बठिंडा. पिछले कई दिनों से कोरोना वैक्सीन की कमी से जूझ रहे जिला सेहत विभाग के पास रविवार को केंद्र सरकार से मिलने वाली वैक्सीन का स्टाक पूरी तरह से जीरो हो गया है। इसके चलते 45 साल से ऊपर लगने वाले टीके भी रविवार से बंद हो गए और विभाग की तरफ से चलाएं जा रहे टीकाकरण सेंटर बंद कर दिए गए है। विभाग के पास एक भी डोज नहीं होने के चलते रविवार को जिले में चल रहे टीकाकरण सेंटरों के बाहर आउट आफ स्टाक के पोस्टर विभाग की तरफ से लगा दिए गए, जिसके देखकर वैैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे लोग निराश होकर वापस लाैट गए।
हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से भेजी गई वैक्सीन का करीब एक हजार के करीब डोज पड़ी है, लेकिन वह डोज केवल 18 से 44 साल में केवल श्रमिकों या फिर विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों को ही लगाई जा रही है। इसके लिए उन्हें अपना मेडिकल साटिफिकेट लाजिमी किया गया है, जबकि 45 साल 59 और 60 से ऊपर के अलावा हेल्थ वर्कर व फ्रंट लाइन वर्कर को लगाई जा रही कोवैक्सीन भी रविवार खत्म हो गई है, जबकि कोविडशील्ड खत्म हुए एक सप्ताह हो चुका है, जिसका स्टाक अभी तक सेहत विभाग के पास नहीं आया है। इसके चलते विभाग ने कोवैक्सीन की पहली डोज केवल अति जरूरत व हेल्थ वर्करों को लगाने का फैसला किया था, लेकिन रविवार को अब वह भी खत्म हो गया है। ऐसे में टीकाकरण अभियान पूरी तरह से प्रभावित हो गया और यह अभियान दोबारा कब शुरू होगा, इसके बारे में स्थानीय सेहत विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि उन्हें खुद ही मालूम नहीं है कि स्टाक कब उनके पास आएगा, चूकिं स्टेट की तरफ से भी उन्हें कोई स्पष्ट जबाव नहीं दिया जा रहा है।
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