सोमवार, 12 जुलाई 2021

बठिंडा में स्वच्छ भारत व पानी बचाओं जागरुकता मुहिम के लिए बनी पेटिंग में चस्पाए गए पोस्टर


-नगर निगम कानून होने के बावजूद नहीं कर रहा गैरकानूनी ढंग से लगे पोस्टरों के मामले में कारर्वाई

बठिंडा. बठिंडा शहर को स्वच्छता अभियान में अव्वल बनाने में शहर की दीवारों में साफ सफाई का संदेश देते सलोगन का अहम रोल रहा। वर्तमान में शहर की दीवारों में उक्त सलोग्न तो गायब हो चुके हैं लेकिन उनकी जगह पर विभिन्न व्यवसायिक संस्थानों व राजनीतिक दलों का प्रचार करते पोस्टरों की भरमार हो गई है। शहर की पब्लिक दीवारों, खम्बों, बाल पेंटिंगों, लोकल बस स्टॉपों आदि पर तरह-तरह के पोस्टरों की भरमार हैं और नगर निगम प्रशासन इनके खिलाफ किसी तरह की कारर्वाई करने की बजाय चुप्पी साधकर बैठा है।

पिछले कई वर्षों से बठिंडा शहर के अलग-अलग स्थानों, दीवारों, खम्बों, बाल पेंटिंगों, लोकल बस स्टॉपों आदि पर राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर, आईईएलटीएस के पोस्टर, ट्रेनिंग के पोस्टर, कोचिंग सेंटरों के पोस्टर बेख़ौफ़ और बिना किसी की परवाह किए लगाए जा रहे हैं।

नगर निगम बठिंडा के द्वारा लगभग हर वर्ष लाखों रूपये खर्च करके बठिंडा शहर में लोगों को जागरूक करने के मकसद से स्वच्छ भारत, पानी की बर्बादी रोकने, पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने, पानी की बूंद-बूंद बचाने, शहर में साफ-सफाई रखने आदि की वाल पेंटिंगे बनवाई जाती है। मगर पोस्टर लगाने वाले इन बनाई गई पेंटिंग्स के ऊपर ही एक ही तरह के दर्जनों पोस्टर चिपका जाते हैं। बनाई गई पेंटिंग्स पर पब्लिक के टैक्स का लगा पैसा बर्बाद हो रहा है। नगर निगम बठिंडा के सम्बंधित अफसरों और अधिकारीयों की तरफ से पेंटिंग्स के ऊपर, दीवारों, खम्बों, लोकल बस स्टॉप्स पर पोस्टर लगाने वालों पर समय रहते बनती करवाई न करने के कारण इनमें दिन व दिन इजाफा हो रहा है और शहर में पोस्टरों की भरमार हो रही है।
कुछ वर्ष पहले नगर निगम बठिंडा के तत्कालीन कमिश्नर अनिल गर्ग ने बठिंडा शहर में जगह-जगह पोस्टर लगवाने वालों और प्रिंटिंग प्रेसों के मालिकों के साथ एक मीटिंग भी की थी। जिसमें अपनी मन-मर्जी से जगह-जगह पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की बात भी कही गई थी और साथ में प्रिंटिंग प्रेस वालों को भी इस बाबत चेतावनी दी गई थी। इसमें कुछ कोचिंग सेंटर संचालकों पर कानूनी कारर्वाई भी की गई लेकिन उक्त अभियान पिछले सात साल से बंद पड़ा है।
इस संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट व ग्राहक जागों संस्था के सचिव संजीव गोयल की तरफ से बठिंडा शहर के अलग-अलग स्थानों, दीवारों, खम्बों, बाल पेंटिंगों, लोकल बस स्टॉपों आदि पर पोस्टरों की भरमार सम्बन्धी शिकायत मुख्यमंत्री पंजाब, स्थानिय सरकार चंडीगढ़, डिप्टी कमिश्नर बठिंडा और कमिश्नर नगर निगम बठिंडा को भेज कर इस ओर ध्यान देने और बनती सख्त से सख्त कारवाई करने की मांग की है।


