रविवार, 3 जनवरी 2021

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ गुस्सा:भाजपा वर्कर्स की बैठक लेने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा को मोगा में दिखाए काले झंडे, संगरूर में बैरिकेड तोड़े



मोगा/संगरूर। कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ किसान संगठनों और विरोधी राजनैतिक दलों का प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा। रविवार को पंजाब के दो बड़े शहरों मोगा और संगरूर में किसान भाजपा नेताओं को घेरने के लिए पहुंच गए। हालांकि मोगा में हल्का हो-हल्ला हुआ, लेकिन संगरूर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। यहां प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया है। यह अलग बात है कि पुलिस ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की। दूसरी ओर भाजपा के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इसके पीछे कांग्रेस की साजिश को जिम्मेदार बताया है।

दरअसल, रविवार को अश्वनी शर्मा संगरूर में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे। हालांकि शर्मा के पहुंचने से पहले ही पुलिस ने जिला प्रधान के आवास की तरफ जाते मुख्य रास्ते को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया और GGS स्कूल के पास काफी फोर्स तैनात कर दी, लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर पहुंचे किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ फेंके। इस बीच पुलिस बल और किसानों के बीच हल्की सी धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन पुलिस ने किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया।

मोगा में भाजपा के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर के बाहर पार्टी विरोधी नारे लगाते किसान।
मोगा में भाजपा के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर के बाहर पार्टी विरोधी नारे लगाते किसान।

दूसरी ओर इससे पहले मोगा में भी पंजाब भाजपा अध्यक्ष को विरोध का सामना करना पड़ा। सुबह लगभग पौने 11 बजे उस वक्त अश्वनी शर्मा पार्टी के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर पहुंचे, जब किसान वहां धरना शुरू कर रहे थे। अश्वनी शर्मा के तेवर को देखते हुए विनय शर्मा के घर को जाने वाले उस रास्ते को पुलिस ने खोल दिया, जो 90 दिन से रोज सुबह 11 बजे के बाद बंद कर देती थी। धरना दे रहे किसानों को लोहे की बाड़ लगाकर उन्हें एक दायरे में सीमित कर दिया, वहां से ही वो भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाकर नारेबाजी करते रहे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। कुछ समय बाद प्रदर्शनकारी भी लौट गए।

भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस की साजिश: शर्मा

इन दोनों घटनाओं को लेकर अश्वनी शर्मा ने कहा है कि किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस जो साजिश का खेल कर रही है, भाजपा अब उसे और बर्दाश्त नहीं करेगी। वह पंजाब में भविष्य की भाजपा का संकेत भी दे गए। एक सवाल के जबाव में अश्वनी शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान पारिवारिक परिस्थितियों के चलते 92 भाजपा नेता पार्टी से अलग हो गए हैं। हालांकि वो किसी दूसरे दल में शामिल नहीं हुए हैं। साथ ही सूबे में 3200 सेवानिवृत्त IAS, IPS जज भाजपा से जुड़े भी हैं।

हैवानियत की हदें पार:6 साल की बच्ची को चीज दिलाने के बहाने ले गया पड़ोसी युवक, रेप के बाद की गला घोंटकर हत्या, गन्ने के खेत में मिला शव

 


  • जालंधर जिले के होशियारपुर रोड पर स्थित गांव हजारा का है मामला, पड़ोस के 25 वर्षीय संतोष पर है आरोप

जालंधर में रविवार को 6 साल की एक बच्ची के साथ रेप करने और उसके बाद उसकी हत्या कर दिए जाने की घटना सामने आई है। बच्ची का शव खेत से मिला है, जिसकी गला घोंटकर जान ली गई है। पता चला है कि बच्ची को पड़ोस का ही एक युवक चीज दिलाने के बहाने लेकर गया था। मृतक बच्ची के माता-पिता के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज किया है, जो अभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है।

मामला जालंधर जिले के होशियारपुर रोड पर स्थित गांव हजारा का है। यहां खेत में एक बच्ची का शव मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे DSP आदमपुर हरेंद्र सिंह मान और SHO पतारा रछपाल सिंह सिद्धू ने बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाते हुए आगे की जांच-पड़ताल शुरू की। प्राथमिक जांच के मुताबिक 6 साल की इस बच्ची के साथ की रेप के बाद हत्या की गई है।

पुलिस को दी शिकायत में प्रवासी मजदूर ने बताया कि बच्ची शनिवार देर शाम को अचानक लापता हो गई थी। तलाशने की कोशिशों के बीच आज रामा मंडी के निकट गांव जौहल-बोलीना में गन्ने के खेत में वह मृत पड़ी मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोस में रहने वाला करीब 25 वर्षीय संतोष उसकी 6 साल की बच्ची को चीज दिलाने का लालच देकर ले गया था। बाद में बच्ची के साथ रेप किया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस के मुताबिक बच्ची के माता-पिता ने शिकायत में कहा है कि पड़ोस में रहने वाला संतोष उसकी 6 साल की बच्ची को चीज दिलाने का लालच देकर ले गया था। बाद में बच्ची के साथ रेप किया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

