रामपुरा फूल। बठिंडा में रामपुरा फूल के सरकारी अस्पताल की इमारत कंडम हो चुकी है। हल्का विधायक एवं राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ इसे अपग्रेड कर किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बिना कुछ सोचे-समझे यहां लाखों रुपये खर्च कर आगजनी को बचाने के लिए हाइडेंट सिस्टम लगवा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि खुद अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर अस्पताल की इमारत की हालत बयां कर दी है, लेकिन विभाग पर इसका कोई असर नहीं है।
दरअसल स्थानीय शहर तथा आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए वर्ष 1982 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुखदेव सिंह ढिल्लों द्वारा अस्पताल के ओपीडी वार्ड की नई इमारत का शिलान्यास किया गया था। ओपीडी ब्लाक तैयार होने के कुछ समय बाद इसी कांप्लेक्स के साथ ही 50 बिस्तर वाले एमरजेंसी ब्लाक का निर्माण किया गया। करीब चार दशक से क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाते आ रहे सिविल अस्पताल की इमारत की हालत काफी दयनीय हो चुकी है।
अस्पताल के ज्यादातर हिस्से में छतों तथा दीवारों के बाहर सरिया झांकने लगा है। इसके चलते अस्पताल में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा होना का भय बना हुआ है। इसके अलावा अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते ओपीडी तथा इमरजेंसी ब्लाक की जगह छोटी पड़ने लगी है। वहीं अस्पताल में पार्किंग के लिए जगह की कमी के कारण गत लंबे समय से इसे किसी बड़ी जगह पर शिफ्ट करने की मांग उठ रही है।
इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल की इमारत की हालत सुधारने की बजाय खस्ताहाल इमारत में ही पाइपलाइन बिछाकर आगजनी से बचाने के लिए हाइडेंट सिस्टम लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
मंत्री कई बार कर चुके है शिफ्ट करने की बात
हलका विधायक तथा राजस्व मंत्री कई बार अस्पताल को अपग्रेड कर पचास की बजाय सौ बिस्तर का करने की बात कह चुके हैं। इसके अलावा अस्पताल में जगह की कमी को देखते हुए इसे शहर के बाहर किसी अन्य जगह शिफ्ट करने की बात भी कही जा रही है, लेकिन अब हाइडेंट सिस्टम से लगता है कि इसी कंडम इमारत में अस्पताल चलेगा।
वही अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बीते वर्ष जून महीने में ही डिप्टी मेडिकल कमिश्नर बठिडा को पत्र भेजकर अस्पताल की इमारत की खस्ता हालत संबंधी जानकारी दे दी थी। हादसे की संभावना को देखते हुए इमारत में सुधार करने की मांग की गई थी। अस्पताल को यहां से शिफ्ट करने की बात हो रही थी, लेकिन अब यहां हाइडेंट सिस्टम लगवाया जा रहा है।
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