बठिंडा के कोटफत्ता गांव में नशे के लिए पैसे नहीं देने पर भाई का कत्ल किया, पुलिस ने किया गिरफ्तार


बठिंडा
. नशा करने से रोका तो युवक ने भाई की चाकू मारकर हत्या कर दी। मामले में कोटफत्ता पुलिस ने मृतक की मांग के बयान पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले में मृतक की मांग बलबीर कौर वासी कोटफत्ता ने ने बताया कि उसके दो बेटे है। जिसमें बड़ा बेटा 35 वर्षीय कुलविंदर सिंह उर्फ बग्गा सिंह लेबर का काम करता है। जबकि उसका छोटा बेटा 32 वर्षीय मक्खन सिंह भी लेबर का काम करता है। कुलविंदर सिंह ने शादी नहीं करवाई थी जबकि मक्खन सिंह की शादी हुई है। कुलविंदर सिंह ने घर का खर्च चलाने के लिए भैंस भी रखी हुई थी। उसका छोटा बेटा मक्खन सिंह नशे करने का आदि है। वह जितने भी पैसे कामता था वह ज्यादातर नशा करने में उड़ा देता था। जिसके चलते वह नशा करने के लिए अपने बड़े भाई से भी पैसे मांगता था और नहीं देने पर उसके साथ लड़ाई झगड़ा करता था। इतना ही नहीं मृतक बग्गा सिंह अपने छोटे भाई को नशा नहीं करने से भी रोकता थालेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। वहीं अक्सर नशा कर अपने भाई और परिवार वालों से लड़ाई झगड़े भी करता था। बलवीर कौर के अनुसार रविवार को भी मक्खन सिंह ने अपने बड़े भाई से नशा करने के लिए पैसे मांगेजब उसने पैसे देने से इंकार कियातो तैश में आकर मक्खन सिंह ने बग्गा सिंह के सीने में किरच से कई वार कर उसकी हत्या कर दी। अपने बड़े भाई की हत्या कर परिजनों ने जब शोर मचायातो आसपास लोग मौके पर एकत्र हो गए और आरोपित मक्खन सिंह को पकड़कर मामले की जानकारी पुलिस को दी। थाना कोटफत्ता के प्रभारी इंस्पेक्टर राजिंदर पाल सिंह ने बताया कि मृतक की मां बलवीर कौर के बयानों पर आरोपित मक्खन सिंह पर हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हत्या करने की वजह नशा करने से रोकना बताया जा रहा हैलेकिन पुलिस आरोपित का अदालत से पुलिस रिमांड हासिल कर पूछताछ करेगीताकि हत्या की सही वजह का पता चल सके।

 जमीनी विवाद में तीन लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति को गोली मारकर किया घायल

बठिंडा. जमीनी विवाद में गांव अमरगढ़ में तीन लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति से जहां मारपीट की वही गोली मारकर घायल कर दिया। घायल व्यक्ति को उपचार के लिए बठिंडा के प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। नहियावाला पुलिस के पास सर्वजीत सिंह वासी अमरगढ़ बठिंडा ने बयान दिया कि गांव में एक जमीन को लेकर उसका कुछ लोगों के साथ विवाद चल रहा है। इसी रंजिश में गत दिवस अर्शदीप सिंह उर्फ अरसू, हरपिंदर सिंह वासी अमरगढ़, हरप्रीत सिंह वासी हररायपुर उसके पास आए व जमीन मामले को लेकर झगड़ा करने लगे। वही इसी विवाद में उक्त लोगों ने पहले उसके साथ मारपीट की व बाद में एक व्यक्ति ने रिवाल्वर निकालकर उसे गोली मार दी। इस हादसे में वह गंभीर रुप से घायल हो गया व कुछ लोगों के मौके पर पहुंचते ही आरोपी मौके से फरार हो गए। मामले में पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