DSP हरेंद्र सिंह मान का कहना है कि गन्ने के खेत से मृत मिली बच्ची की पड़ोस के ही संतोष नामक युवक पर रेप के बाद हत्या का मामला सामने आया है। बच्ची के माता-पिता के बयान पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस की अलग-अलग टीमें रेड कर रही हैं। साथ ही मृतक बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है।

56.58 लाख लागत से तैयार नई मोर्चरी उद्घाटन से पहले ही होने लगी जर्जर, घटिया समाग्री लगाने से बैठने लगा फर्श

 


-दो माह पहले ही तैयार की गई थी इमारत, मंत्री का समय मिलने के इंतजार में नहीं हो रहा था उद्घाटन 

बठिंडा. सेहत विभाग की तरफ से 56.58 लाख रुपए खर्च कर सिविल अस्पताल में नई मोर्चरी को बने अभी दो माह का समय भी नहीं हुआ था कि इसकी इमारत जर्जर होना शुरू हो गई है। घटिया समाग्री का इस्तेमाल कर बनाई गई इमारत का फर्श नीचे बैठने लगा है लगी पत्थर भी टूटने लगा है। तीन करोड़ से अधिक की लागत से सिविल अस्पताल के नवीनीकरण की योजना एक साल पहले शुरू की गई ती व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने तीस साल से लंबित योजना को शुरू करवाया था। हालांकि अस्पताल में 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है लेकिन इमारतों को बनाने के लिए लगाया गया मेट्रियल घटिया लगाने की शिकायत लंबे समय से की जा रही थी। मामले मं तत्कालीन सिविल सर्जन व अधिकारियों ने शिकायतों को नजरअंदाज करके रखा जिसका खामियजा अब देखने को मिल रही है। इससे पहले करीब एक दशक पहले भी सिविल अस्पताल में नए वार्डों का निर्माण किया गयाथा जो घटिया समाग्री के कारण कुछ माह में खस्ता खालत में चले गए। इसमें वार्ड में लगी टाइले अब टूटकर गायब हो चुकी है तो छत्तों में रेता व बजरी गिरना शुरू हो गया था। यही स्थिति अब फिर से पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।

ठेकेदार की तरफ से नई मोर्चरी का निर्माण कर सेहत विभाग के अधिकारियों को हैंडओवर कर दी है, लेकिन विभाग के अधिकारी अभी इसे शुरू करवाने की योजना बना रहे थे कि इमारत का फर्श जिसमें पत्थर लगाया गया था लेबल सही नहीं होने व घटिया सामान के कारण टूटना शुरू हो गया है। फर्श डालने से पहले प्रयाप्त मात्रा में लेबल बनाने के लिए बजरी नहीं डाली गई जिससे जमीन नीचे की तरफ धसनी शुरू हो गई व लगाए फर्श के पत्थर डगमगाने लगे हैं व थोड़ा से दबाव पड़ते ही टूटने लगे हैं। फिलहाल अस्पताल के डाक्टर पुरानी मोर्चरी में लाशों को पोस्टमार्टम कर रहे है, जबकि इमारत पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है, जोकि कभी किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। शायद अस्पताल प्रबंधक उसी हादसे का इंतजार कर रहे है।वर्तमान में सिविल अस्पताल की पुरानी मोर्चरी को बने हुए तीस साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। मोर्चरी की इमारत की हालत पूरी तरह खस्ता हो चुकी है। लंबे समय से रिपेयर नहीं होने के कारण मोर्चरी अंदर से ही नहीं बल्कि बाहर से भी पूरी तरह से असुरक्षित है और दीवारें गिरने की कगार पर है और डाक्टरों को भी पोस्टमार्टम करने में परेशानी होती हैं। करीब तीन साल स्थानीय अधिकारियों ने पुरानी मोर्चरी को तोड़कर नई इमारत बन चुकी है। सेहत विभाग की ओर से करीब मार्चरी के लिए नए फ्रिजर भेजे दिए गए, जिनकी कीमत लाखों में है। परंतु मार्चरी की खस्ताहालत की ओर सेहत विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा।

फिलहाल सेहत विभाग के अधिकारी नई मर्चरी में तबदील होने के बारे में अभी सोच रहे थे कि इमारत में खस्ता साजों सामान को लेकर उठे विवाद के बाद योजना फिर से अधर में लटग गई है। सेहत विभाग नई बनी सभी इमारतों का उद्घाटन एक ही समय में करवाने को प्राथमिकता दे रहा है जिसके लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं जबकि पूरे अस्पताल का काम पूरा होने में अभी दो माह तक का समय लगेगा जिसके चलते नई मर्चरी में काम करने में समय लग सकता है।


बठिंडा में रविवार को महिला समेत दो कोरोना पाजिटिव मरीजों की मौत, तीन दिन में चार कोरोना मरीजों की मौत





बठिंडा। जनवरी माह में बेशक कोरोना पाजिटिव मरीज कम मिल रहे है, लेकिन कोरोना के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रहा है। पूर्व दो दिनों में लगातार दो मरीज कोरोना के कारण दम तोड़ चुके है, वहीं रविवार को भी एक साथ दो काेरोना पाजिटिव मरीजों की मौत हो गई। पूर्व तीन दिनों में चार कोरोना मरीजों की मौत होना सेहत विभाग के लिए चिंता का कारण है। वहीं रविवार को जिन कोरोना मरीजों की मौत हुई है। उनमें एक महिला की उत्र 75 साल है, तो दूसरे व्यक्ति की उम्र 70 साल है। 60 साल से अधिक उम्र वाले ही कोरोना के कारण मरीज दम तोड़ रहे है।


