-बैठक के बाद जिला व सेहत प्रशासन को सौंपा पत्र, वही नियम नहीं मान रहे प्राइवेट अस्पतालों को दी सुधर जाने की चेतावनी
बठिंडा. जिले में कोरोना महामारी के दौर में कुछ प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से सरकार की सख्त हिदायतों के बावजूद मरीजों सो ओवरचार्जिग करने के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से सख्त स्टेंड लेते ऐसे अस्पतालों व डाक्टरों का समर्थन करने से मना कर दिया जो नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं व मरीजों से मनमाने चार्ज वसूल कर रहे हैं। फिलहाल आईएमए के इस स्टेंड के बाद अब जिला व सेहत प्रशासन बिना किसी दबाव के नियमों की पालना करवाने के लिए खुलकर कारर्वाई करने की योजना पर काम करेंगा। सेहत विभाग ने पिछले सप्ताह शहर में चार बड़े प्राइवेट अस्पतालों में छापामारी कर वहां का रिकार्ड जब्त किया था व इस बाबत इंडियन मेडिकल काउंसिंल के साथ स्टेट हेल्थ मनिस्ट्री को उक्त अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की सिफारिश की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान डा. विकास छाबड़ा ने सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस मामले में विचार किया। इसमें तय किया गया कि विश्व भर में जहां महामारी के कारण लोग परेशान है वही डाक्टरों व सहयोगियों की टीम लोगों की कीमती जान बचाने के लिए दिन रात काम कर रही है। इसी बीच कुछ अस्पताल प्रबंधन इस महामारी में भी मरीजों से अतिरिक्त चार्ज वसूली कर रहे हैं। बैठक में तय किया गया कि मेडिकल एसोसिएशन ऐसे किसी भी अस्पताल व डाक्टर का समर्थन नहीं करेगा जो मरीजों से सरकार की तरफ से तय फीस से अधिक के चार्ज वसूल कर रहे हैं। इस बात से स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि नियमों की पालना नहीं करने वाले अस्पतालों व डाक्टरों पर प्रशासन व सरकार किसी तरह की कानूनी कारर्वाई करता है तो डाक्टरों का संगठन उसका समर्थन करेगा व प्रशासन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएंगा। फिलहाल आईएमए ने इस फैसले के संबंध में डीसी बठिंडा बी श्रीनिवासन व सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों को भी अवगत करवा दिया गया है।
गौरतलब है कि जिले में बढ़ते कोरोना मरीजों की तादाद के बाद जिला प्रशासन ने करीब चार दर्शन प्राइवेट अस्पतालों में कोविड मरीजों विभिन्न लेबल के उपचार की सुविधा प्रदान करने की अनुमति प्रदान की थी। इस दौरान राज्य सरकार ने भी सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए गाइलाइन जारी की थी व सभी तरह के अस्पतालों को उनके लेबल अनुसार मरीजों से प्रतिदिन के चार्ज वसूलने के लिए कहा था। इसमें बाकायदा रेट भी फिक्स किए गए है इन्हें अस्पताल में विभिन्न काउंटर जहां मरीज व उनके परिजन आते है में डिस्पले करने के लिए कहा गया था। इस गाइडलाइन का कुछ अस्पतालों में तो पालना हुआ लेकिन अधिकतर बड़े अस्पताल जिसमें मैक्स सुपरस्पेसलिटी, दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट, गलोबल अस्पताल माल रोड व आईवीवाइ अस्पतालों ने पालना करने की बजाय मरीजों से प्रतिदिन के 30 से 40 हजार रुपए वसूलने का सिलसिला जारी रखा। इसमें सेहत विभाग के पास मिली शिकायतों के बाद टीम ने अस्पतालों में छापामारी की व वहां का रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया। कोरोना महामारी में कुछ अस्पतालों की लूट का प्रमाण इस बात से भी मिलता है कि पिछले तीन साल में नए बने कई अस्पतालों ने बैंकों से करोड़ों का कर्जा लिया था व महामारी में जहां पूरा देश मंदी के दौर में गुजर रहा है वही इन अस्पतालों ने अपने सभी कर्ज मात्र एक साल में ही लौटा दिए। फिलहाल प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ सेहत विभाग की कारर्वाई में रिकार्ड जब्त करने की बात की जा रही है वही कई अस्पतालों ने उन मरीजों से संपर्क करना शुरू कर दिया है जिनसे उन्होंने ओवरचार्जिंग वसूल की थी व अब रिकार्ड सेहत विभाग के कब्जे हैं। इन मरीजों को कहा जा रहा है कि वह मामले में शिकायतकर्ता न बने बल्कि वह उनके अतिरिक्त वसूले पैसे वापिस करवा देंगे। इस मामले में सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों का कहना है कि सरकार की हिदायतों के अनुसार जो भी अस्पताल मरीजों से अतिरिक्त वसूली करेगा उनके खिलाफ कानूनी व विभागीय कारर्वाई जारी रहेगी। रिकार्ड में जो खामी मिली है उसके आधार पर उक्त कारर्वाई होगी।
फोटो -डा. विकास छाबड़ा
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