-विभिन्न राजनीतिक दलों ने वोटरों को लुभाने
के लिए 20 दिन लगाया जोर
-आज सुबह से डाले
जाएंगे वोट, सभी दलों ने पोलिंग बूथ तक
वोटरों को लाने के लिए बनाई योजना
बठिंडा. कांग्रेस का विपक्ष पर नगर निगम सदन में पांच साल में काम नहीं
करने व विपक्ष का कांग्रेस पर राज्य में सत्ता रहते चार साल में बड़ा प्रोजेक्ट
नहीं लाने के आरोपों वाला चुनाव प्रचार गत शुक्रवार की शाम 5 बजे खत्म हो गया। अब
चुनाव मैदान में मौजूद उम्मदीवारों की किस्मत का फैसला रविवार को होगा। चुनाव
प्रचार समाप्त होते ही अब सभी पार्टियां सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर मतदाताओं को
लुभाने की कोशिश में जुट गई है। इसमें कांग्रेस, अकाली दल, आप व भाजपा के साथ सोशल
मीडिया ग्रुप के उम्मीदवार शामिल है। कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान खुद वित्त
मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने संभाली वही अकाली दल का पूरा चुनाव कंपेन प्रधान सुखबीर
सिंह बादल के साथ पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला ने संभाला। आप के विधायक रुपिंदर
कौर रुबी ने दिल्ली की लीडरशीप को लेकर चुनाव मैदान में मोर्चा संभालते पहली बार
नगर निगम चुनाव लड़ रही आप की उपस्थिति दिखाई तो भाजपा चुनाव में कुछ खास करने में
नाकाम रही। पोस्टर फांडने की राजनीति के आरोप प्रतिरोप के सिवा भाजपा चुनाव प्रचार
में दूसरे दलों से पिछड़ती दिखाई दी। पार्टी के आला लीडर बठिंडा जरूर पहुंचे लेकिन
किसान आंदोलन के चलते हो रहे प्रदर्शन के बीच आम जनता के बीच जाने से कतराते रहे।
फिलहाल नगर निगम चुनावों में अकाली दल व कांग्रेस अपने स्तर पर मेयर बनाने का दावा कर रहे हैं तो आप साइलेंट वोटर के उनके पक्ष में पड़ने की बात कर चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की बात कर रहे हैं। इन तमाम हालात में पिछले 20 से 25 दिनों के चुनाव प्रचार में कांग्रेस ऐसी पार्टी रही जिसने सबसे पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर उन्हें चुनाव दंगल में उतारा।
इसमें वार्ड नंबर 24 से कांग्रेस के उम्मीदवार श्याम लाल जैन, वार्ड नंबर एक से पीपीसीसी सचिव टहल सिंह सिद्धू की पत्नी मंजीत कौर सिधू, कांग्रेस के पूर्व शहरी जिला प्रधान अशोक कुमार प्रधान, वार्ड नंबर 30 से बलजिंदर ठेकेदार, वार्ड नंबर 21 से संतोष कुमारी महंत, वार्ड नंबर 16 से बलराज सिंह पक्का, वार्ड नंबर 31 से कांग्रेस के प्रदेश सचिव पवन मानी की पत्नी प्रवीण गर्ग. वार्ड नंबर 5 से सोनिया बांसल पत्नी सुनील बांसल ने चुनाव प्रचार में तेजी करते दूसरे दलों के लिए परेशानी खड़ी करने का काम किया। वर्तमान में कांग्रेस के सभी आला लीडरों जिसमें मनप्रीत सिंह बादल, जयजीत सिंह जौहल, अरुण कुमार बधावन जैसे लीडरों ने भी इन उम्मीदवारों के पक्ष में पूरा जोर लगा दिया। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल स्वयं कहते हैं कि निगम चुनावों में लोगों का समर्थन उनके लिए काफी अहम रहा। चुनाव में कांग्रेस की झंडा बुलंद होगा व उनका मेयर निगम में बनने जा रहा है।
वही अकाली दल में वार्ड नंबर 4 से संजीव कुमार, वार्ड नंबर 5 से सर्वजीत कौर बराड़, वार्ड नंबर 20 से मक्खन सिंह, वार्ड नंबर 21 से अमरजीत कौर टोनी, वार्ड नंबर 42 से बंत सिंह सिद्धू, वार्ड नंबर 47 से आरती निधानिया, वार्ड नंबर 39 से अंजना रानी ने चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर देने का काम किया। पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला का कहना है कि इन चुनावों के परिणाम एतिहासिक होंगे व उनका मेयर निगम में फिर से बनेगा।
वही आम आदमी पार्टी ने भी विभिन्न वार्डों में मजबूती से अकाली दल व कांग्रेस उम्मीदवारों को परेशान करने का काम किया। आप के वार्ड नंबर 42 से उम्मीदवार सुखचरण सिंह बराड़ की चुनावी सभाओं में पूरा जोर लगाने का काम किया जिससे वह दूसरे दलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। डा. सुखचरन सिंह बराड़ कहते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरन उन्होंने वोटरों के बीच जाकर अपनी बात रखी व उन्हें बेहतर शासन देने की बात की। उन्हें उम्मीद है कि वोटर उनकी बात को समझने के साथ उनके पक्ष में मतदान करेगा।
भारतीय जनता पार्टी इन चुनावों में स्थानीय लीडरशीप के दम पर चुनाव मैदान में रही। आला प्रदेश स्तर के लीडर चुनाव प्रचार के लिए आना चाहते थे वह बठिंडा पहुंचे भी लेकिन हर बार किसान आंदोलन के चलते होने वाले विरोध के बीच वह वर्करों व पदाधिकारियों से बैठक कर वापिस चले गए। वही भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां, आशुतोष तिवारी सरीखे नेता मैदान में उतरे व उन्होंने भाजपा को संजीवनी देने का प्रयास किया। इसके चलते कई वार्डो मे भाजपा टक्कर देने में सफल रही।
शनिवार को पूरा दिन
उम्मीदवार समर्थकों के साथ बैठके कर 14 फरवरी को होने वाले मतदान की तैयारी में
जुटे रहे। इसमें विरोधी दलों को पड़ने वाली वोट से लेकर मतदान के लिए वोटरों को
घरों से बाहर आने की अपील करने जैसी योजनाओं पर देर सांय तक मंथन होता रहा। वही बूथ
स्तर पर वर्कर की ड्यूटी लगाने, वोटर कम्युनिकेशन पर ज्यादा जोर रहा। इस दौरान फिलहाल
सभी दलों के उम्मीदवार अपने स्तर पर चुनाव जीतने के लिए जोर लगाते रहे। वही अब
रविवार 14 फरवरी को मतदान होने जा रहा है इस स्थिति में उक्त सभी दलों की तरफ से
लोगों से किये वायदों का कितना असर वोटर पर पड़ता है इसका पता 17 फरवरी को घोषित
होने वाले चुनाव परिणाम में ही पता चल सकेगा।