आदेश अस्पताल में दाखिल गिदड़बाहा निवासी कोरोना पाजिटिव 75 वर्षीय महिला की रविवार को मौत हो गई। वह गत 24 दिसंबर को कोरोना पाजिटिव हुई थी। इसके बाद अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, लेकिन 3 जनवरी को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इसी तरह मौड़ मंडी के गांव कोटली खुर्द के रहने वाले 70 वर्षीय व्यक्ति की भी कोरोना के कारण मौत हो गई। मृतक की गत 24 दिसंबर को कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद गुरू गोविंद सिंह मेडिकल कालेज फरीदकोट में दाखिल करवाया था, लेकिन 3 जनवरी को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर सहारा जन सेवा की लाइफ सेविंग ब्रिगेड टीम के सदस्य राजिंदर कुमार, गौतम गोयल, संदीप गिल ने परिजनों की उपस्थिति में दोनों मृतकों के शव का अंतिम संस्कार किया।

Bathinda-शहर में दो जगहों पर झपटमारों ने एक महिला से पर्स, तो एक युवती से मोबाइल फोन छीना





बठिंडा. शहर में झपटमार का कहर बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को शहर के विभिन्न दो जगहों पर झपटमारों ने एक महिला से पर्स, तो एक युवती से मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। दिनदिहाड़े हुई दोनों वारदातों के बाद शहरवासियों में खौफ है, जबकि पुलिस का दावा है कि उनके पास उक्त वारदातों के बारे में कोई जानकारी नहीं पहुंची, जबकि पीड़ित लोगों द्वारा उक्त वारदातों की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम पर दी है। पहली वारदात शहर के कीकर बाजार में हुई। मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात युवक एक महिला का पर्स झपटकर फरार हो गए। हालांकि, महिला व उसके परिजन झपटमार के पीछे भागे भी, लेकिन वह फरार होने में सफल रहे, जबकि बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे में झपटमारों की फुटेज भी चेक की गई। इसी तरह दूसरी वारदात अजीत रोड की गली नंबर 17 में स्थित पार्क के पास हुई। सड़क किनारे खड़ी एक युवती अपने मोबाइल फोन पर बात कर रही थी। इस दौरान पीछे से मोटरसाइकिल पर सवार होकर आएं दो अज्ञात झपटमार युवती का मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। युवती ने शोर भी मचाया, लेकिन झपटमार भगाने में सफल रहे। जिसके बाद मामले की जानकारी एक राहगीर द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में दी गई, लेकिन काफी देर तक पुलिस का कोई भी कर्मी मौके पर नहीं पहुंचाया था। 


Bathinda नगर निगम चुनाव- कांग्रेस पार्टी ने चुनावी मैदान में 10 और उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट जारी की


-सभी दलों को मात दे अब तक 36 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे

-सीनियर कांग्रेसी नेता और डायरेक्टर कोआपरेटिव बैंक टहल सिंह संधू की पत्नी मनजीत कौर को वार्ड नंबर एक से दी टिकट

बठिंडा . बठिंडा नगर निगम चुनाव के लिए बेशक अभी चुनाव आयोग ने किसी तरह की तिथि की घोषणा नहीं की है लेकिन इससे पहले कांग्रेस ने सभी दलों को मात देते चुनाव मैदान में अब तक 36 उम्मीदवारों को उतार दिया है। 50 वार्डों वाली नगर निगम में अब सिर्फ 14 वार्डों में कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा करनी है जबकि दूसरे नंबर पर अकाली दल चल रहा है जिसने अब तक 23 उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाजपा व आम आदमी पार्टी ने अभी तक कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है। मतदान के लिए कांग्रेस पार्टी ने वीरवार को अपने उम्मीदवारों की पाँचवी सूची जारी कर दी है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ़्तर की तरफ से जारी की इस सूची अनुसार कांग्रेस पार्टी की तरफ से सीनियर कांग्रेसी नेता और डायरेक्टर कोआपरेटिव बैंक  बठिंडा स. टहल सिंह संधू की पत्नी मनजीत कौर संधू को वार्ड नं. 1 से चुनाव मैदान में उतारा है। वही वार्ड नं. 5 से सोनीं बांसल पत्नी सुनील बांसल, वार्ड नं. 11 से गुरिन्दर कौर पत्नी कंवलजीत सिंह भंगू,  वार्ड नं. 13 से दीपा शर्मा पत्नी अजय शर्मा,  वार्ड नं. 15 से मनजीत कौर पत्नी टहल सिंह बुट्टर, वार्ड नं. 18 से बिक्रम क्रांति,  वार्ड नं.27 से पूर्व काऊंसलर राज गोयल की पत्नी उषा गोयल, वार्ड नं. 45 से साधु सिंह की बहन और राम फूल की पत्नी राज रानी, वार्ड नं. 44 से इन्द्रजीत सिंह पुत्र जगजीत सिंह और वार्ड नं. 43 से पूर्व काऊंसलर प्रदीप गोयल(गोला) की पत्नी अनीता गोयल को चुनाव मैदान में उतारा गया है। 



