बठिंडा. अब ब्लैक फंगस से होने वाली हर डैथ का आडिट किया जाएगा। पंजाब सरकार ने इस बाबत एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के आधार पर ब्लैक फंगस का इलाज करने वाले हरेक सरकारी व प्राइवेट अस्पताल के मैडीकल स्पैशलिस्ट की टीम बनेगी। यह कमेटी सभी डैथ का ऑडिट करने के बाद स्पष्ट रूप से बताएगी कि मरीज का असल में कॉज ऑफ डैथ क्या था।
चारों दवाएं सरकारी सप्लाई से दी जाएगी
एक्सपर्ट कमेटी ने एंफोटेरिसिन बी (कनवेंशनल), लिपौसोमल एंफोटेरिंसिन बी इंजैक्शन, पौसाकोनेजौल गोली व इटाकोनाजोल कैप्सूल को ब्लैक फंगस में इलाज के लिए मंजूर किया है। प्राइवेट अस्पतालों को उक्त सभी दवाएं सरकार की ओर से मुहैया करवाई जाएंगी। एंफोटेरिसिन बी इंजैक्शन का रेट सरकार पहले ही तय कर चुकी है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों को पोसाकोनेजोल गोली 437.50 रुपए (प्रति गोली) व इ्ट्राकौनाजोल कैप्सूल 141 रुपए (10 कैप्सूल) के रेट से मुहैया करवाए जाएंगे। सरकारी सप्लाई से दी जाने वाली लिपेसोमल एफोटेरिंसिन बी इंजैक्शन (मायलॉन ब्रांड) का रेट 5950 रुपए प्रति वायल तय कर दिया गया है जबकि सिपला का इंजैक्शन 5400 रुपए प्रति वायल रेट तय किया था जबकि एंफोटेरेसिन वी का रेट 1424.82 रुपए तय किया जा चुका है।
मरीज की मौत होने पर बची दवाएं वापस ले लेंगे सिविल सर्जन
स्टेट हैडक्वार्टर से यह दवाएं सिविल सर्जन दफ्तरों को भेजी जाएंगी। सिविल सर्जन मरीजों का रिकार्ड चैक करने के बाद ड्रग इंस्पैक्टर के जरिए संबंधित अस्पतातों को मरीज के लिए दवा जारी करेंगे। यदि इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाती है, तो बची दवाएं सिविल सर्जन दफ्तर में वापिस मंगवाई जाएंगी, ताकि उन्हें किसी अन्य मरीज को जारी किया जा सके।
पोर्टल पर मरीज का ब्यौरा अपलोड होगा, तभी मिलेगी दवा
ब्लैक फंगस के सभी पॉजिटिव मरीजों का एस-3 पोर्टल पर ब्यौरा अपलोड करना होगा, उसके बाद ही उनके लिए दवाएं जारी हो पाएंगी। मरीज की मौत होने या उसके ठीक होकर अस्पाल से डिस्चार्ज होने पर भी पोर्टल पर स्टेटस अपडेट करना लाजिमी है।
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