेटी अहाना तथा माता ऊषा रानी के साथ कार में गुड़गांव से नैनीताल जा रहा था। सुबह करीब 4 बजे जब उनकी गाड़ी उधम सिंह नगर जिले के गांव कोतवाली के पास पहुंची तो रास्ते में खड़ा ट्रक दिखाई नहीं दिया जिस कारण उसकी कार उक्त ट्रक के पीछे जा टकराई। हादसे में विकास गोयल तथा उसकी माता को गंभीर चोटें लगी तथा अस्पताल में उपचार दौरान 33 वर्षीय विकास गोयल की मौत हो गई।
हादसे के बाद 18 जून 2018 को स्थानीय पुलिस स्टेशन में मृतक के परिजनों के बयान पर एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद 17 अगस्त 2018 को मृतक की पत्नी अनु बांसल ने अपने वकील संजय गोयल के माध्यम से बठिंडा के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में मुआवजे के लिए केस दायर किया। एडवोकेट संजय गोयल ने बताया कि बीती 5 मार्च 2021 को ट्रिब्यूनल के जज मोहम्मद गुलजार की कोर्ट ने उक्त केस में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को मृतक विकास गोयल की पत्नी अनु बांसल को 1 करोड़ 68 लाख रुपए समेत ढाई साल का ब्याज रकम 2 करोड़ रुपए बनती है।
एक्सीडेंट में परिजन की मौत या विकलांग होने पर ऐसे पाएं मुआवजा
सड़क हादसे के मामलों की सुनवाई के लिए हर जिले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल बने हैं। पीड़ित पक्ष मुआवजे के लिए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटा सकता है। वहीं हिट एंड रन मामले में मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार ने सोलेशियम फंड बनाया है। सबसे पहले वाहन से दुर्घटना पर संबंधित थाने में रिपोर्ट करें। एफआईआर होने के 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में जमा करानी होती है।
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