अब तक बठिंडा नगर निगम के 50 वार्डों में से कांग्रेस पार्टी 36 उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। ज़िक्रयोग्य है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पिछले कई दिनों से शहर के अलग -अलग वार्डों में मीटिंगें कर रहे हैं और चुनाव के लिए कांग्रेसी उम्मीदवारों को लोगों की स्वीकृति मिल रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बाकी रहते वार्डों के उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के वर्करों में इन मतदान को ले कर भारी उत्साह पाया रहा है जिससे साफ़ है कि कांग्रेस पार्टी नगर निगम मतदान में शानदार जीत दर्ज करके बठिंडा में अपना मेयर बनाएगी।











फोटो - बठिंडा में विभिन्न वार्डों में उम्मीदवारों की घोषणा करने से पहले जनतक बैठकों को संबोधित करते मनप्रीत सिंह बादल। वही कांग्रेस की तरफ से घोषित किए गए उम्मीदवार। 


रखनी होगी सावधानी क्योंकि मौसम के बदलाव में स्वाइन फ्लू का संक्रमण बढ़ने की आशंका बढ़ी, सेहत विभाग ने भी किया सचेत



बठिडा : मौसम में हो रहे बदलाव के कारण स्वाइन फ्लू का संक्रमण बढ़ने की भी आशंका है। ऐसे में स्वाइन फ्लू व कोरोना का एक साथ संक्रमण हो सकता है। वैसे भी फ्लू व कोरोना के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं। डेंगू के साथ कोरोना के संक्रमण के कुछ मामले पहले ही आ चुके हैं। इसके मद्देनजर सेहत विभाग पंजाब ने लोगों को सचेत किया है कि कोरोना के साथ इन दिनों फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्क्रब टाइफस सहित कई तरह की बीमारियों का संक्रमण हो सकता है। लिहाजा, बचाव, जांच व इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है।

दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के साथ दूसरी बीमारियों के संक्रमण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जिन पर अमल कराने के लिए सेहत विभाग ने सभी अस्पतालों व जिला प्रशासन को कहा है। सर्दी के मौसम में फ्लू का संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। अस्पतालों में फ्लू के मामले आ भी रहे हैं। फ्लू से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है। इसलिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों व जोखिम वाले लोगों को फ्लू का टीका लगवाने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह, अस्थमा सहित पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी गई है। क्योंकि, फ्लू के साथ कोरोना का संक्रमण होने पर बीमारी गंभीर हो सकती है। फ्लू का टीका हर साल लेना होता है।

ये दोनों ही घातक बीमारियां हैं जो तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। खासकर, इस ठंड के मौसम में वायरस और एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग को एच1-एन1 वायरस के अटैक का अंदेशा है। सेहत विभाग को अब कोरोना और डेंगू महामारी के साथ-साथ स्वाइन फ्लू को लेकर भी विभाग सतर्क हो गया है। विभाग की तरफ से इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए टीमों का गठन किया गया है। कोरोना और स्वाइन फ्लू के एक तरह से लक्षण हैं, इसलिए विभाग की तरफ से दोनों महामारी की जांच को लेकर सैंपलिग से लेकर जांच आदि का प्रबंध किया गया हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षणों को लेकर लैब में अलग से रिपोर्ट बनाई जाती है।

खांसी, जुकाम, गले में दर्द के मरीज बढे़

एमडी मेडिसिन डा. हरिदर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू दोनों ही फ्लू की बीमारी से संबंधित है इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए कोरोना मरीजों में एच1-एन1 वायरस भी फैल सकता है। पर, अच्छी बात यह कि स्वाइन फ्लू से बचाव की दवा उपलब्ध है। अभी कोरोना से बचाव की वैक्सीन का इंतजार है। दोनों ही संक्रमण से बचाने में मास्क, भीड़ एवं संक्रमित से दूरी और हाथों को धोते रहना बचा सकता है। अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों करीब 700 से अधिक मरीज इलाज व चेकअप करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें से 30 प्रतिशत लोग खांसी, बुखार, जुकाम, गले में दर्द व चमड़ी के रोग से ग्रस्त हैं। इससे यह साबित होता है कि बढ़ती ठंड ने लोगों की समस्या को भी बढ़ा दिया है। यह हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

सर्दी-खांसी, बुखार, नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, थकान, पेटदर्द, कभी-कभी दस्त उल्टी आना। कोरोना महामारी से जारी लड़ाई में स्वाइन फ्लू को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। कोरोना ग्रस्त गंभीर मरीजों को स्वाइन फ्लू टेस्ट भी करवाना चाहिए। आमजन से अपील है कि जिस तरह कोरोना से बचाव के उपाय अपना रहे हैं, वहीं सबकुछ स्वाइन फ्लू से बचाएगा। इसलिए सतर्क रहें। भीड़ वाले इलाकों में न जाएं लोग

