बठिंडा. चेतक कोर ने गुरुवार को बठिंडा सैन्य स्टेशन में अपना 43वां स्थापना दिवस मनाया। चेतक कोर की स्थापना एक जुलाई 1979 को लेफ्टिनेंट जनरल एमएल तुली की कमान में बठिंडा में की गई थी । इसकी स्थापना के बाद से, चेतक कोर परिवर्तनों की एक श्रृंखला से हो कर अत्यधिक सामरिक और प्रशासनिक रूप से प्रभावी कोर के रूप में अपनी वर्तमान स्थिति तक पहुंचा है ।इस अवसर को पुण्यस्मरण करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार मागो, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, चेतक कोर ने युद्ध स्मारक ‘योद्धा यादगार’ में वीरगति को प्राप्त हुए वीरों की श्रद्धेय स्मृति में पुष्पचक्र अर्पित की, जिन्होंने हमारे महान राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इस क्षेत्र में लड़ी गईं विभिन्न लड़ाइयो में अपने प्राणों की आहुति दी।
इस अवसर पर बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में वृक्षारोपण अभियान को आगे बढ़ाते हुए चेतक कोर कमांडर व कोमल मागो, जोनल प्रेजिडेंट आवा की अगुवाही में 14000 पेड़ पौधे भी लगाए गए। युद्ध के बदलते प्रतिमान में नवीनतम वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना की तैयारिओं को मध्यनजर रखते हुए, चेतक कोर हमेशा दृढ़ रहता है और दक्ष सामरिक क्षमता, कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से अपनी परिचालन तैयारी को बढ़ाने पर केंद्रित होता है। इस अवसर पर, कोर कमांडर ने कोर के सभी रैंकों को अपने कर्तव्यों को परम समर्पण के साथ जारी रखने और सेना की सर्वोच परंपराओं को बनाए रखने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने सभी रैंकों से निस्वार्थ संकल्प और साहस के साथ भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्रिय रूप से तैयार रहने का आग्रह किया । साथ ही उनके बहुमूल्य योगदान के लिए भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों का धन्यवाद भी किया । उन्होंने आश्वासन दिया कि कोर हमेशा अपने भूतपूर्व सैनिकों और वीरनारियों की देखभाल करने और कोविड के इस कठिन समय में उनकी मदद करने का हर संभव प्रयास करता रहेगा ।
फोटो -चेतक कौर के स्थापना दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार मागो। फोटो-अशोक
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