 शराब व लाहन की तस्करी में दो लोग गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने अवैध शराब व लाहन की तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बालियावाली पुलिस के सहायक थानेदार लखविंदर सिंह ने बताया कि काका सिंह वासी मंडी कला को गांव में 50 लीटर लाहन के साथ गिरफ्तार किया गया। वही नंदगढ़ पुलिस के होलदार गुरमीत सिंह ने बताया कि गांव घुद्दा के पास कुछ लोग गैरकानूनी ढंग से शराब लेकर जा रहे थे। उन्हें रोकने पर चार पेटी शराब छोड़कर आरोपी फरार हो गए। पुलिस शराब तस्करी करने वालों की तलाश कर रही है।

सैलून के ताले तोड़कर हजारों का सामान चोरी

बठिंडा. चोरों द्वारा सैलून को भी निशाना बनाया जाने लगा है। पावर हाउस रोड पर गली नंबर 1 के नजदीक स्थित गीतांजलि सैलून के शटर के ताले तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा हजारों रुपए का सैलून का सामान चोरी कर लिया गया। सैलून संचालक विपन कुमार ने बताया कि वह जब सुबह सैलून पर आए तो देखा कि सैलून के ताले टूटे हुए थे व एक ताला गायब था, जो अज्ञात व्यक्ति अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि चोरों द्वारा उसके सैलून से महंगी क्रीमों व मशीनें चोरी कर ली गई, जिनकी कीमत करीब 45 हजार रुपए बनती है। विपिन ने बताया कि चोरों ने सैलून की दराज में रखे मोबाइल को भी चोरी कर लिया, जो ठीक करवाने के लिए रखा गया था। थाना सिविल लाइन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

सरकार के साथ बातचीत फेल के बाद डाक्टरों ने फिर से शुरू की अनिश्तिकालीन हड़ताल


बठिंडा
. नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) में को लेकर पिछले कई दिनों से सरकार व सरकारी डॉक्टर्स के बीच कोई सहमति नहीं बन पाने की वजह से पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के बैनर तले सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने फिर से हड़ताल जाने की घोषणा की है। इसी क्रम में सोमवार को डाक्टरों ने कामकाज बंद रख हड़ताल रखी। एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. गगनदीप सिंह ने स्टेट स्तर पर मीटिंग के दौरान ऐलान किया कि 12 से 14 जुलाई तक लगातार 3 दिनों तक इमरजेंसी सेवा व कोरोना मरीजों को छोड़ सरकारी अस्पतालों में ओपीडी, यूडीआइडी, सरबत बीमा योजना, ऑनलाइन कंसलटेशन सहित अन्य सेवाएं पूरी तरह ठप रखी गई। जानकारी देते हुए एसोसिएशन के जिला स्तरीय पदाधिकारियों व मेंबरों में शामिल डॉक्टर हर्षित गोयल, डा. खुशदीप सिंह सिद्धू और डा. रविकांत गुप्ता ने बताया कि एनपीए के मुद्दे पर सरकार के मौन के चलते डाक्टरों की तरफ से हड़ताल की जा रही है।

सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर पंजाब के छठे वित्त आयोग की उस सिफारिश का विरोध कर रहे हैं जिसके जरिए गैर-प्रैक्टिस भत्ता को मूल वेतन से असंबद्ध कर दिया गया है। वे भत्ते को 25 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत करने की वेतन आयोग की सिफारिश का भी विरोध कर रहे हैं। इसमें स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा सेवाओं का भी 12 से 14 जुलाई तक बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इसमें पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के सदस्य भी शामिल हैं। एसोसिएशन के डॉक्टर खुशदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि उनकी मांगों के प्रति राज्य सरकार की चुप्पी ने पीसीएमएस एसोसिएशन को हड़ताल की घोषणा के लिए मजबूर किया है। हड़ताल से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सहित स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही। इसके अलावा पशु चिकित्सा सेवाएं भी बंद रखी गई। हालांकि, आपातकालीन, पोस्टमार्टम, मेडिकोलीगल सेवाएं और कोविड से जुड़ी सेवाएं जारी रहेंगी। पीसीएमएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पंजाब सरकार ने एनपीए कम करके कोरोना काल में जान की परवाह किए बगैर ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों से अन्याय किया है। कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना काम करने वाले कोरोना योद्धाओं को काम के बदले सरकार हमें कोई आर्थिक लाभ देने की बजाय उल्टा हमारे हक पर ही चोट पहुंचाने का काम कर रही है, जो हमें मंजूर नहीं है। सरकार को अपना फैसला बदलना होगा।

19 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे

पंजाब में सरकारी डॉक्टरों ने च्गैर-प्रैक्टिस भत्ताज् के मुद्दे पर राज्य सरकार की चुप्पी को लेकर 12 जुलाई से 14 जुलाई तक मांगों को लेकर हड़ताल का शनिवार को स्टेट कमेटी की ओर से फैसला लिया गया है। स्ट्राइक के बाद भी अगर सरकार ने उनकी मांग पर अमल नहीं किया, तो 15 से 17 जुलाई तक सरकारी ओपीडी का बायकॉट करेंगे और अस्पताल के परिसर में अपनी अलग ओपीडी सर्विस शुरू कर देंगे। इसके बाद भी सरकार का रवैया नहीं बदला, तो 19 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान ओपीडी सेवाएं ठप रखने के साथ साथ एमएलआर, सैंपलिंग, वैक्सीनेशन और कोविड से संबंधित सभी कार्यों को ठप कर दिया जाएगा। 

शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

सरकारी जमीन पर माइनिंग व पूर्व विधायक पर हमला करने वालों पर केस दर्ज नहीं करने पर शिअद का प्रदर्शन -सरुपचंद सिंगला ने वित्त मंत्री व उनके परिजनों को लिया निशाने पर, कारर्वाई नहीं करने पर संघर्ष तेज करने की चेतावनी

बठिडा. शिरोमणी अकाली दल के पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला की ओर से सरकारी जगह पर की जा रही माइनिग का खुलासा करने के दौरान उन पर हुए हमले के मामले में अब तक कोई कार्रवाई न होने पर शिअद ने शुक्रवार को एसएसपी दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्श किया। इस दौरान जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन गुरप्रीत सिंह मलूका ने सरुपचंद सिंगला के समर्थन में धरने में शामिल होकर सरकार व प्रशासन की नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत पूर्व विधायक द्वारा मुख्यमंत्री तक की गई। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा जांच के आदेश भी दिए गए, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे सरकार की नाकामी का खुलासा होता है। मलूका ने वित्तमंत्री के रिश्तेदार को लेकर कहा कि आखिर वह कौन है जो इतनी शक्ति रखकर प्रशासन का गलत इस्तेमाल कर रहा है, जबकि अन्य किसी भी मंत्री या विधायक का रिश्तेदार सरकारी कार्यों में कहीं भी दखलंदाजी नहीं करता।


वित्तमंत्री के रिश्तेदार के पास कोई पद भी नहीं है। इस मौके पर सिगला ने आरोप लगाए कि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की शह पर माइनिग, सरकारी जगह पर कब्जे, धक्केशाहियां हो रही हैं। राख वाले डंप से करीब 75 करोड़ रुपये की रेत ही बेच कर खा गए। टोका सैंड के बड़े घपलों के कारण करीब 140 करोड़ के घपले सामने आए हैं। समस्त भ्रष्ट व्यवस्था का नेतृत्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल व उनके रिश्तेदार कर रहे हैं। यदि प्रशासन ने इस चेतावनी धरने के बाद भी कोई कार्रवाई न की तो इससे भी बड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा।