विभाग पूरी तरह से सतर्क है : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन तेजवंत सिंह ढिल्लों ने बताया कि कोरोना महामारी के साथ-साथ स्वाइन फ्लू को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है। कोरोना और स्वाइन फ्लू के एक जैसे लक्षण हैं, इसलिए विभाग पहले से ही महामारी को लेकर सतर्क है। आइसोलेशन वार्ड अस्पताल में बनाया गया है। मास्क लगाने और हाथों की अच्छी तरह से सफाई रखने, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।


नौ माह से बंद हं बीकानेर की ट्रेन, बठिडा में कैंसर मरीजों की दोगुना हुई ओपीडी


 

बठिडा : कोरोना वायरस के कारण मार्च महीने में लगाए गए लाकडाउन के बाद देश के कैंसर अस्पतालों में चेकअप करवाने के लिए जाने वाले बठिडा के मरीज अब एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट में अपना चेकअप करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसका सबसे मुख्य कारण है कि लाकडाउन के बाद से अभी तक बठिडा से बीकानेर के लिए कैंसर ट्रेन के नाम से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन भी बंद है।

यह ट्रेन रात को बठिडा से बीकानेर के लिए रवाना होती थी। इस ट्रेन में तीस फीसद के करीब तो अकेले कैंसर मरीज ही सफर करते थे, जो बीकानेर के आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर में ओपीडी व चेकअप के लिए जाते थे। मगर अब ट्रेन न चल पाने के कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। जिसके चलते अब लोग बठिडा के अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। हालात तो यह हैं कि बठिडा के अस्पताल में बठिडा, मानसा, मुक्तसर, फिरोजपुर, फरीदकोट, फाजिल्का, संगरूर, बरनाला आदि जिलों के अलावा हरियाणा से भी कैंसर के मरीज दवा लेने के लिए आते हैं। अगर कैंसर अस्पताल के आंकड़ों की बात की जाए तो यहां पर 2020 में अभी तक 30 हजार के करीब मरीजों ने अपना इलाज करवाया है। जबकि इससे पहले 2018 में 15 हजार तो 2019 में 18 हजार मरीजों की ओपीडी हुई थी। वहीं रेडियालाजी की बात की जाए तो 2020 में यहां पर 12 हजार के करीब लोगों का इलाज किया गया है। इससे पहले 2018 में मात्र 506 व 2019 में मात्र 481 लोगों की रेडियोलाजी हुई थी। इसके अलावा अस्पताल में 2020 में 9600 लोगों की कीमोथेरेपी व 750 लोगों की सर्जरी हुई है।

200 मरीजों की रोजाना हो रही है ओपीडी

बठिडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट में इस समय 200 मरीजों की रोजाना ओपीडी हो रही है। हालांकि पहले भी यहां पर इतने मरीजों की ही ओपीडी थी, मगर अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस समय सिर्फ उन्हीं मरीजों को यहां पर बुलाया जा रहा है, जिनको ज्यादा जरूरत है। जबकि जिन मरीजों की इतनी जरूरत नहीं है, उनको एक महीने की एडवांस में दवाई दे दी गई है। इसके अलावा अस्पताल में इस समय 35 से 40 मरीजों की ओपीडी भी हो रही है। जहां पर 11 डाक्टर इस समय मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं 35 के करीब ऐसे मरीज चेकअप करवाने के लिए आ रहे हैं, जिनको सुबह के समय अस्पताल में दाखिल किया जाता है और शाम के समय छुट्टी दे दी जाती है। इन मरीजों की अस्पताल प्रबंधन की ओर से रेडियोथेरेपी की जा रही है। दूसरी तरफ हरियाणा से आने वाले मरीजों की भी फाइल को अस्पताल प्रबंधन की ओर से हरियाणा सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को लेकर तैयार किया जा रहा है।

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मरीजों को नहीं आने दी जाएगी कोई परेशानी- डा. दीपक अरोड़ा

बठिडा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर डा. दीपक अरोड़ा ने बताया कि अस्पताल में 200 मरीजों की ओपीडी रोजाना हो रही है। जबकि यहां पर उन मरीजों को ही बुलाया जा रहा है, जिनको दवाओं की ज्यादा जरूरत है। बाकी के मरीजों को एक महीने की दवा एडवांस में दे दी गई है। अस्पताल में इस समय 35 के करीब मरीजों को रोजाना दाखिल किया जा रहा है। मगर ओपीडी 200 रहने का कारण ही यही है कि अन्य शहरों में इलाज करवाने वाले मरीज अब बठिडा में आ रहे हैं। यहां पर उनको इलाज से संबंधित हर प्रकार की दवा भी मिल रही है। जिसके लिए उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है।


कोविड फंड योगदान देने में एक करोड़ पांच लाख की राशि देकर रामा रिफायनरी रही सबसे आगे



दर्जनों संस्थाओं व लोगों ने अपनी समर्थता अनुसार  500 रुपए से पांच लाख तक का दिया सहयोग 

