गुरदासपुर जिले से 13 अध्यापकों ने तय समय के बाद के एक्सपीरियंस सर्टीफिकेट लगाकर नौकरी हासिल कर ली है। अब शिक्षा विभाग ने इन टीचरों को नौकरी से निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके चलते इन टीचरों में हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई हाईकोर्ट के फैसले के आधार शुरू की है। मामले को लेकर अमित कटारिया ने हाईकोर्ट में पटीशन दायर की थी।
इसे लेकर 10 जनवरी 2020 को फैसला सुनाया गया था। 27 अगस्त 2020 को टीचरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। इन टीचरों ने 264 मुख्यध्यापकों की सीधी भर्ती में गलत एक्सपीरियंस सर्टीफिकेट दाखिल कर नौकरी हासिल की थी। इनका एक्सपीरियंस सर्टीफिकेट 27 नवंबर, 2013 को जारी कट आउट से बाद के तस्दीक हुए हैं।
इन पर लटकी तलवार
इन टीचर्स में सरकारी हाई स्कूल चक्कशरीफ की हेड मिस्ट्रेस पलविंदर कौर, जीएचएस धर्मकोट के सुभाष चंद्र, जीएचएस बांठावाला की सुमन बाला, जीएचएस मौनी मंदिर की रेणु बाला, जीएचएस पसनावाल की किरण बाला, जीएचएस जोगी चीमा का गोपी रंजन, जीएचएस कमदीला की वरिंदरपाल कौर, जीएचएस अवांखा की रेणु बाला, जीएचएस पट्टी राजिंदरजीत कौर, जीएचएस हवेली का तेजवीर सिंह, जीएचएस अटवाल की निधी, जीएचएस गजनीपुर का कमल किशोर और जीएचएस लखनकलां की निर्मला देवी शामिल हैं।
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