चंडीगढ़। School Fees: पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भले ही प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि पर रोक लगा दी हो, लेकिन इसे लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। सरकार को इसके लिए कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए अलग कमेटी बनाकर पंजाब सरकार को कानून बनाना होगा।
पूर्व शिक्षा मंत्री सिंगला बोले, हमने भी किया था फैसला, कोविड के कारण कानून नहीं बना सके
पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला का कहना है कि सरकार को इसके लिए कानून बनाना पड़ेगा, जिसे विधानसभा में पास करवाना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान कांग्रेस सरकार ने भी यह फैसला लिया था, लेकिन फीस रेगुलेशन एक्ट के तहत प्राइवेट स्कूलों को फीस में आठ प्रतिशत वृद्धि करने का प्रविधान है।
वहीं, 2016 में हाईकोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी के सदस्य रहे डा. प्यारा लाल गर्ग का कहना है कि सरकार को अपने फैसले की अधिसूचना जारी करनी पड़ेगी। अन्यथा, उसका हश्र भी कांग्रेस सरकार के आदेश की तरह ही होगा। 2021 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए थे कि वह कोविड पीरियड को देखते हुए स्कूल फीस में वृद्धि न करें। इसके बाद स्कूल प्रबंधन हाई कोर्ट चले गए थे।
उन्होंने बताया कि पंजाब रेगुलेशन आफ फीस आफ अनएडिड एजुकेशन इंस्टीट्यूशन बिल-2016 में कैप्टन सरकार ने 2019 में संशोधन किया था। इसके तहत स्कूलों को फीस में आठ प्रतिशत वृद्धि करने का अधिकार दिया गया था। इससे ज्यादा फीस वृद्धि करने पर स्कूल प्रबंधन को सरकार से इजाजत लेनी थी। 2019 में किए गए इस संशोधन के कारण हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को आठ प्रतिशत वृद्धि करने की मंजूरी दी थी।
डा. प्यारा लाल गर्ग का कहना है कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को फीस वृद्धि से रोक सकती है। इसके लिए सरकार को कमेटी बनानी होगी। यह कमेटी हाई कोर्ट के जज के अधीन बने तो अच्छा होगा, क्योंकि स्कूलों को एक प्लेटफार्म देना होगा, जहां पर वह दस्तावेज पेश कर सकें कि वह फीस क्यों बढ़ाना चाहते है।
वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला का कहना है कि सरकार को अगर प्राइवेट स्कूलों को फीस वृद्धि से रोकना है, तो कानून बनाना होगा। जहां तक वर्दी व किताबों की बात है तो कांग्रेस सरकार पहले ही यह कर चुकी है। हमारी सरकार के दौरान ही यह लागू हो गया था कि स्कूल अभिभावकों पर किसी खास दुकान या स्कूल से किताब या वर्दी खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकता है।
दिल्ली में आप ने लड़ी थी लंबी लड़ाई
प्राइवेट स्कूलों को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जो फैसला लिया है, दिल्ली में केजरीवाल सरकार पहले ही इसे लागू कर चुकी है। दिल्ली में भी कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के फीस वृद्धि पर रोक लगा दी थी। सरकार ने कई प्राइवेट स्कूलों के वित्तीय आडिट भी करवाए थे। इसके लिए आप सरकार को लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। पंजाब में भी आप सरकार उसी माडल को अपनाने जा रही है।
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