बठिंडा. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की अपील के बाद लोगों ने खुलकर कोविड फंड में अपना योगदान दिया। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से गठित फंड में विभिन्न सोसायटी को वायरस से लड़ने के लिए साधन जुटाने में सहायता मिली। बठिंडा में रेडक्रास सोसायटी को भी इस दौरान व्यापारिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों व व्यक्ति तौर पर करोड़ों रुपए का आर्थिक सहयोग दान के तौर पर हासिल हुआ। भारती रेडक्रास सोसायटी और उसकी सहयोगी संस्था सेंट जौहन एंबुलेंस एसोसिएशन को दान देने में सबसे आगे बठिंडा की गुरु गोबिंद सिंह तेल रिफायनरी फूलोखारी रही। इस इंडस्ट्री इकाई ने एक करोड़ पांच लाख रुपए का योगदान देकर जिले में नंबर वन स्थान हासिल किया। 

भारती रेड क्रॉस सोसाइटी और सेंट जौहन एम्बुलेंस एसोसिएशन जिला ब्रांच बठिंडा के पत्र नंबर डी.आर.सी/380 तिति 19.11.2020 के द्वारा दी गई सूचना के आधार पर दूसरे नंबर पर विजय जिंदल ठेकेदार रहे जिन्होंने पांच लाख रूपये, तीसरे नंबर पर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने व्यक्तिगत फंड से दो लाख रूपये, पी.पी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने दो लाख रूपये फंड में योगदान दिया। वही इस काम में श्री दुर्गा मंदिर मॉडल टाउन भी पीछे नहीं रहा। जिसने एक लाख इक्कीस हज़ार रूपये फंड में दिए है।

इसके अलावा पांचवे नंबर पर एमएसडी सभा के प्रधान एडवोकेट राजन गर्ग ने एक लाख ग्यारह हज़ार रूपये, बलजिंदर सिंह ठेकेदार ने एक लाख ग्यारह हज़ार रूपये, छठे नंबर पर ग्रोथ सेंटर ओनर्स एसोसिएशन ने एक लाख रूपये,  मन्नू इंजीनियरिंग एंड ट्रेडर्स ने एक लाख रूपये, पेट्रोल डीलर एसोसिएशन बठिंडा ने एक लाख रूपये,  अमरजीत सिंह भट्टी ने एक लाख रूपये, स्किर्टी क्लब एनएफएल के मैंबर ने एक लाख रूपये फंड में योगदान दिया।  इसके अलावा कई लोगों ने अपनी समर्थता अनुसार 500 रुपए से लेकर 31 हजार रुपए तक का भी योगदान दिया। आरटीए एक्टिविस्ट व जागो ग्राहक के संजीव गोयल ने बताया कि जहां फंड में रिफायनरी ने एक करोड़ पांच लाख तक का योगदान दिया वही शहर के दर्जनों समाज सेवी व संस्थानों ने भी रिलिफ फंड में अपना योगदान दिया। इसमें जिला प्रशासन के साथ शहर में दिन रात काम कर रहे संगठनों को बल मिला। इसमें जरुरतमंदों को राशन देने, रोटी खिलाने, जरूरी साजों सामान देने, मेडिकल सुविधा प्रदान करने, प्रवासी लोगों को घरों तक भेजने जैसे दर्जनों काम सफलता पूर्वक सफल करने में सहयोग मिला।  

 

रेडक्रास को सहयोद देने वाले दानी सज्जनों की सूची-

 

दविंदर पाल सिंह                                          1500/-
संदीप पी. फाइनेंस                                        20000/-
बलजिंदर बंसल, DWO                                 10000/-
राजन गर्ग                                                   111000/-
बलजिंदर सिंह ठेकेदार                                   111000/-
श्री मनप्रीत सिंह बादल                                   200000/-
सुमन लता डी.सी ऑफिस                              11000/-
दुर्गा मंदिर मॉडल टाउन                                 121000/-
हंस राज मौड़ मंडी                                         21000/-
मलकियत सिंह गिल                                       5100/-
जे.आर ट्रांसफार्मरज                                         5100/-
रमेश                                                               5100/-
स्टार ट्रांसफार्मरज                                           5100/-
सिटी केबल                                                     11000/-
विजय जिंदल ठेकेदार                                   500000/-
ग्रोथ सेंटर ओनर्स एसोसिएशन                    100000/-
पंजाब मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन             31000/-
मन्नू इंजरिंग एंड ट्रेडर्स                              100000/-
जोगेश ठेकेदार                                              51000/-
पेट्रोल डीलर एसोसिएशन                            100000/-
अमरजीत सिंह भट्टी                                  100000/-
स्वामी मुनि उदासीन आश्रम                       51000/-
लोक सेवा समिति रजिस्टर्ड                        51000/-
श्री वी पी पासी, गणेश नगर                         5100/-
श्री विजय बरेजा, वीर कॉलोनी                     1000/-
श्रीमती अरुणा गोयल, वीर कॉलोनी               2000/-
श्रीमती निर्मल गुप्ता, वीर कॉलोनी                5100/-
श्री के एस मान, मॉडल टाउन                       3100/-
प्रेमजीत सिंह, मॉडल टाउन                          3100/-
पी.पी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड                   200000/-
कोहिनूर मेटल प्रोडक्ट इंडस्ट्री                     50000/-
भगवती रोलर फ्लोर मिल                          51000/-
पंजाब ट्रेडिंग कंपनी                                  101000/-
प्रोफेसर डी एस मस्ताना                            3100/-
सुरेंद्र गर्ग                                                2100/-
डॉक्टर परविंदर कौर                                 2100/-
अमर नाथ गर्ग                                        1100/-
नरेश देवगन                                            3100/-
श्याम सिंह ढिल्लो                                      2000/-
विजय कुमार                                            2100/-
के के मित्तल                                           2100/-
मक्खन सिंह                                            3100/-
बलविंदर सिंह                                          3000/-
एस.एस ढिल्लो                                        2100/-
पी के शर्मा                                               2100/-
एच एस  खुरमी, सीनियर सिटीजन              5100/-
सोहन सिंह                                              2000/-
स्किर्टी क्लब एन एफ एल                          100000/-
साइकिल रनर्स क्लब                                 51000/-
पिग्गी बैंक                                                   1675/-
लाभ सिंह (उच्च न्यायालय के माध्यम से)   10000/-