इस मौके जिला प्रधान बलकार सिंह बराड़, पूर्व मेयर बलजीत सिंह बीड़ बहमण, यूथ अकाली दल के शहरी प्रधान हरपाल सिंह ढिल्लों, एमसी मक्खन सिंह, पूर्व एमसी निर्मल सिंह संधू, व्यापार विग के जिला प्रधान राकेश सिगला, जगदीप सिंह गहरी, लाभ सिंह बीसी विग, अमरजीत विरदी व्यापार विग, हरविदर गंजू पूर्व एमसी, दीनव सिगला आदि उपस्थित थे। प्रदर्शन के बाद एक मांगपत्र मुख्यमंत्री व जिला पुलिस अधिकारियों के नाम पर सौंपा गया। 


फोटो -माइनिंग करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लकर प्रदर्शन करते सरुपचंद सिंगला व मांगपत्र एसएसपी बठिंडा को सौंपते। 

इस मौके शिरोमणी अकाली दल और बसपा की लीडरशिप द्वारा अफसरशाही को चेतावनी दी गई कि सरकारें आतीं जातीं रहती हैं वह वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और उसके रिश्तेदार जोजो के हाथों की कठपुतली बन कर काम करें, लोगों को इंसाफ दें अन्यथा इसका खामियाजा शिरोमणी अकाली दल की सरकार के समय दौरान अधिकारियों को भी भुगतना पड़ेगा। प्रभावशाली एकत्र को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने कहा कि जीजा-साला टोका सैंड द्वारा किए गए घपलो का 1-1 रुपया वसूल करके रहेंगे, चाहे इसके लिए कोई भी लड़ाई लड़नी पड़े, वह पीछे नहीं हटेंगे। यदि प्रशासन ने इस सप्ताह के अंतराल में पर्चा दर्ज किया तो इससे अगला संघर्ष बड़ा होगा। जिसके लिए जिला प्रशासन और कैप्टन सरकार खुद जिम्मेदार होगी। आज के एकत्र में पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला, प्रधान व्यापार विंग, ने शायराना अंदाज में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और उसके रिश्तेदार जोजो जौहल द्वारा किए गए घपलों का पर्दाफाश किया और शहीदों के जन्म स्थान की मिट्टी की बेअदबी करने के गंभीर आरोप लगाते हुए पंजाब विरोधी करार दिया। पूर्व विधायक ने गंभीर आरोप लगाए कि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की आंख थर्मल प्लांट की जमीन और उसमें लगे मटीरियल पर थी, जिसको बेच कर करोड़ों का घपला किया गया, यह बहुत बड़ा धोखा है। जिसकी निष्पक्ष जांच होनी बनती है, क्योंकि सात सौ करोड़ रुपए तो शिरोमणी अकाली दल की सरकार के समय दौरान नवीनीकरण पर खर्चे गए थे, अगर उसका स्क्रैप भी बेचा जाए तो वह भी पांच सौ करोड़ से ज्यादा का बनता है। इस मौके पूर्व जिला परिषद चेयरमैन गुरप्रीत सिंह मलूका, पूर्व विधायक दर्शन सिंह कोटफत्ता, जिला प्रधान बलकार सिंह बराड़, पूर्व मेयर बलजीत बीड़बहमन, पूर्व एमसी निर्मल सिंह संधू, बसपा के जिला प्रधान डॉ. जोगिंदर सिंह आदि ने बोलते हुए आरोप लगाए कि पंजाब की मौजूदा कैप्टन सरकार हर फ्रंट पर फेल हुई है, धक्केशाहियां की जा रही हैं, बिजली के कट लग रहे हैं, लोगों को कोई सुविधा मुहैया नहीं हो रही और कुर्सी की लड़ाई में उलझे कांग्रेसियों को पंजाब का कोई ध्यान नहीं। उन्होंने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को घेरते हुए आरोप लगाए कि हर धक्केशाही, लूट-पाट, सरकारी जगह पर नाजायज कब्जों में मनप्रीत बादल और उसके रिश्तेदार का सीधा हाथ है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला पर हुआ हमला लोकतंत्र का कत्ल है और यदि इन आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो सरकार के सिस्टम का जनाजा निकलता हुआ नजर आएगा। इस मौके जगसीर सिंह जग्गा कल्याण, बठिंडा शहरी प्रधान राजविंदर सिंह, दलजीत बराड़, यूथ अकाली दल के प्रधान हरपाल सिंह ढिल्लों, गुरलाभ ढेलवां, हरिंदर सिंह हिंदा, संदीप बाठ, जगदीप गहरी, इकबाल सिंह बबली ढिल्लों, मक्खन सिंह, सुखदेव सिंह चहल, यूथ अकाली दल के राष्ट्रीय महासचिव गरदौर सिंह, जगमीत सिंह भोखड़ा, रुपिंदर सिंह सरां, हरविंदर गंजू, गुरसेवक मान, नरिंदरपाल सिंह, जगदीप सिंह गहरी, प्रेम गर्ग, तेजिन्द्र सिंह, मनप्रीत गोसल, दीनव सिंगला, बीबी जोगिंलर कौर, गुरमीत कौर पूर्व एमसी, बीबी बलविंदर कौर, मलकीत सिंह पीटर बल्लूआना, हरजीत सिंह कालझरानी आदि के अलावा शिरोमणी अकाली दल और बसपा के वर्कर उपस्थित थे।


