डेरा बाबा नानक [गुरदासपुर]। गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट के बाद भी लोग किसान आंदोलन में जाने के लिए तैयार नहीं हुए तो डेरा बाबा नानक के गांव गुयारा के रहने वाले 46 वर्षीय किसान ने रविवार सुबह जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। गांव गुयारा के मृत किसान परविंदर सिंह के पिता अजीत सिंह ने बताया कि परविंदर सिंह जम्हूरी किसान सभा की इकाई कलानौर से जुड़ा था। वह दिल्ली में चल रहे आंदोलन में शुरू से शामिल रहा।
आंदोलन से लौटने के बाद परविंदर सिंह ने दोबारा दिल्ली जाने के लिए शनिवार को तैयारी की थी। दो दिन से लोगों को दिल्ली जाकर आंदोलन में शामिल होने के लिए अपील कर रहा था। रविवार सुबह उसने दिल्ली आंदोलन में जाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली को गुरुद्वारा साहिब के बाहर लगाया था। स्पीकर से अनाउंसमेंट की कि अपनी जमीन को बचाने के लिए गांव के अधिक से अधिक लोग दिल्ली चलें। फिर भी लोग दिल्ली जाने के लिए तैयार नहीं हुए।
ट्रैक्टर-ट्राली लोगों से नहीं भरी तो वह मानसिक तौर पर परेशान हो गया और श्मशानघाट में जाकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। एसएचओ बलकार सिंह का कहना है कि पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस संबंध में धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अजीत सिंह ने बताया कि उसका बेटा अपने पीछे दो बेटियांं छोड़ गया है। उसके बेटे की साढ़े तीन एकड़ जमीन थी। उधर, जम्हूरी किसान सभा के सदस्यों ने दो मिनट का मौन धारण करने के बाद सरकार से मांग की कि मृतक किसान को शहीदी का दर्जा देने के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
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