बठिंडा. गत दिवस दिल्ली पुलिस की तरफ से लाल किला हिंसा के आरोपी लक्खा सिधाना के चचेरे भाई गुरदीप सिंह को उठाकर ले जाने व उससे मारपीट करने के मामले में जिला पुलिस ने जांच शुरू की है। इस संबंध में रविवार को जिला पुलिस ने गुरदीप सिंह वासी सिधाना के महिराज गांव में बयान दर्ज करने के बाद जांच शुरू की है। वही जिला पुलिस ने कहा कि मामले में जांच के बाद अगर जरूरत पड़ती है तो वह लीगल एक्शन भी लेंगे। गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में चल रहे किसानों के संघर्ष के दौरान 26 जनवरी को लाल किले के पास हुए विवाद के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से नामजद किए गए लक्खा सिधाना के चाचा के लड़के गुरदीप सिंह को दिल्ली पुलिस ने पटियाला से हिरासत में लिया था। लक्खा का आरोप है कि उसके चाचा के लड़के को दिल्ली पुलिस ने अवैध तौर पर हिरासत में लेकर उसके साथ मारपीट की और उसे गंभीर अवस्था में अंबाला में छोड़कर चली गई। घायल गुरदीप को दाखिल करवाने के लिए खुद लक्खा और गांव के लोग सरकारी अस्पताल में देर रात 9:00 बजे पहुंचे थे। गांव के लोगों ने गुरदीप के साथ की गई मारपीट को लेकर जहां दिल्ली पुलिस के खिलाफ रोष जाहिर किया है वहीं केंद्र सरकार को भी जमकर कोसा है। लोगों ने कहा कि अगर दम है तो लक्खा सिधाना को गिरफ्तार करके दिखाए उनके रिश्तेदारों को टॉर्चर करके दिल्ली पुलिस क्या साबित करना चाहती है। वहीं लक्खा सिधाना का कहना है कि उसके चाचा का लड़का गुरदीप सिंह लॉ की पढ़ाई कर रहा है जो 8 अप्रैल को पटियाला में पेपर देने गया था वहां से उसे दिल्ली पुलिस हिरासत में लेकर चंडीगढ़ ले गई जहां मारपीट की गई और उसके बाद उसे अंबाला छोड़ दिया गया। लक्खा और गांव के लोगों ने बीते शनिवार देर रात गुरदीप को अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां जिला पुलिस ने गुरदीप सिंह के मामले में बयान दर्ज किए है। इसमें गुरदीप सिंह का कहना है कि उसका दिल्ली लाल किला हिंसा में किसी तरह का हाथ नहीं है बल्कि वह एक छात्र है।
कौन है लक्खा सिधाना
लक्खा सिधाना पर कई केस दर्ज थे और वो कई बार जेल की हवा भी खा चुका है. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उसने अपनी किस्मत भी आजमाई थी लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था. गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बने लक्खा सिधाना पर गणतंत्र दिवस के दिन किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हिंसा फैलाने का आरोप है.
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