शिअद ने की बठिडा शहरी के नए पदाधिकारियों की घोषणा

बठिडा. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की ओर से बठिडा शहर के जत्थेबंधक ढांचे का विस्तार करते हुए दूसरी लिस्ट जारी की गई है। इसके तहत नंद सिंह सिद्धू को सर्कल प्रधान जोन नंबर चार, हरजिदर सिंह टोनी को सर्कल प्रधान जोन नंबर छह, हरबंस सिंह ढिल्लों को सीनियर उप प्रधान, सुरजीत सिंह भम्मा, अभय कुमार खगनवाल, बचित्र सिंह, सुरिदर अंबा व जंगीर सिंह को उप प्रधान, बलजिदर सिंह बिदर, दीपक सिगला जौली, नरिदरपाल सिंह, सूबा सिंह, प्रदीप कुमार भवरी, प्रितपाल सिंह तगड़, डा. गुरसेवक सिंह व डा. प्रवीण गर्ग को महासचिव, हरतार सिंह, गुरतेज सिंह टेकी, महिदर कक्कड़, गुरशरन सिंह, पाल सिंह ढिल्लों, हजूरा सिंह ठेकेदार, करनैल सिंह ठेकेदार व यादविदर सिंह ढिल्लों जत्थेबंदक सचिव, जगदीश राय, सुखदेव सिंह, जसपाल बांसल, कमलेश कुमार, सुरजीत सिंह बादल व अमरजीत सिंह को सचिव, सुखविदर सिंह, राज कुमार शर्मा, सोम प्रकाश, काका राम, कृष्ण कुमार रंगा, गुरदीप सिंह, हरविदर सिंह गोलडी, पाली सिंह, नीलम शर्मा, शाम वर्मा, खुशदियाल गाबा, राधे श्याम गोयल, खरैती लाल जसूजा, अमित गर्ग, तजिदर सिंह, राकेश गर्ग भारगो, अशोक कांसल, रणदीप सिंह बाबा, खेमचंद कटरू बाबा व गुरविदर सिंह को प्रचार सचिव नियुक्त किया गया। इसके अलावा जसविदर सिंह को वार्ड नंबर 37 का प्रधान, जगदीश शर्म को वार्ड नंबर 39 का प्रधान, हरदियाल सिंह को वार्ड नंबर 43 का प्रधान, प्रगट सिंह को वार्ड नंबर 45 का प्रधान, दरबारा सिंह को वार्ड नंबर 47 का प्रधान व सूबा सिंह को वार्ड नंबर 48 का प्रधान नियुक्त किया गया। इससे पहले पार्टी ने पहली सूची जारी कर कई पदाधिकारियों की घोषणा कर दी थी।


