Punjab Ka Sach Newsporten/ NewsPaper: BATHINDA-प्राइवेट स्कूलों को खोलने की मांग को लेकर शहर में हजारों स्कूल कर्मियों का प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

Wednesday, March 31, 2021

BATHINDA-प्राइवेट स्कूलों को खोलने की मांग को लेकर शहर में हजारों स्कूल कर्मियों का प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

 


-स्कूल स्टाफ का तर्क जब बाजार, दुकाने खुल सकती है तो स्कूल बंद करने का क्या औचित्य  

बठिंडा. फैडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एंड एसोसिएशन आफ पंजाब की तरफ से निजि स्कूलों को जल्द खोलने की मांग को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन तेज होने लगा है। इस कड़ी में बुधवार को  निजी स्कूलों के संगठन की तरफ से शहर में हजारों लोगों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया।  निजी स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों, बस चालकों, कंडक्टरों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया व सरकार से स्कूलों को जल्द खोलने की मांग रखी। 


इस दौरान फेडरेशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार नीजि स्कूलों को एक योजना के तहत परेशान कर रही है व उन्हें बंद करने की साजिश कर रही है। पिछले साल कोरोना के चलते पूरा साल बंद रहे स्कूलों का आर्थिक ढांचा डगमगाने लगा है वही छात्रों की शिक्षा का भी नुकसान हो रहा है। वर्तमान में सेशन शुरू होने से पहले ही सरकार ने फिर से स्कूलों  बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। फेडरेशन के अध्यक्ष जगजीत सिंह धूरी के मार्गदर्शन में, फेडरेशन से जुड़े निजी स्कूलों और अन्य संघों के स्कूलों ने इसमें भाग लिया। पावर हाउस रोड से शुरू हुई यह रैली शहीद नंद सिंह चौक, हनुमान चौक, बस स्टैंड के पास से होकर गुजरी और मिनी सचिवालय होते हुए उपायुक्त, बठिंडा को मांग पत्र  सौंपने के बाद समाप्त हुई।

विरोध रैली में भाग लेने वाले छात्रों के माता-पिता, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी ने, "कोरोना एक बहाना है, असली और बहाना है" जैसे नारे लगाते हुए स्कूलों को जल्द से जल्द पूरे अनुशासन और संयम के साथ फिर से शुरू करने की मांग की। इस अवसर पर फैडरेशन के जिला प्रतिनिधि सुखचैन सिंह सिद्धू ने कहा कि अब सभी गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल रही हैं तो स्कूलों को बंद करने का क्या औचित्य है। स्कूलों के बंद होने से बच्चों की शिक्षा को बहुत नुकसान हो रहा है। पिछले साल स्कूल बंद होने के कारण, भले ही ऑनलाइन शिक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन इसके सार्थक परिणाम नहीं आए। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि कोरोना वायरस एक खतरनाक वायरस है लेकिन स्कूलों को बंद करना कोई समाधान नहीं है क्योंकि बच्चे लगातार बाजारों, खुशी के अवसरों, रिश्तेदारों के यहां आ-जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या गारंटी थी कि कुछ समय के लिए स्कूलों को बंद करने से वायरस ठीक हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार कोविड - 19 के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाकर स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देनी चाहिए क्योंकि शहरों में बाजार, दुकानें, माल, होटल सब कुछ शर्तों के साथ खुला है।

इस अवसर पर रैली को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता वीनू  गोयल ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। इस भविष्य की नींव लगातार रखी जा रही है। स्कूलों के बंद होने से छात्रों के मानसिक विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। कोविड के निर्देशों का पालन करते हुए, स्कूलों में प्रशासक छात्रों को बहुत ही कुशल तरीके से शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।

वार्षिक परीक्षाओं के ऐन मौके पर 20 मार्च से स्कूल बंद करवाने से खफा प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने इससे पहले मंगलवार को भी काली झंडियों के साथ रोष मार्च निकाला था। रेकोग्नाइज्ड एंड एफिलिएटेड स्कूल्स एसोसिएशन के बैनर तले एकत्र लगभग 40 स्कूलों के प्रबंधकों व स्टाफ सदस्यों ने हाथ में स्कूल बंद के नुकसान गिनाते और स्कूल खोलने की मांग लिखी तख्तियां उठाकर रोष प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के शिष्टमंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर 1 अप्रैल से स्कूल खोलने व बोर्ड परीक्षा करवाने के लिए आग्रह किया।

प्रधान गुरसेवक सिंह बराड़, महासचिव सर्बजीत सिंह व कोषाध्यक्ष चरणजीत शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण बढ़ने पर पहले 31 मार्च  व अब 10 अप्रैल तक स्कूल बंद किए गए लेकिन इन्हें खोलने संबंधी सरकार की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए। स्कूल प्रबंधकों ने तर्क दिया कि 10वीं व 12वीं बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा मुल्तवी होने की वजह से उनका भविष्य तबाह होने जा रहा है, अनेक विद्यार्थी जिन्होंने पैरा मिलेटरी अथवा मिलेटरी फोर्स की भर्ती के अलावा विदेशी शिक्षा के लिए आवेदन करना था, उनके सपने चकनाचूर हो गए हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि इम्तिहान कब तक होंगे।

वही दी स्कूल वैन एंड बस ऑपरेटर यूनियन की बैठक मंगलवार को रोज गार्डन में हुई जिसमें बड़ी संख्या में स्कूल वैन मालिक व ऑपरेटर ने शिरकत करके स्कूल वैन ऑपरेटरों की समस्या पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि 3 अप्रैल को बठिंडा में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। बैठक में गुरप्रीत सिंह हैप्पी, दविंदर पाल शर्मा, अशोक कुमार, मोहन लाल शर्मा, धन्ना सिंह, सुखविंदर सिंह, जोनी, बसंत सिंह आदि हाजिर रहे। अंत में, पीएएसए के प्रधानाचार्य जगदीश सिंह घई, मनीष अरोड़ा, नरिंदरपाल सिंह, शारदा चोपड़ा, सभी भाग लेने वाले छात्रों के माता-पिता, शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ और परिवहन कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

फोटो -शहर में स्कूल खोलने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते प्राइवेट स्कूल के स्टाफ, अबिभावक व अन्य।  

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