बठिंडा। नशे की लत में डूबे नौजवानों को नई उम्मीद की किरण जगाने के लिए सरकार व प्रशासन पहलकदमी करने जा रहा है। इसके तहत नौजवानों को पहले नशे की गर्त से बाहर निकाला जाएगा व बाद में उन्हें रोजगार देने के लिए स्वलंबी बनाने का काम होगा। इसके लिए उनकी दिलचस्पी के आधार पर उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद सरकार की तरफ से चल रही योजनाओं में उन्हें अपना काम शुरू करवाने के लिए लोन दिलवाने की व्यवस्था भी होगी। सरकार की योजना है कि नशा ले रहे युवा जल्द समाज में लौटकर उसके उत्थान में अपना योगदान दे। हर जिले के अनुरूप सरकार ने सेहत विभाग व प्रशासन के सहयोग से ओट सेंटरों पर रजिस्टर्ड युवाओं की लिस्ट में प्रोफेशनल बनने की क्षमता रखते युवाओं की खोजकर करने के बाद काम के प्रति मोटीवेट किया जाना है जहां इसके लिए 50 अधिकारियों की डयूटी लगाई गई है जो इन युवाओं को मोटीवेट करने का काम करेंगे।
बठिंडा ओट सेंटरों में यह अधिकारी एक बार उनसे मीटिंग कर उनके विचार जानने के बाद इस ट्रेनिंग के लिए सकारात्मक रूख तलाश रहे हैं ताकि ऐसे युवाओं का चयन कर उन्हें प्रोफशनल ट्रेनिंग दी जा सके। वर्तमान में इन ओट सेंटरों पर करीब 25 हजार लोग रजिस्टर्ड हैं जिसमें यूथ की संख्या करीब 20 हजार है जो नशा छोड़ने का ट्रीटमेंट ले रहे हैं।
इंप्लायमेंट आफिस में भी मिलेगी वरीयता
^ राज्य सरकार की पंजाब स्किल डिवेनपमेंट प्लानिंग के तहत युवाओं को नशे से हटा उन्हें मोटीवेट करना है। इसके लिए अधिकारियों की टीम बकायदा अपना काम कर रही है। उन्हें इंप्लायमेंट आफिस में भी नौकरी में वरीयता देने जैसी कई चीजें हैं।
बी. श्रीनिवासन, डीसी, बठिंडा
अधिकारी करेंगे मोटीवेट ताकि समाज में दें योगदान
जिला बठिंडा में इस समय 7 ओट सेंटर पूरे जिले में चल रहे हैं जहां करीब 5 हजार के करीब युवा अपना इलाज करवाने को काफी समय से रजिस्टर्ड हैं तथा बकायदा सरकार के शैडयूल से ट्रीटमेंट ले रहे हैं। वर्तमान समय तक नशा छुड़वाने से अधिक की किसी भी तरह की सरकार की दूसरी योजना नहीं थी, लेकिन इस ट्रीटमेंट के पूरा करते ही अधिकांश युवा पुन नशे से जुड़े जाते जिससे प्रयास बेकार हो जाता, लेकिन अब सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज के दौरान ही उन्हें प्रोफेशपल स्किल देने की तैयारी की जाए जिसमें बकायदा अलग-अलग विभागों के विभिन्न रैंक के 50 अधिकारियों की डयूटी इस काम के लिए लगाई गई है।
यह अधिकारी अलग-अलग ओट सेंटर पर जाकर इन युवाओं से मुलाकात शुरू कर रहे हैं जिसमें उसमें से थोड़ी सी भी इच्छा जाहिर करने वाले युवाओं को अधिकारी मोटीवेट कर रहे हैं ताकि वह समाज में मुख्यधारा में वापस लौटे तथा इसके लिए उन्हें उत्साहित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसकी कमान डिप्टी कमिश्नर के पास है।
युवाओं से मिल जान रहे स्किल, इच्छा अनुरूप ट्रेनिंग
वर्तमान में 25 हजार के करीब लोग ओट सेंटर पर नशा छोड़ने को रजिस्टर्ड हैं तथा मेडिकल ट्रीटमेंट ले रहे हैं। युवाओं से मिलकर पहली बार में यह अधिकारी उनसे उनका हालचाल जानन के साथ उनके बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उनसे बेहतर तालमेल बिठाया जा सके। इस बातचीत के दौरान वह उन युवाओं से उनके स्किल व शौक को जानने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उनके शौक के अनुरूप उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जा सके। पंजाब स्किल डिवेलपमेंट के तहत उन्हें इलेक्ट्रिकल, एग्रीकल्चर, डेयरी, सर्विस सेक्टर आदि फील्ड में प्रोफेशनल ट्रेनिंग देकर समाज हित में जोड़ने की योजना है।
राज्य सरकार युवाओं को अवेयर कर उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहती है। उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग देना मुख्य टारगेट है ताकि वह युवा खुद उत्साहित होकर अपने जीवन-यापन हेतु कमा सके। इन युवाओं को इंप्लायमेंट ब्यूरों पर प्राथमिक लिस्ट में रखा जाएगा ताकि उन्हें बेहतरी नौकरी का अवसर मिल सके। वर्तमान मंे बठिंडा, रामपुरा फूल, भगता, विर्क कलां, तलवंडी साबो, रामां, सेंट्रल जेल में ओट सेंटर चल रहे हैं।
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