-अपने हास्टल के कमरे में खत छोड़कर, अचानक चला गया घर, एम्स प्रबंधक बोले रैगिंग वाली कोई बात नहीं
-वही एम्स ने मामले की जांच के लिए गठित की टीम, एंटी रैगिंग कमेटी करेगी पूरे मामले की निगरानी
बठिंडा, 1 अप्रैल(जोशी). बठिंडा एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे एक विद्यार्थी ने अपने कुछ सीनियर साथियों पर रैगिंग करने का आरोप लगाते हुए बिना किसी को कुछ बताए लड़कों के हास्टल से कहीं चला गया। विद्यार्थी ने जाते हुए अपने हास्टल के कमरे में एक पत्र छोड़ा है, जिसमें किसी विद्यार्थी का नाम लिखे बिना उसकी रैगिंग करने और उसे मानसिक तौर पर परेशान करने के आरोप लगाए हैं। जबकि एम्स प्रबंधकों का कहना है कि रैगिंग जैसी कोई बात नहीं है। विद्यार्थी हास्टल में बिना किसी को कुछ बताएं अपने घर चला गया है। उसने एक पत्र जरूर छोड़ा है, लेकिन उसमें उसने किसी का नाम आदि कुछ नहीं लिखा है, लेकिन वह फिर उसके अचानक चले जाने के कारणों की जांच करेंगे। दरअसल, बठिंडा-डबवाली रोड पर स्थित एम्स बठिंडा में मेडिकल के फस्ट ईयर की पढ़ाई करने आया फाजिल्का जिले का रहने वाला सुखमनदीप सिंह नामक विद्यार्थी वीरवार को अचानक अपने हॉस्टल के कमरे से फरार हो गया। युवक कमरे में एक खत छोड़कर गया, जिसमें उसने सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग करने के आरोप लगाए हैं। वहीं मामला सामने आने पर एम्स के अधिकारियों ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार फाजिल्का जिले से संबंधित युवक एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वह पिछले एक माह से अपने हॉस्टल के सीनियर छात्रों द्वारा उसकी की जा रही रैगिंग से परेशान चला आ रहा था। सूत्र बताते हैं कि युवक वीरवार सुबह अचानक हॉस्टल के कमरे में एक खत छोड़कर फरार हो गया। युवक ने खत में लिखा कि वह रैगिंग से परेशान होकर उसने जहां से जाने का फैसला किया है। छात्र द्वारा लिखे पत्र की शुरुआत -आई सिरैंडर- शब्द लिख कर की है। इसके बाद उन्होंने लिखा कि हॉस्टल में जिंदगी नर्क बन चुकी है। सीनियर छात्रों की रैगिंग अब और सहन नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी जिंदगी जीने की आजादी है मैं भले कुछ भी पहनूं लेकिन मुझे टोपी पहनने से भी रोका जाता है।उन्होंने कहा कि एक महीने से वह मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहा है। लेकिन अब और नहीं झेला जाता।हॉस्टल व कॉलेज का वातावरण जेल की तरह बन चुका है। हम बंधुआ मजदूर की तरह महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सीनियर बहुत अच्छे हैं लेकिन कुछ ने परेशान कर रखा है। उन्होंने आगे लिखा कि पता नहीं मैं अब आगे क्या करूंगा,लेकिन अब यहां और नहीं ठहर सकता।
इस मामले के बारे में एम्स के डीन डाक्टर सतीश गुप्ता ने कहा कि युवक बिना बताए अपने घर पर गया है और वह सुरक्षित अपने घर पहुंच भी गया है। उसके कमरे से खत जरूर मिला है, लेकिन उसमें किसी का नाम नहीं लिखा और नहीं कोई कारण लिखा है। युवक किस कारण चला गया है, एम्स प्रशासन इसकी गहराई से जांच कर रहा है, लेकिन रैंगिग वाली कोई भी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एंटी रैगिंग टीम रूल के अनुसार समय-समय पर निगरानी करती है व इसमें छात्रों से भी बात की जाती है। इस दौरान उनके सामने ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया। एम्स एंटी रैगिंग के लिए तय सभी नियमों की सख्ती से पालना करना है। आरंभिक जांच में उनके सामने एक पहलू जरूर सामने आया है कि छात्र को कुछ लोग पहरावे को लेकर बात करते थे व उसे फारमल ड्रेस पहनने व पगड़ी पहनने के लिए कहते थे लेकिन इस बाबत कभी उस पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया था। वही डीसी विनीत कुमार ने बताया कि मामला बहुत गंभीर है। मामले की गहराई से जांच की जाएगी और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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