 

 

शिक्षा :सीबीएसई बोर्ड एग्जाम की तैयारियों के लिए मिला 3 माह का अतिरिक्त समय



बठिंडा। सीबीएसई की ओर से बोर्ड परीक्षाएं मई में करवाने के फैसले से विद्यार्थियों को तैयारी के लिए 3 महीने का अतिरिक्त समय मिल सकेगा। अमूमन सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं फरवरी से मार्च तक चलती हैं। इस बार सीबीएसई 10वीं व 12वी की परीक्षाएं 4 मई से 10 जून तक चलेंगी जबकि 15 जुलाई तक परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षाएं स्कूलों के एग्जामिनेशन सेंटरों में लिखित तौर पर ऑफलाइन होंगी। कोरोना के चलते परीक्षाएं ऑनलाइन कराने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

40 सब्जेक्टिव के साथ 40 ऑब्जेक्टिव प्रश्न
बच्चों को ऑनलाइन स्टडी घर बैठे जरूर उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन बहुत से बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें घर बैठे स्टडी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसके पीछे बड़ी वजह नेट का सही से नहीं चल पाना है। इस कड़ी में सीबीएसई ने 10वीं अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र में बदलाव किया है। इस बार 40 अंकों के ऑब्जेक्टिव और 40 अंकों के सब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे। जबकि बीते सेशन 2020 की परीक्षा में 10 अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गए थे।

इस कारण छात्रों को हर चैप्टर अच्छे से पढ़ना चाहिए। इससे प्रश्न नहीं छूटेंगे। अंग्रेजी की दो किताबों से ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों प्रकार के प्रश्न रहेंगे। सीबीएसई के शिक्षकों के अनुसार अंग्रेजी के प्रश्न-पत्र पैटर्न में बदलाव के साथ सिलेब्स भी कम कर दिया गया है। सिलेबस के हटे हुए अंश के बारे में उन्होंने कहा कि ग्रामर के साथ लिटरेचर में भी कई भाग को हटा दिया गया है। इस कारण विद्यार्थी पुराने पैटर्न को देखकर तैयारी न करें। सीबीएसई ने नए पैटर्न की जानकारी सैंपल पेपर में दे दी है। सैंपल पेपर से ही तैयारी करें।

हटाए गए टॉपिक और चैप्टर्स

  • ग्रामर- पैसिव वॉइस-कलाउजेज-नाउन, अडवर्व कलाउजेज ऑफ कंडिशन एंड टाइम, रिलेटिव प्रीपोजीशन- फर्स्ट फ्लाइट हाउ टू टेल वाइल्ड एनीमल्स ट्रीज, फॉग, मिजबिल दी अटर, फॉर एने ग्रेजरीफूडप्रट्सि विदआउट फीट- दी मिडनाइट विजिटर्स, ए क्वेश्चन ऑफ टूथ, दी बुक दैट सेव दी अर्थ।
  • पहली बार पूछा जाएगा एनालिटिक पैराग्राफ

बठिंडा के रेलवे ग्राउंड में व्यक्ति को बुरी तरह से जलाकर की गई हत्या , थाना कैनाल कालोनी ने शुरू की जांच ,90 फीसदी जल चुकी है लाश, नहीं हो सकी शिनख्त



 

