लुधियाना। हलवारा एयरबेस की सूचनाएं पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट तक पहुंचाने के आरोप में थाना सुधार पुलिस द्वारा तीन जासूस गिरफ्तार किए गए थे। आरोपियों से पूछताछ में दो नाबालिग युवकों का सुराग मिला है।
आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए दोनों को अपने लिंक में लिया गया था। पुलिस ने नाबालिगों को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया। दोनों युवक 15-16 साल के और लुधियाना के बताए जा रहे हैं। वहीं इन्वेस्टिगेशन के लिए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से गठित स्पेशल टीम चंडीगढ़ से जगराओं पहुंची।
सोशल मीडिया पर डालता था हथियारों के साथ फोटोसुखकिरण को हथियारों के साथ फोटोज खिंचवाने का शौक था। जिन्हें वह फेसबुक पर डालकर खुद को कट्टरपंथी दिखाता था। 10 साल पहले हत्या के केस में उसे नाभा जेल भेजा गया। वहां उसकी मुलाकात कट्टरपंथियों से हुई। बाहर आने के बाद वह अमृतसर चला गया और कट्टरपंथियों के साथ काम करने लगा।
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वही दूसरी तरफ हलवारा एयरबेस की जासूसी का मामला सामने आने के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने जगराओं में डेरा जमाया हुआ है। अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपने की तैयारियां की जा रही हैैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम कर रहे आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जांच एनआइए को सौंपी जा सकती है।
आइएसआइ और आतंकी संगठनों की भूमिका का खुलासा
एयरबेस की सुरक्षा से जुड़े इस मामले को लेकर नई दिल्ली से सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी पूछताछ कर रहे अधिकारियों से लगातार इनपुट हासिल कर रहे हैैं। बताया गया है कि पूछताछ में जुटे अधिकारियों की ओर से आइएसआइ और खालिस्तान समर्थकों की भूमिका सामने आने की सूचनाएं अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी हैैं जिसके बाद यह मामला एनआइए को सौंपने पर विचार चल रहा है।
पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के साथ जोड़कर देखा जा रहा मामला
सूत्रों के अनुसार पूरे प्रकरण को पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के साथ जोड़कर देखा जा रहा है और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पुलिस इसकी गहराई तक नहीं पहुंच पाएगी। पठानकोट मामले की जांच भी एनआइए ने की थी, इसलिए उसके पास कई ऐसे तथ्य होंगे, जिसके आधार पर जांच में काफी मदद मिल सकती है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्द ही एनआइए जांच के लिए हरी झंडी दे सकता है। उधर, अब तक की जांच को लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि तीनों गिरफ्तार आरोपितों के संपर्क और उनके नेटवर्क के बारे में जानकारियां हासिल की जा रही हैैं। जल्द ही कुछ और खुलासे हो सकते हैैं।
गौरतलब है कि 30 दिसंबर, 2020 में एयरबेस की जासूसी का मामला सामने आने के बाद एयरफोर्स स्टेशन में प्राइवेट मेकेनिकल के रूप में काम करने वाले रामदास सिंह को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सुखकिरण ङ्क्षसह उर्फ सुक्खा और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गांव लाल पीपल के रहने वाले साबिर अली को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में हिमाचल से ही एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया गया लेकिन पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। रिमांड पर लिए गए इन आरोपितों से सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सीआइए जगराओं कार्यालय में लगातार पूछताछ कर रही हैं।
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