बठिंडा में मरीज की मौत के बाद नार्थ एस्टेट रोड स्थित निवारण अस्पताल के बाहर लोगों का हंगामा, इलाज में लापरवाही का आरोप लगा की नारेबाजी


बठिंडा.
शहर के नार्थ एस्टेट रोड स्थित निवारण अस्पताल में दाखिल एक मरीज की वीरवार रात्रि मौत हो गई। मृतक मरीज के परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए शुक्रवार को अस्पताल के बाहर रोष धरना दिया और प्रबंधकों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिजनों का धरना देर शाम तक जारी था, जबकि उन्होंने लाश को भी अस्पताल से नहीं उठाया। परिजनों का आरोप है कि डाक्टर ने इलाज में लापरवाही दिखाई है, जिसके कारण उनके मरीज की मौत हो गई, इसलिए वह सरकारी अस्पताल के डाक्टरों का बोर्ड बनवाकर लाश का पोस्टमार्टम करवाना चाहते है, ताकि सच सामने आ सके। वहीं परिजनों द्वारा मामले की शिकायत पुलिस को भी दी गई है।

मामले की जानकारी देते हुए श्री मुक्तसर साहिब के रहने वाले सौरव कुमार ने बताया कि बीती 27 जून को उसके पिता दलवीर सिंह ने कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया था, जिसके कुछ समय बाद उनकी अचानक हालत बिगड़ने लगी। वहीं उनके पिता के शरीर का एक तरफ का हिस्सा काम करना बंद कर दिया, जिसके बाद उन्हें मुक्तसर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर सिटी स्कैन करवाने पर पता चला कि उनके दिमाग समस्या है, जिसके चलते उन्हें न्यूरोसर्जन के डाक्टर के लिए बठिंडा के निवारण अस्पताल में रेफर कर दिया गया। 28 जून को निवारण अस्पताल में भर्ती करवाने पर डाक्टरों ने बताया कि उनके दिमाग में सूजन है, जिसका आप्रेशन हो गया। परिजनों के अनुसार आप्रेशन करने के बाद उनके पिता की हालत में काफी सुधार भी होने लगा, लेकिन जब डाक्टरों ने उनसे पैसे जमा करवाने के लिए कहा और उन्होंने आयुषमान स्कीम के तहत इलाज करने की बात कहीं, तो उसके बाद डाक्टरों ने उनके पिता के इलाज में लापरवाही दिखाने लगे। जिसके चलते उसके पिता की बीती वीरवार को मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे नहीं देने पर डाक्टरों ने उनके पिता का सही तरीके से इलाज नहीं किया, इसलिए वह पोस्टमार्टम करवाना चाहते है, ताकि सच सामने आ सके।

वहीं मरीज का इलाज करने वाले डाक्टर एसके बांसल ने बताया कि जब मरीज उनके पास ला गया था, तब उनके दिमाग में सूजन बहुत ज्यादा थी। उन्होंने परिजनों को पहले ही बता दिया था कि आप्रेशन के बाद भी मरीज के बचने की उम्मीद बहुत कम है, इस बाबत उन्होंने परिजनों से पहले लिखित में ले लिया था, लेकिन अब उनपर झूठे आरोप लगाएं जा रहे है, जबकि उन्होेंने जब मरीज का आप्रेशन किया था, तब मरीज के परिजनों ने महज पांच हजार रुपये ही जमा करवाएं थे। इसके बाद भी उन्होंने मरीज की जान बचाने के लिए सर्जरी की। परिजन लाश का पोस्टमार्टम करवा ले, सब सच सामने आ जाएगा।

फोटो सहित-बीटीडी-23-अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन करते लोग। फोटो-अशोक 


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