बठिंडा। ठंडी सड़क स्थित रेलवे ग्राउंड से रविवार सुबह एक व्यक्ति की जली हुई लाश बरामद हुई है। लाश 90 फीसदी जली होने के कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है, लेकिन बताया जा रहा है कि मृतक एक भिखारी या बेसहारा था, जोकि गंाउंड के अंदर झुग्गी बनाकर रहता था। आशंका यह भी जताई जा रही है कि लूटपाट करने की नीयत से व्यक्ति पर हमलाकर उसे बाद में आग लगाकर जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी गई है, चूकिं घटनास्थल के आसपास पुलिस को खून गिरा हुआ मिला है, जिसे पुलिस इस मामले को हत्या मानकर चल रही है। फिलहाल थाना कैनाल कालोनी के इंचार्ज एसआई राजिंदर कुमार ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद लाश को सहारा जनसेवा की मदद से पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल बठिंडा की मोर्चरी में पहुंचाया दिया। पुलिस का कहना है कि मृतक की हत्या की गई है या उसके साथ कोई हादसा हुआ है, इसका सही पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है, जबकि मृतक की शिनाख्त करने के भी प्रयास किए जा रहे है। सहारा जनसेवा के प्रधान विजय गोयल के मुताबिक रविवार सुबह सहारा वर्करों को सूचना मिली कि रेलवे ग्राउंड में एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है, जोकि पूरी तरह से जल चुका है। सूचना मिलने के बाद सहारा वर्करों की टीम घटनास्थल पर पहुंची और मामले की सूचना थाना कैनाल कालोनी पुलिस को दी। सहारा वर्करों के मुताबिक लाश एक व्यक्ति की थी, जोकि 90 फीसदी जल चुकी थी। जिसके कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी, लेकिन रेलवे गांउड में आने वाले लाेगों की मानने तो यह लाश गाउंड में रहने वाले एक बेसहारा व्यक्ति की है, जोकि भीख आदि मंगाकर अपना गुजारा करता था और झुग्गी बनाकर गांउड में ही सोता था। आशंक यह भी जताई जा रही है कि शनिवार रात को नशेड़ी या अज्ञात लोगों ने उक्त व्यक्ति से लूटपाट करने के मकसद उसके साथ मारपीट की और गंभीर रूप से घायल करने के बाद उसे मार देने की नीयत से उसे जिंदा जलाकर उसकी हत्या की गई है। फिलहाल पुलिस इस मामले को हत्या मानकर इसकी जांच कर रही है। एसआई राजिंदर कुमार का कहना है कि पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है, जल्छ ही इस मामले को ट्रेस कर लिया जाएगा।

पंजाब में जासूसों की गिरफ्तारी का मामला :दो नाबालिगों को भी लिंक में ले रहे थे आरोपी, चंडीगढ़ से पहुंची स्पेशल टीम, मामले की जांच एनआइए को सौंपने की तैयारी



लुधियाना। हलवारा एयरबेस की सूचनाएं पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट तक पहुंचाने के आरोप में थाना सुधार पुलिस द्वारा तीन जासूस गिरफ्तार किए गए थे। आरोपियों से पूछताछ में दो नाबालिग युवकों का सुराग मिला है।

आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए दोनों को अपने लिंक में लिया गया था। पुलिस ने नाबालिगों को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया। दोनों युवक 15-16 साल के और लुधियाना के बताए जा रहे हैं। वहीं इन्वेस्टिगेशन के लिए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से गठित स्पेशल टीम चंडीगढ़ से जगराओं पहुंची।

सोशल मीडिया पर डालता था हथियारों के साथ फोटो
सुखकिरण को हथियारों के साथ फोटोज खिंचवाने का शौक था। जिन्हें वह फेसबुक पर डालकर खुद को कट्टरपंथी दिखाता था। 10 साल पहले हत्या के केस में उसे नाभा जेल भेजा गया। वहां उसकी मुलाकात कट्टरपंथियों से हुई। बाहर आने के बाद वह अमृतसर चला गया और कट्टरपंथियों के साथ काम करने लगा।
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वही दूसरी तरफ हलवारा एयरबेस की जासूसी का मामला सामने आने के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने जगराओं में डेरा जमाया हुआ है। अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपने की तैयारियां की जा रही हैैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम कर रहे आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जांच एनआइए को सौंपी जा सकती है।
आइएसआइ और आतंकी संगठनों की भूमिका का खुलासा
एयरबेस की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को लेकर नई दिल्ली से सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी पूछताछ कर रहे अधिकारियों से लगातार इनपुट हासिल कर रहे हैैं। बताया गया है कि पूछताछ में जुटे अधिकारियों की ओर से आइएसआइ और खालिस्तान समर्थकों की भूमिका सामने आने की सूचनाएं अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी हैैं जिसके बाद यह मामला एनआइए को सौंपने पर विचार चल रहा है।
पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के साथ जोड़कर देखा जा रहा मामला
सूत्रों के अनुसार पूरे प्रकरण को पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के साथ जोड़कर देखा जा रहा है और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पुलिस इसकी गहराई तक नहीं पहुंच पाएगी। पठानकोट मामले की जांच भी एनआइए ने की थी, इसलिए उसके पास कई ऐसे तथ्य होंगे, जिसके आधार पर जांच में काफी मदद मिल सकती है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्द ही एनआइए जांच के लिए हरी झंडी दे सकता है। उधर, अब तक की जांच को लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि तीनों गिरफ्तार आरोपितों के संपर्क और उनके नेटवर्क के बारे में जानकारियां हासिल की जा रही हैैं। जल्द ही कुछ और खुलासे हो सकते हैैं।
गौरतलब है कि 30 दिसंबर, 2020 में एयरबेस की जासूसी का मामला सामने आने के बाद एयरफोर्स स्टेशन में प्राइवेट मेकेनिकल के रूप में काम करने वाले रामदास सिंह को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सुखकिरण ङ्क्षसह उर्फ सुक्खा और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गांव लाल पीपल के रहने वाले साबिर अली को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में हिमाचल से ही एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया गया लेकिन पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। रिमांड पर लिए गए इन आरोपितों से सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सीआइए जगराओं कार्यालय में लगातार पूछताछ कर रही हैं।

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